क्या भारत से एक और युद्ध चाहता है चीन? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि लद्दाख में अपने पांव पसारने की तैयारी कर रहे चीन की चाल सबके सामने बेनकाब हो चुकी है जिसके बाद अब वह बैकफुट पर है तो वहीं अब भारत ने भी कमर कस ली है।
भारत ने चीन की डिप्लोमेटिक घेराबंदी शुरू कर दी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री से बात की है। भारत ने 3 हजार 488 किलोमीटर की एलएसी पर तैनाती मजबूत कर दी है।
पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी तनातनी के बीच आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस शुरू हो चुकी है। आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे की अगुवाई में ये बैठक चल रही है। इस मीटिंग में आर्मी के टॉप कमांडर्स हिस्सा ले रहे हैं।
आर्मी के सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना ने घुसपैठ नहीं की। सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिक नागरिक कपड़े में और एक नागरिक वाहन में आए और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के दूसरी तरफ (चीनी के कब्जे वाले इलाके में) डेमचोक क्षेत्र में खुद को तैनात किया।
ये मीटिंग इस मायने में भी काफी अहम है क्योंकि डोकलाम को लेकर चीन लगातार गीदड़भभकी दे रहा है और अब तो हालात ये हो गए हैं कि चीनी मीडिया की ओर से अल्टीमेटम तक जारी किए जा रहे हैं। दरअसल चीन के सरकारी मीडिया की ओर से भारत पर दबाव बनाने की कोशिशों का सिल
चीनी सैनिक दो इलाके फिंगर फोर और फिंगर फाइव में सुबह 6 से 9 के बीच भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दोनों ही मोर्चों पर भारतीय जवानों ने उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया। इस इलाके पर दोनों अपना-अपना दावा करते रहे हैं। 1990 के दशक में भा
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