सत्तारूढ़ गठबंधन के तीन सहयोगियों शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने लोगों से अपील की है कि वे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बंद का पूरा समर्थन करें। यह बंद रविवार आधी रात से शुरू हुआ।
महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने महाराष्ट्र बंद का समर्थन किया है। बंद को लेकर महाराष्ट्र के सभी शहरों में पोस्टर लगाए गए हैं और लोगों से प्रधदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने की अपील की गई है।
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर आज महाराष्ट्र बंद रहेगा। इस बंद को महा विकास अघाड़ी सरकार ने भी अपना समर्थन दिया है।
लखीमपुर की घटना पर बोलते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गाड़ी से 5 लोगों की हत्या हो जाती है और वे खुद कह रहे हैं कि उनकी गाड़ी थी, लेकिन फिर भी पीएम मोदी अजय मिश्रा टेनी को मंत्री पद से क्यों नहीं हटा रहे हैं?
उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे संजय सिंह ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘जब तक अजय मिश्रा गृह राज्य मंत्री बने रहेंगे, तब तक इस मामले में न्याय नहीं हो सकता।’’
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा को 21 नंबर बैरक में जिला जेल प्रशासन के द्वारा रखा गया। 21 नंबर बैरक दरअसल क्वारंटीन बैरक है। जेल नियम के अनुसार जो भी नया कैदी आता है तो उसे सबसे पहले 14 दिन के लिए उसे क्वारंटीन बैरक में रखा जाता है।
आशीष मिश्रा को कल 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मंत्री के बेटे कल तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे जहां से उन्हें 1 बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव), 148 (घातक अस्त्र का प्रयोग), 149 (भीड़ हिंसा), 279 (सार्वजनिक स्थल से वाहन से मानव जीवन के लिए संकट पैदा करना), 338 (दूसरों के जीवन के लिए संकट पैदा करना), 304 ए (किसी की असावधानी से किसी की मौत होना), 302 (हत्या) और 120 बी (साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को एसआईटी ने करीब 12 घंटे तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। SIT आशीष मिश्रा को रविवार को सुबह कोर्ट में पेश कर सकती है।
कांग्रेस लखीमपुर हिंसा मामले के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर सोमवार को देश भर में ‘मौन व्रत’ कार्यक्रम का आयोजन करेगी।
वीडियो में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर भी निशाना साधा।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामला में बड़ी खबर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी हो सकती है।
लखीमपुर खीरी हिंसक घटना पर बोलते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 'वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा... जिन्होंने बाद में लाठी से हमला किया वह एक्शन का रिएक्शन है। कोई योजना नहीं है। वो हत्या में नहीं आता, हम उन्हें दोषी नहीं मानते।'
दिल्ली में लखीमपुर कांड पर यूथ कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। सुनहरी बाग के पास यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगा है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को लखीमपुर में हुई घटना को लेकर योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि लखीमपुर की घटना का वीडियो जिसने भी देखा उसने घटना की निंदा की है। ये संविधान कुचलने वाली सरकार है। सबने सब कुछ देखा फिर भी दोषी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं। जिन भी परिवार से मैं मिला सबने कहा कि दोषी को सज़ा मिले।
सपा प्रमुख ने बताया कि जिन परिवारों से उन्होंने मुलाकात की है, उन्होंने यही कहा है कि दोषियों को सजा मिले लेकिन सरकार अभी भी आरोपियों को बचाना चाहती है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री द्वारा लोगों को धमकी दी गई है।
पुलिस के आला अधिकारी आशीष मिश्रा से पूछताछ कर रहे हैं। उधर, पुलिस की टीम आशीष के दोस्त अंकित दास की तलाश में जुटी है। आज पुलिस की टीम ने अंकित दास के ठिकानों पर छापे मारे।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंचे जहां पुलिस के आला अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से अलग-अलग मुलाकात की।
लखीमपुर में विपक्षी दलों के नेताओं को पीड़ित परिवारों से मिलने न दिये जाने पर योगी आदित्यनाथ ने कहा,'' हमारे विपक्ष के जो मित्रगण थे, कोई सद्भावना के दूत नहीं थे और उनमें से कई चेहरे तो ऐसे हैं जो इस उपद्रव और इस हिंसा के पीछे भी शामिल हैं। एक बार तथ्य सामने आने दीजिए, हम दूध का दूध और पानी का पानी, सबके सामने रखेंगे।''
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