ऋषिकेश में जो भी पर्यटक घूमने या गंगा स्नान करने के लिए पहुंचता है,उसके लिए राम झूला और लक्ष्मण झूला पुल दोनों ही आकर्षण का केंद्र रहते हैं। लेकिन पुल पर आवाजाही रोके जाने के बाद यहां के लोग अब गंगा के जलस्तर में कमी का इंतजार कर रहे हैं जिससे कि पुल को ठीक किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश एक बड़ी प्राकृतिक विभिषिका झेल रहा है। भारी बारिश और भूस्खलन से राज्य के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राजधानी शिमला पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश का कहर जारी है. राज्य में पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है जिसके परिणामस्वरूप इमारतों और संपत्तियों को नुकसान हुआ है। 15 अगस्त को शिमला के कृष्णा नगर इलाके में भूस्खलन के बाद पांच से सात घर ढह गए. अधिकारियों के मुताबिक, कुछ निवासियों के मलबे में
हिमाचल प्रदेश के शिमला, सोलन और मंडी समेत 6 ज़िलों में भयानक भूस्खलन हो रहा है। हालात इतने बुरे हो रहे हैं कि पिछले 72 घंटे के भीतर 60 से ज्यादा शव मिल चुके हैं और दर्जनों अभी भी मलबे में दबे हुए हैं।
उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश से कई जिलों में भयंकर तबाही मची है। लोगों के अंदर जुलाई जैसी दहशत फिर देखने को मिल रही है। हिमाचल और उत्तराखंड दोनों जगह सैकड़ों सड़कें लैंडस्लाइड के चलते बाधित हैं।
इस बार मानसून ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी तबाही मचाई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अब मानसून दक्षिण भारत की ओर मुड़ गया है। जानें लेटेस्ट अपडेट-
उत्तराखंड के तीर्थ स्थल मदमहेश्वर का राज्य के अन्य हिस्सों से संपर्क कट गया है। यहां करीब 200 लोग फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
आंतरिक कलह से जूझ रहे देश म्यांमार में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से खदान धंसने का मामला सामने आया है। खदान में भूस्खलन की वजह से कई श्रमिक दब गए। इनमें से 25 लोगों के शव बरामद हुए हैं। कई लोग अब भी लापता हैं, जिन्हें ढूंढा जा रहा है।
शिमला के कृष्णनगर में भारी लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें स्लॉटर हाउस सहित कई घर जमींदोज हो गए, जिसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है किस तरह से पेड़ गिरने के बाद स्लॉटर हाउस की बिल्डिंग धराशाई हो गई।
हिमाचल में बारिश और लैंडस्लाइड से तबाही मची है तो वहीं उत्तराखंड में भी गंगा पूरे उफान पर है। हिमाचल में अबतक 50 लोगों की मौत हो चुकी है। जानिए अबतक के अपडेट्स-
चीन की राजधानी बीजिंग में पिछले 70 साल की सबसे ज्यादा 257.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इससे पहले 1951 में इतनी तेज बारिश हुई थी।
वायरल हो रहे इस वीडियो में दिख रहा है कि खतरा कभी भी और किसी भी रूप में आ सकती है। अगर आदमी सतर्क नहीं रहेगा तो, उसकी जान खतरे में पड़ सकती है। इस वीडियो को लोग अपने सगे-संबंधियों को खूब शेयर कर रहे हैं।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के चौकी फाटा के तहत तरसाली में भूस्खलन के मलबे में एक कार के दब जाने से पांच तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। ये घटना तब हुई जब ये सभी यात्री केदारनाथ जा रहे थे।
उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश से लोग परेशान हैं। देहरादून से लेकर कोटद्वार तक नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है तो उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन का अनुमान जताया गया है।
गौरीकुंड गांव में स्थित घटनास्थल की दूरी उस स्थान से महज कुछ किलोमीटर दूर है जहां पांच दिन पहले हुए भूस्खलन में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 20 अन्य लापता हो गए थे।
मिली जानकारी के मुताबिक, यमुना अथॉरिटी के इस स्कीम में 120 मीटर, 162 मीटर, 200 मीटर और 300 मीटर के प्लॉट हैं।
उत्तराखंड के गौरीकुंड में भूस्खलन की घटना में 17 लोग अभी भी लापता हैं जबकि तीन शव बरामद किए जा चुके हैं। शनिवार को भी राहत और बचाव कार्य जारी है।
भूस्खलन में पूरा होटल ही बह गया जहां नेपाली नागरिक ठहरे हुए थे। नेपाल का कंचनपुर जिला भारत के उत्तराखंड से सटा है।
जॉर्जिया में भारी बारिश लोगों का काल बनकर आई। जॉर्जिया के पहाड़ों में स्थित एक रिसॉर्ट क्षेत्र में लैंडस्लाइड होने से 7 लोगों की मौत हो गई। जबकि 30 से 35 लोग लापता हैं, जिन्हें खोजने के लिए टीमें काम कर रही हैं। जॉर्जिया के प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारजनों के प्रति शोक संवेदना जाहिर की है।
उत्तराखंड के गौरीकुंड में बारिश कहर बरपा रही है। देर रात मूसलाधार बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटना हुई है। मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है।
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