कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह LAC पर स्थिति के बारे में संसद में ‘चर्चा करने से भाग रहे’ हैं। पार्टी ने सवाल किया कि क्या सरकार चीन के साथ अपने ‘नजदीकी संबंधों’ के कारण खामोश है।
पैंगोंग झील दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील है, जिसका दो-तिहाई हिस्सा चीन में है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पैंगोंग झील, लद्दाख के पास भी लगातार घुसपैठ करती रहती है।
चीन ने तवांग से 155 किमी दूर शिगात्से पीस एयरपोर्ट पर 10 एयरक्राफ्ट तैनाए कर दिया है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के करीब मौजूद इस सिविलियन एयरपोर्ट पर चीनी मिलिट्री एक्टिविटीज देखी गई है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिक इंडियन आर्मी की चौकियों पर कब्जा करना चाहते थे, और उन्होंने इसकी पूरी प्लानिंग कर रखी थी।
चौधरी ने कहा, ‘‘1962 में युद्ध के समय संसद में चर्चा हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था। हम चाहते हैं कि (तवांग में झड़प पर) यहां चर्चा हो।’’
Kejriwal on India-China clash in Tawang: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को हुई झड़प को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस झड़प में भारत के करीब 8 सैनिक और चीन के 20 से अधिक सैनिक घायल हुए हैं।
कांग्रेस ने भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई झड़प को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है।
Violent Clash Between India and China Army in Tawang: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों में फिर से हिंसक झड़प हो गई है। इस झड़प में भारत की तरफ से अब तक 8 और चीन के 20 से अधिक सैनिक घायल हुए हैं। पिछले कई महीनों से चीन एलएसी के विवादित क्षेत्रों में दखलंदाजी कर रहा है।
Tawang Clash: बताया जा रहा है कि चीन के करीब 300 सैनिक आए थे, जिसे भारतीय सैनिकों ने खदेड़ा। इस झड़प में चीन के 20 से ज्यादा सैनिक घायल हो गए हैं, जबकि भारत के 8 जवान घायल बताए जा रहे हैं।
India_china Border News @ LAC: भारत-चीन की सीमा पर इस वक्त फिर से बड़ी हलचल मची है। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इस दौरान भारत और चीन के बीच हालात वर्ष 2020 से भी ज्यादा तनावपूर्ण होने वाले हैं।
China LAC Issue: चीन को लेकर अमेरिकी सांसद ने कहा है कि उसने भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सैन्य चौकी का निर्माण किया है। इससे पड़ोसियों के प्रति उसकी आक्रामकता का पता चलता है।
India VS China @ LAC Laddakh: भारत और चीन की सीमा पर आखिर अचानक इतनी हलचल क्यों है, क्या पूर्वी लद्दाख से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कुछ बड़ा होने वाला है?...आखिर भारत को क्यों पूर्वी लद्दाख में अचानक मिसाइलों और टैंकों की तैनाती करनी पड़ी है?
Tension between India China on LAC:क्या चीन इस बार गलवान घाटी से भी बड़ी घटना को अंजाम देना चाहता है, क्या चीन ने इसकी तैयारी अबकी बार कई गुना ज्यादा मजबूत कर ली है, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आखिरकार चीन के सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं आना क्या संकेत दे रहा है?...
Army Chief on China: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि एलएसी के पास चीन बुनियादी ढांचे का बेरोकटोक विकास कर रहा है। उन्होंने पूर्वी लद्दाख की स्थिति को लेकर भी जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि शीतकाल को लेकर भारत की तैयारियां चल रही हैं।
Big Disclosure on Chinese Infiltrators in Galvan Valley:जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ और भारतीय जवानों से भिड़ंत अचानक और यूं ही नहीं थी, बल्कि इसके पीछे चीन की बड़ी साजिश थी। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक खुफिया अध्ययन से सामने आई रिपोर्ट ने सबकी नींद उड़ा दी है।
Why PM Modi not Meet Xi Jinping: उज्बेकिस्तान में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीएम मोदी से मिलने के लिए बहुत आतुर थे। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार उन्होंने इसके लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से सिफारिश भी करवाई थी। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शी जिनिपंग से नहीं मिले थे।
Indo-China Airways:गलवान घाटी संघर्ष के बाद से ही भारत और चीन के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण चल रहे हैं। हाल ही में एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए अपने-अपने सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया भी शुरू हुई, लेकिन यह प्रयास भी तनाव को दूर नहीं कर सका।
India-China Border Dispute: उजबेकिस्तान के समरकंद में 15 सिंतबर से शुरू होने जा रहे शंघाई शिखर सहयोग संगठन सम्मेलन (SCO Summit) में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ प्रमुख तौर पर हिस्सा लेने जा रहे हैं।
भारत और चीन की सेनाएं सोमवार को पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोल पॉइंट-15 से पूरी तरह पीछे हट गए हैं। गतिरोध वाले स्थान से सैनिकों को पीछे हटाने की पांच दिन की प्रक्रिया के तहत अग्रिम मोर्चे के अपने सैनिकों को पीछे के स्थानों पर भेज दिया।
SCO Summit Samarkand: भारत और चीन सीमा पर इस दौरान तनातनी के हालात शांतिपूर्ण माहौल में बदलने लगे हैं। दोनों ही देश वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपने-अपने सैनिकों की वापसी कराने लगे हैं। अस्थाई ढांचे भी ढहाए जा रहे हैं।
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