लद्दाख में LAC पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। 15 जून की रात गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद तनाव और भी बढ़ा हुआ है।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने चीन से लगती सीमा पर अग्रिम इलाकों में लड़ाकू विमान और हजारों की संख्या में अतिरिक्त सैनिकों को भेजा है।
चीन के साथ लगती 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी आक्रमक बर्ताव का ‘मुंह तोड़’ जवाब देने की ‘पूरी आजादी’ दी गई है।
अमरिंदर ने पंजाब के 4 सैनिकों के गलवान घाटी में मारे जाने पर आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, सैन्यकर्मी के रूप में भी हम हमेशा गोलियां खाने को तैयार रहते हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि चीनी घुसपैठ के खिलाफ पूरा राष्ट्र सरकार के साथ खड़ा है लेकिन हमें सच का पता होना चाहिए।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत से लगती सीमा पर तनाव ‘‘भड़काने’’ और रणनीतिक दक्षिण चीन सागर में सैन्य तैनाती को लेकर चीनी सेना की आलोचना की है और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को ‘‘शरारती’’ तत्व करार दिया है।
LAC पर एयर पेट्रोलिंग को लेकर उन्होंने कहा, "जब भी आवश्यकता होती है हम ऐसा करते हैं। जब भी हम असामान्य गतिविधि देखते हैं, तो हम इसकी जांच करते हैं।"
सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह कहने के बाद कि भारतीय जमीन पर कोई विदेशी घुसपैठ नहीं है, चीन ने एक बार फिर केंद्र शासित लद्दाख के गलवान घटी पर अपना दावा किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर शनिवार को सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट दे दी है
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर लद्दाख सीमा पर चीन के खिलाफ भारतीय सेनाओं की वीरता को याद करते हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
गलवान घाटी में शहीद जवानों के मुद्दे पर राहुल गांधी लगातार सियासत कर रहे हैं। अब उसी संघर्ष में घायल एक जवान के पिता ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है और राहुल को नेतागीरी करने से परहेज करने की सलाह दी है।
लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया है।
चीन विवाद पर एयरफोर्स चीफ ने बड़ा बयान दिया है। हैदराबाद में वायुसेना की पासिंग आउट परेड में आर के एस भदौरिया ने कहा कि चीन की हरकत मंजूर नहीं की जा सकती, गलवान घाटी में हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
भारत के साथ एलएसी पर तनाव बढ़ाने के लिए अमेरिका ने चीन को बेहद सख्त चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा है की चीन ने भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है और अगर उसका यही रुख रहा तो हमें उसके बारे में दूसरी तरह से सोचना होगा।
चीन की सेना के कड़े विरोध के बावजूद भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान नदी पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक पुल का निर्माण पूरा कर लिया है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे पास ये Capability है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आँख उठाकर भी नहीं देख सकता।
राहुल गांधी को लिखे पत्र में भाजपा उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि उन्हें बयान देने से पहले अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज चीन और नेपाल भारत की ओर टेढ़ी नजरों से देख रहे है इसलिए अब समय आ गया है, जब प्रधानमंत्री को अपना 56 इंच का सीना दुश्मनों को दिखाना होगा।
संपादकीय में यह भी कहा गया कि देश ने 1962 की गलतियों से कोई सबक नहीं सीखा। इसमें कहा गया, “हम 1962 की तुलना में आज ज्यादा मजबूत हैं। अगर (तत्कालीन प्रधानमंत्री) नेहरू को दोषी ठहराने वाले लोग आत्मावलोकन करें, तो 20 जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।”
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