साठ साल में चीन को कभी सख्त जबाव नहीं मिला था, इसलिए चीन की हिम्मत बढ़ी थी, लेकिन साठ साल में पहली बार चीन को भारत ने आंख दिखाई, तो ड्रैगन चुपचाप अपने रास्ते वापस हो लिया।
इस समय लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के दूसरी तरफ़ यानी चीन की तरफ करीब 35 हज़ार चीनी सैनिक तैनात हैं। इंडिया TV को इस बात की भी जानकारी मिली है कि इन सैनिकों के साथ साथ चीनी हथियारों को भी पीछे ले जाना होगा।
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के पीछे हटने और चीनी पक्ष से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से बातचीत को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं।
मिग -29 सहित कई फाइटर जेट रात के ऑपरेशन में शामिल थे; अपाचे हेलीकॉप्टरों ने भी अभ्यास में भाग लिया।
चीन ने गलवान घाटी में अप्रैल 2020 के यथास्थिति को मानते हुए पीछे हटने का फैसला लिया और फिलहाल पेट्रोलिंग प्वॉइंट 14 से अपने सारे स्ट्रक्चर और गाड़ियों को हटा लिया है। वहीं पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 पर चीन ने लगभग अपनी बीस टेंट और करीब 200 जवानों को पीछे किया है।
BRO चीन के साथ लद्दाख सेक्टर में 1,200 किलोमीटर लंबी LAC और नियंत्रण रेखा और पाकिस्तान के वास्तविक नियंत्रण रेखा की 250 किलोमीटर की सीमा को देखता है।
अमेरिकी एजेंसी यूएसजीएस के अनुसार इंडोनेशिया में देर रात भूकंप के बड़े झटके महसूस हुए। वहीं सिंगापुर में भी भूकंप के तगड़े झटके आए हैं।
लद्दाख में LAC पर तनाव कुछ कम होता नजर आ रहा है। चीन ने LAC से अपने सैनिक हटाने के लिए राजी हो गया है। गलवान घाटी से चीन ने अपने सैनिक हटाने भी शुरू कर दिए हैं।
माइकल कुगलमन ने कहा कि न चीन भारत के साथ अपने रिश्ते पूरी तरह खत्म करना चाहता है और न ही भारत ऐसा चाहता है दोनों को कई वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे की जरूरत है।
दोनों देशों ने अपनी-अपनी तरफ से बातचीत के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए हुए थे, भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी को नियुक्त किया गया था।
देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल की चीन के विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी के साथ रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत हुई है
इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को भारतीय सेना की फिजिकल वेरिफिकेशन में यह पता चला है कि चीन की सेना ने अस्थाई टेंट हटा लिए हैं
गलवान में हुई हिंसा के बाद भारत-चीन के रिश्तों में खटास ज़रूर आयी है | साथ ही दोनों देशों के बीच भरोसे को लेकर भी कमी आई है |
भारतीय वायु सेना (IAF) के फाइटर जेट्स - सुखोई Su-30MKI और अपाचे हमले के हेलीकॉप्टरों ने पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के हमले के बाद एलएसी पर नजर रखने के लिए गश्त शुरू कर दी है।
उन्होंने यह भी कहा कि चीन लद्दाख, दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आक्रामक सैन्य मौजदूगी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पढ़ता जा रहा है और समय आ गया है कि भारत हालात का फायदा उठाए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि देशभक्त लद्दाखवासी चीनी घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और सरकार को उनकी सुननी चाहिए क्योंकि यदि उनकी बात को नजरअंदाज किया गया तो देश को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
भारत चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री ने आज लेह को दौरा किया और पड़ोसी मुल्क के साथ सीमा गतिरोध के मामले को लेकर भारत की दृढ़ता के संकेत दिए।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध पर भारत का पुरजोर समर्थन करते हुए जापान ने शुक्रवार को कहा कि वह क्षेत्र में यथास्थिति बदलने की 'किसी भी एकतरफा' कोशिश के खिलाफ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जून की गलवान घाटी संघर्ष में घायल हुए सैनिकों से मुलाकात की और वीर जवानों को संदेश देते हुए कहा कि आपके साहस को दुनिया ने देखा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लद्दाख यात्रा की सराहना की और कहा कि उनके इस दौरे से "हमारे वीर जवानों" का मनोबल बढ़ेगा।
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