जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को 2 केंद्र शासित क्षेत्र बनाए जाने के बाद अविभाजित जम्मू-कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन गुरुवार को हटा दिया गया।
पूर्व नौकरशाह राधा कृष्ण माथुर ने गुरुवार को केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। जम्मू कश्मीर के विभाजन के बाद लद्दाख अलग केंद्र शासित क्षेत्र बना है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 31 अक्टूबर की सुबह से काफी कुछ बदल गया है। पिछले 72 सालों से एक ही प्रदेश का हिस्सा रहे ये क्षेत्र अब 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित हो गए हैं।
बुधवार देर रात गृह मंत्रालय की अधिसूचना जारी होने के बाद देश के सबसे उत्तरी राज्य जम्मू कश्मीर का दर्जा खत्म हो गया।
भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व ब्रिगेडियर एच एस गिल और कर्नल मनोज कुमार ने किया। बैठक के अवसर पर शिष्टमंडल के नेताओं ने दीये जलाए। दोनों देशों ने सभी स्तरों पर संबंधों को मजबूत करने का भी जिक्र किया।
जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल बनने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के गुजरात काडर के आईएएस अफसर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के विश्वासपात्र हैं। तीनों का साथ काफी पुराना है।
उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर, 2019 से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे।
ट्रम्प प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के पीछे के भारत के मकसद का समर्थन करता है, लेकिन वह घाटी में मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित है।
दिखने में तो ये भले ही 1400 फीट की लंबाई वाला एक सामान्य सा पुल लगता है लेकिन इस छोटे से पुल ने चीन जैसी महाशक्ति को चिंता में डाल दिया है। सबसे ख़ास बात ये है कि चीन की तमाम धमकियों के बाद भी भारतीय सैनिकों ने चीन की आंखों में आंखें डालकर इस पुल का निर्माण किया है।
कश्मीर और जम्मू क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत लद्दाख के 380 से अधिक पुलिसकर्मियों को शीघ्र ही लद्दाख स्थानांतरित किया जाएगा और उन्हें नये केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत तैनात किया जाएगा।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती यानि 31 अक्टूबर से भारत के नक्शे पर दो नए केंद्र शासित प्रदेश उभरेंगे। इसी दिन से जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के सबसे नए केंद्र शासित प्रदेश की शक्ल अख्तियार करेंगे।
भारत का उत्तरी राज्य लद्दाख आज भारतीय युद्धक टैंकों की आवाज़ से गूंज गया। चीन सीमा के नज़दीक पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने जल-थल-नभ में अपनी ताकत दिखाते हुए एक बड़ा युद्धाभ्यास किया।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को 70 साल तक भेदभाव का सामना करना पड़ा है। इसका दुष्परिणाम, हिंसा और अलगाव के रूप में, अधूरी आशाओं और आकांक्षाओं के रूप में पूरे देश ने भुगता है।
शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, बिना समय गंवाए केंद्र सरकार ने नए जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार, "विधानसभा क्षेत्रों का नया परिसीमन विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा पूरा किया जाएगा।"
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) हाल में बने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का अग्रणी बैंक बनना चाहता है। बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को यहां नुब्रा घाटी के दिस्कित क्षेत्र में बैंक की लद्दाख क्षेत्र में 14वीं शाखा का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग झील के तट पर बुधवार को भारत और चीन के सैनिकों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी लेकिन सैन्य सूत्रों ने बताया कि अब इस मसले को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया है।
पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर विवादित फिंगर 5 से फिंगर 8 इलाके में 15 अगस्त 2017 को भी दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी, जिसमें पत्थरों और लोहे के रॉड्स का भी एक दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो नवगठित केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के बीच संपत्तियों के विभाजन की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय सलाहकार समिति की घोषणा की।
लद्दाख को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने के मुद्दे पर बुधवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी), गृह मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय की बैठक होगी। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "एनसीएससी, गृह मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के साथ इस बात पर चर्चा करेगा कि क्या लद्दाख को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिया जा सकता है, जिसकी स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं।"
सोमवार को जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (प्लानिंग कमीशन) रोहित कंसल ने बताया कि कश्मीर घाटी में 26 हजार लैंडलाइन काम कर रहे हैं। जम्मू और लद्दाख में लैंडलाइन और मोबाइल पूरी तरह काम कर रहे हैं।
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