चीन पहले गलवान में पिटा, फिर 29 और 30 अगस्त की रात को पिटा लेकिन ड्रैगन अपनी फितरत से बाज नहीं आ रहा। चीन ने कल यानी 31 अगस्त को भी LAC पर घुसपैठ की कोशिश की थी। सूत्रों के मुताबिक चीन की सेना की इस गुस्ताखी का भारतीय सेना ने तुरंत ही करारा जवाब दिया और चाइनीज आर्मी को पीछे भागना पड़ा।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच नए सिरे से पैदा हुए तनाव की पृष्ठभूमि में मंगलवार को एक और दौर की सैन्य वार्ता की। सूत्रों ने कहा कि ब्रिगेड कमांडर-स्तरीय वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय क्षेत्र में चुशूल में सुबह 10 बजे शुरू हुयी।
चीन के साथ ताजा हालात पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की हाईलेवल मीटिंग खत्म हो चुकी है। इस बैठक में भारतीय सीमा सुरक्षा के लिए कई फैसले लिए गए। बैठक में तय किया गया कि भारतीय सैनिक LAC को पार नहीं करेंगे। LAC के पास भारतीय सीमा की सुरक्षा मज़बूत की जाएगी।
High level meeting on LAC issue PM Modi: अगस्त के आखिरी सप्ताह में चीनी सेना द्वारा एक बार फिर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पार करने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
Wang Yi China Foreign Minister: भारत के साथ अगस्त के आखिरी हफ्ते में एक बार फिर हुए तनाव के बाद चीन की नई चाल सामने आई है।
गलवान घाटी से पीछे भागने के बाद चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की हिमाकत की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया। इस बीच सैटेलाइट तस्वीरों ने ड्रैगन की एक और पोल खोल दी है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच नए सिरे से पैदा हुए तनाव की पृष्ठभूमि में लद्दाख के उपराज्यपाल आर. के. माथुर ने सोमवार को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी से भेंट की।
गलवान घाटी से पीछे भागने के बाद चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की हिमाकत की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया लेकिन चीन इस बात से साफ मुकर गया कि उसके सैनिकों ने सीमा पार करने की कोशिश की।
इस बीच लद्दाख में चाइनीज आर्मी की एक साजिश का खुलासा हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई ताजा झड़प से पहले चीन ने लद्दाख इलाके में लड़ाकू विमान तैनात किए थे।
लद्दाख में चीनी सेना के साथ भारतीय सेना की एक बार फिर झड़प की खबर पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है।
भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति नजर आ रही है। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में बीते 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय नौसेना ने बड़ा कदम उठाते हुए दक्षिण चीन सागर में अपना एक फ्रंटलाइन वॉरशिप (जंगी जहाज) तैनात कर दिया है।
लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने 13 घंटे पैदल सफर तय करके अपने लोकसभा क्षेत्र के एक दुर्गम गांव रालाकुंग का दौरा किया। उन्होनें बताया कि 32 किलोमीटर का सफर तक कर रालाकुंग का दौरा किया।
पूर्वी लद्दाख में चीनी फौज के दुस्साहसपूर्ण घुसपैठ के बाद सैन्य तनाव दूर करने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर अभी तक हुई कई दौर की वार्ताओं का कोई नतीजा नहीं निकला है। दूसरी तरफ चीन की चालबाजियां भी बढ़ती जा रही हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान सभी समझौतों एवं सहमतियों का सम्मान करते हुए और एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव का प्रयास किए बिना ही प्रतिपादित किया जाना चाहिए।
एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा कि हिमाचल प्रदेश से लद्दाख तक एक वैकल्पिक मार्ग को पुन: खोलने के काम को तेज कर दिया गया है क्योंकि यह रणनीतिक महत्व वाली सड़क है। उन्होंने कहा कि परियोजना 2022 के अंत तक पूरी होने की संभावना है।
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्पों पर भी विचार हो रहा है।
चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच बीआरओ ने लद्दाख में Lukung को Khakted से जोड़ने वाली सड़क का काम पूरा कर लिया है। 36 करोड़ की लागत से बनाई गई इस सड़क की लंबाई 36 किमी है जो Lukung को चार गांवों - Maan, Merak, Spangmik, और Khakted से जोड़ती है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर जारी तनाव अब शांत होता दिखाई दे रहा है। हाल ही में दोनों पक्षों में बीच चर्चाओं का दौर हुआ है।
भारत और चीन के अगले दौर की राजनयिक स्तर पर बातचीत बृहस्पतिवार को करने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में तीन महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध का समाधान करने के लिये सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।
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