एलएसी पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से देश की एक-एक इंच ज़मीन की हिफाजत कर रही है और जब तक चीन का आखिरी सैनिक, आखिरी पोस्ट, आखिरी तंबू, आखिरी हथियार बहुत पीछे नहीं चला जाता तब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी।
सीमा पर भले ही भारत और चीन के बीच समझौता हो गया लेकिन चीन इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। लद्दाख में चीन शांति स्थापित करने की दुहाई दे रहा है, वहीं भारत को जब दूसरे देशों का समर्थन मिल रहा है तो उसे देखकर परेशान भी हो रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत को गलवान घाटी की घटना को गश्ती-टकराव मानकर खारिज करने की गलती नहीं करनी चाहिए।
सोमवार को करीब 11 घंटे तक चली कोर कमांडर्स की मीटिंग में तय हुआ कि भारत और चीन दोनों देशों की फौज अपनी अपनी पुरानी पोजीशन पर लौटेगी।
भारत और चीन अपने सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को खारिज कर चुके हैं। रूस के दोनों देशों से करीबी रिश्ते हैं।
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सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लेह पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात की। आर्मी चीफ ने उन घायल सैनिकों से भी मुलाकात की जो LAC पर चीन के साथ हुई झड़प में घायल हो गए थे।
भारतीय सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और एलएसी पर चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है।
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाता है कि चीन इस हमले के जरिए भारत को अपनी ताकत का संदेश देना चाहता था। हालांकि चीन की यह योजना उल्टी पड़ गई और इस हिंसक झड़प में उसके 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हो गए।
विघटन के लिए आपसी सहमति थी। पूर्वी लद्दाख में सभी घर्षण क्षेत्रों से विस्थापन के तौर तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों पक्षों द्वारा इसे आगे बढ़ाया जाएगा: सेना
कमांडर्स लेवल की बातचीत के बाद चीन झुक गया है। कल की बातचीत में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी है और जिन प्वाइंट को लेकर टेंशन है, उनसे दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी।
मुख्य स्टिकिंग बिंदुओं में से एक पैंगोंग झील का 'फिंगर एरिया' है, जहां चीनी सिरिजाप पोस्ट से 'फिंगर 4' तक आते हैं, जो 'फिंगर 8' से परे है। LAC की भारत की धारणा फिंगर 8 से परे है।
चीन से तनाव के बीच सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे हालात का जायजा लेने के आज दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंच गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख लद्दाख में तैनात कमांडरों के साथ गतिरोध पर चर्चा करेंगे और अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आज पहली बार जयशंकर और वांग यी आमने-सामने होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर आज रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे।
सोमवार को सहरद पर भारत और चीन के बीच एक बार फिर कोर कमांडर लेबल की बात हुई और इसमें भारत ने साफ कर दिया कि चीन को दो मई से पहले वाली स्थिति बहाल करनी होगी।
लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव है। LAC पर दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने खड़ी हैं। इस बीच इंडिया टीवी आपके लिए लेकर आया कहानी 1962 के युद्ध की।
लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच पिछले सप्ताह हुए हिंसक संघर्ष को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने केंद्र और विपक्ष के बीच एकजुटता और परिपक्वता पर बल दिया।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच सीमा पर हुई हिंसक झड़पों के बाद कल पहली बार जयशंकर और वांग यी आमने-सामने होंगे।
भारतीय सेना और चीनी की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच आज एक बार फिर से बातचीत हो रही है। ये बातचीत भारतीय सेना और चीनी पीएलए के सैन्य अधिकारियों के बीच हो रही है।
चीन के खिलाफ भारतीय सेना को खुली छूट देने पर चीन में खलबली मच गई जिसके बाद चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गीदड़भभकी दी है।
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