भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान के मिलकर मोर्चा खोलने की आशंका जताते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि हमें इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि PoK में चीन के पाक के साथ आर्थिक और सैन्य सहयोग पर हमें उच्च स्तर पर ध्यान देने की जरूरत है।
एलएसी के पार इनकी तैनाती के बाद ही चीन ने भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ के प्रयास शुरू कर दिए हैं। चीन ने पैंगॉन्ग त्सो में यथास्थिति को बदलने के लिए उत्तेजक सैन्य गतिविधि शुरू कर दी थी। हालांकि, भारतीय सैनिकों ने पीएलए के जमीन कब्जाने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर हुए ताजा टकरावों से उपजे हालात पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि उनका देश इस मसले के शांतिपूर्ण हल की उम्मीद कर रहा है।
High level meeting on LAC issue PM Modi: अगस्त के आखिरी सप्ताह में चीनी सेना द्वारा एक बार फिर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पार करने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
गलवान घाटी से पीछे भागने के बाद चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की हिमाकत की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया लेकिन चीन इस बात से साफ मुकर गया कि उसके सैनिकों ने सीमा पार करने की कोशिश की।
इस बीच लद्दाख में चाइनीज आर्मी की एक साजिश का खुलासा हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई ताजा झड़प से पहले चीन ने लद्दाख इलाके में लड़ाकू विमान तैनात किए थे।
चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्ष लंबित मुद्दों को शीघ्रता से हल करने के लिए सहमत हुए हैं।
चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच बीआरओ ने लद्दाख में Lukung को Khakted से जोड़ने वाली सड़क का काम पूरा कर लिया है। 36 करोड़ की लागत से बनाई गई इस सड़क की लंबाई 36 किमी है जो Lukung को चार गांवों - Maan, Merak, Spangmik, और Khakted से जोड़ती है।
चीन ने सोमवार (17 अगस्त) को कहा कि वह आपसी राजनीतिक भरोसा बढ़ाने, अपने मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों की रक्षा के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
चीन और भारत की सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आमने-सामने है। इस बीच चीन, पाकिस्तान को घातक लड़ाकू ड्रोन देकर उसकी मारक क्षमता में इजाफा करना चाह रहा है।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास भारत-चीन तनाव के बीच फ्रांस से भारतीय वायुसेना को 5 Rafale फाइटर जेट मिले लेकिन सवाल उठता है कि 29 जुलाई को भारतीय वायुसेना के अंबाला बेस पर उतरे ये Rafale जेट कहां हैं?
एलएसी पर यथास्थिति बहाल करने के लिए कमांडर स्तर बातचीत से कोई पुख्ता हल नहीं निकला। इसके बाद अब तनाव को कम करने के लिए आज मेजर जनरल स्तर की वार्ता हो रही है। सेना के सूत्रों के मुताबिक यह बातचीत दौलत बेग ओल्डी इलाके में हो रही है।
चीन के साथ मौजूदा गतिरोध के लंबे समय तक बने रहने की आशंका है। रक्षा मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के संबंध में अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह बात कही है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि दुनिया ने देखा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान चीन ‘और अधिक आक्रामक’ बन गया।
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के चीन की तरफ में मोल्दो में कोर कमांडर-स्तर की वार्ता होगी।
वायुसेना ने क्यों पहले 5 राफेल विमानों को अंबाला एयरबेस में तैनात करने की योजना बनाई है? इस सवाल का जवाब भारत के सामने रक्षा चुनौतियां और उन चुनौतियों से निपटने में अंबाला के महत्व से मिल जाता है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा निर्मित, यह उपग्रह रेडियो संकेतों की निगरानी करता है जो कि दुश्मन के क्षेत्र में ट्रांसमिशन के सभी स्रोतों की प्रकृति और स्थान का निर्धारण करने के लिए उपयोग किया जाता है।
विदेश मंत्रालय ने सीमा मुद्दे पर चीन के साथ कूटनीतिक वार्ता के संदर्भ में कहा कि दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति और सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की।
मंत्रालय ने कहा कि हमारी आशा है कि चीन हमारे साथ मिलकर गंभीरता से तनाव को कम करने और गतिरोध को समाप्त करने के लिए काम करेगा।
प्रस्ताव में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तनाव कम करने और बलों के पीछे हटने को लेकर सहमति बन गई है।
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