सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने लद्दाख सीमा विवाद से निपटने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना किए जाने को ‘‘अवांछनीय एवं निंदनीय‘‘ करार दिया है।
सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि दोनों सेनाएं गलवान घाटी के गश्ती प्वाइंट 14 और 15 तथा हॉट स्प्रिंग इलाके में ‘‘पीछे हटी’’ हैं। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष दोनों इलाकों में डेढ़ किलोमीटर तक पीछे चला गया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा मजबूत है। हमने कूटनीतिक रूप से चीन के साथ मामले को सुलझा लिया है।
चीन के सैनिकों के भारतीय सीमा में दाखिल होने संबंधी राहुल गांधी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने बुधवार को सवाल किया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को भारत की सेना पर ऐतबार होने की बजाए चीन के दुष्प्रचार पर इतना भरोसा क्यों है।
चीन ने कहा है कि भारत और उसके बीच चल रहे सीमा विवाद पर हो रही बातचीत के दौरान एक सकारात्मक सहमति बनी है।
विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत के पास पठार और पर्वतीय इलाकों के मामले में विश्व में सबसे बड़ी और सर्वाधिक अनुभवी सैन्य टुकड़ी है जो तिब्बत सीमा पर इस तरह के क्षेत्र में उपयुक्त कुछ सर्वश्रेष्ठ हथियारों से लैस है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गलवान घाटी समते तीन जगहों पर चीन के सैनिक अपने infantry combat vehicles के साथ 2.5 किलोमीटर पीछे हट गए हैं।
कांग्रेस ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की सेना के साथ चल रहे गतिरोध को लेकर सोमवार को सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या वाकई वे चीन से बात कर रहे हैं, क्योंकि हमारी सेना के अधिकारी और चीन की सेना पीएलए के अधिकारी भी एक दूसरे से बात कर रहे हैं।’’
लद्दाख में भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी तनाव के बीच शनिवार को दोनों देश के बीच कमांडर स्तर की चर्चा हुई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों से बातचीत की है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री ने लद्दाख की सिचुएशन के बारे में भी पूरी जानकारी ली है।
चीन के सरकारी अखबाल ग्लोबल टाइम्स ने विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है कि लद्दाख में भारत और चीन के बीच मुद्दा काफी उलझा हुआ है और थोड़े समय के लिए दोनो देशों की सेना वहां बनी रह सकती है।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत और चीन के सैन्य कमांडर, दोनों देशों के नेतृत्व के बीच हुए समझौते के साथ द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार पूर्वी लद्दाख में मौजूदा सीमा मसले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने पर राजी हो गए हैं।
इससे पहले भारतीय सेना की तरफ से इस बैठक को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि भारत-चीन बॉर्डर पर मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए भारत और चीन के अधिकारी स्थापित सेना और डिप्लोमैटिक रास्तों के जरिए बात करते रहेंगे
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बैठक अभी तक शुरू नहीं हुई है। बैठक 9 बजे के आसपास शुरू होने वाली थी, लेकिन अब 11-11:30 बजे के बीच होने की संभावना है।
चीन ने भारत के ख़िलाफ़ अपने पश्चिमी थियेटर कमांड के प्रमुख को बदल दिया है, पहले इसके कमांडर जनरल झाओ ज़ोंगकी थे जो 2016 से इस कमांड को लीड कर रहे थे, और अब इस फ्रंट के लिये शू किलिंग को नियुक्त किया गया है।
आपको बता दें कि चीन की भारत के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जो 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश से जुड़ती है। चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी और पैंगोंग झील के इलाके में घुसपैठ की है जिसके चलते ताजा विवाद पैदा हुआ है।
भारत और चीन के बीच LAC पर जारी गतिरोध के बीच आज भारतीय सेना और चीन की पीएलए के बड़े अधिकारियों के बीच बैठक होनी है। इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक़ ताजा गतिरोध के दौरान पहली बार दोनों सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच बैठक होनेवाली है।
लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच 6 जून यानी शनिवार को भारत और चीन के बीच डेलिगेशन लेवल की होने वाली बातचीत पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक पहली बार लेफ्टिनेंट जनरल रैंक ऑफिसर की मीटिंग इस बार भारतीय सेना और चाइनीज PLA के बीच हो रही है।
भारतीय सैनिक सीमा पर डटे हुए हैं और यह साफ कर दिया है कि चीन के सैनिकों के वापस जाए बिना वे अपनी पोस्ट से नहीं हिलेंगे।
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