गलवान में हुए हिंसक झड़प और एलएसी पर जारी तनाव के बीच दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस संगठन ने चीनी नागरिकों को न ठहराने का फ़ैसला किया है।
लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद भारत-चीन में तनातनी जारी है। इस बीच एलएसी पर चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना ने फुलप्रुफ प्लान बना लिया है।
गलवान वैली की सैटेलाइट तस्वीरों पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स चीन के नहीं बल्कि भारत के हैं। पहले तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स को चीन का बताया जा रहा था लेकिन इंडिया टीवी की जानकारी के मुताबिक ये स्ट्रक्चर भारत के हैं।
कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत 'फॉल्स फ्लैग आपरेशन’ (ऐसी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई, जिसमें कार्रवाई करने वाले की पहचान अस्पष्ट हो) शुरू करने का बहाना ढूंढ रहा है लेकिन उन्होंने इसका कोई ब्यौरा नहीं दिया और न ही कोई सबूत दिया।
एक ओर शांति के लिए अफसरों के बीच बैठकें हो रही है और दूसरी ओर खबर ये है कि गलवान घाटी में हिंसा वाली जगह पर चीन ने टेंट लगा दिए हैं। गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर ये टेंट लगाए गए हैं।
एलएसी पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से देश की एक-एक इंच ज़मीन की हिफाजत कर रही है और जब तक चीन का आखिरी सैनिक, आखिरी पोस्ट, आखिरी तंबू, आखिरी हथियार बहुत पीछे नहीं चला जाता तब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी।
सीमा पर भले ही भारत और चीन के बीच समझौता हो गया लेकिन चीन इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। लद्दाख में चीन शांति स्थापित करने की दुहाई दे रहा है, वहीं भारत को जब दूसरे देशों का समर्थन मिल रहा है तो उसे देखकर परेशान भी हो रहा है।
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाता है कि चीन इस हमले के जरिए भारत को अपनी ताकत का संदेश देना चाहता था। हालांकि चीन की यह योजना उल्टी पड़ गई और इस हिंसक झड़प में उसके 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हो गए।
कमांडर्स लेवल की बातचीत के बाद चीन झुक गया है। कल की बातचीत में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी है और जिन प्वाइंट को लेकर टेंशन है, उनसे दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी।
चीन से तनाव के बीच सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे हालात का जायजा लेने के आज दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंच गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख लद्दाख में तैनात कमांडरों के साथ गतिरोध पर चर्चा करेंगे और अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आज पहली बार जयशंकर और वांग यी आमने-सामने होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर आज रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच सीमा पर हुई हिंसक झड़पों के बाद कल पहली बार जयशंकर और वांग यी आमने-सामने होंगे।
भारतीय सेना और चीनी की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच आज एक बार फिर से बातचीत हो रही है। ये बातचीत भारतीय सेना और चीनी पीएलए के सैन्य अधिकारियों के बीच हो रही है।
चीन के खिलाफ भारतीय सेना को खुली छूट देने पर चीन में खलबली मच गई जिसके बाद चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गीदड़भभकी दी है।
चीन से तनाव को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है और कहा है कि हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए।
सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह कहने के बाद कि भारतीय जमीन पर कोई विदेशी घुसपैठ नहीं है, चीन ने एक बार फिर केंद्र शासित लद्दाख के गलवान घटी पर अपना दावा किया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर शनिवार को सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट दे दी है
गलवान घाटी में शहीद जवानों के मुद्दे पर राहुल गांधी लगातार सियासत कर रहे हैं। अब उसी संघर्ष में घायल एक जवान के पिता ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है और राहुल को नेतागीरी करने से परहेज करने की सलाह दी है।
लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया है।
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