इंडिया टीवी की ग्राउंउ रिपोर्ट में देखिए कैसे भारत लद्दाख और सीमावर्ती इलाकों में सर्दियों के लिए सेना को तैयार कर रहा है।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में खड़े होकर चीन को जो कड़ा संदेश दिया, उसका असर यह हुआ कि चीन की बौखलाहट साफ नजर आने लगी है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच सेना ने लद्दाख में लंबी सर्दी के लिए पूरी तैयारी कर ली है। गर्मी प्रदान करने वाले उपकरणों और जलवायु अनुरूप कपड़ों तथा भीषण सर्दी से रक्षा करने वाले तंबुओं एवं ईंधन तक सभी आवश्यक चीजें अग्रिम मोर्चों पर पहुंच चुकी हैं।
भारत-चीन तनाव के बीच LAC के निकट लेह से इंडिया टीवी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट।
रूस के मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद सीमा पर सैनिकों को पीछे करने के लिए एक बार फिर से सेना की कमांडर स्तर की बात हो सकती है।
जी माधव नायर ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि बदलते वक्त के साथ कदम मिलाने के लिए भारत को अंतरिक्ष में अपनी संपत्तियां बढ़ाने के साथ ही क्षेत्र का कवरेज भी बढ़ाना चाहिए।
एआईएमआईएम (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के की मॉस्को में हुई मीटिंग के बाद जारी संयुक्त बयान और पांच सूत्री फॉर्मूले पर सवाल उठाया है।
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मीटिंग में पांच सूत्रीय कार्यक्रम पर सहमति बनी है
चीन LAC पर क्या कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं क्योंकि चीन ने बॉर्डर पर अब तक की सबसे बड़ी तैनाती कर दी है। LAC के 100 किलोमीटर के एरिया में 50 हजार चीनी सैनिक तैनात हो चुके हैं।
लद्दाख गतिरोध पर सरकारी सूत्रों ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 50 सैनिक सोमवार को शाम करीब छह बजे मुखपारी चोटी के पास स्थित भारतीय चौकी की ओर आक्रामक तरीके से बढ़ रहे थे। चीन की सेना का प्रयास भारतीय सैनिकों को लद्दाख में मुखपारी चोटी और रेकिन ला क्षेत्रों में स्थित सामरिक चोटियों से हटाना था। पूर्वी लद्दाख में भारतीय चौकी की ओर सोमवार शाम को आक्रामक तरीके से बढ़ रहे चीनी सैनिकों ने छड़, भाले और धारदार हथियार ले रखे थे। जब भारतीय सेना ने सोमवार शाम में चीन की पीएलए को रोका तो उन्होंने हमारे सैनिकों को भयभीत करने के लिए हवा में 10-15 बार गोलियां चलाईं। पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट के आसपास में स्थित सामरिक चोटियों पर भारत की स्थिति मजबूत है।
LAC पर भारत हमेशा से शांति बनाए रखने का प्रयास करता रहा है जिस वजह से भारत की तरफ से 45 वर्षों में कभी भी चीनी सैनिकों के ऊपर गोली नहीं चलाई गई है। इस परंपरा को भारत ने 7 सितंबर की रात को भी नहीं तोड़ा, लेकिन चीन के सैनिकों ने इस परंपरा को तोड़ते हुए गोली चला दी।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर फायरिंग की घटना के बाद आज आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को LAC पर मौजूदा हालात की जानकारी दी।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सेना और चीनी PLA के बीच सोमवार की शाम करीब छह बजे झड़प हुई और गोली चली। हालांकि, गोली सिर्फ चेतावनी देने के उद्देश्य से चलाई गई। यह घटना रेचिन ला में मुखपारी इलाके के पास हुई है, यहां चीनी पीएलए ने आक्रामकता दिखाने की कोशिश की थी, जिसके बाद भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सेना और चीनी PLA के बीच सोमवार की शाम करीब छह बजे झड़प हुई और गोली चली। हालांकि, गोली सिर्फ चेतावनी देने के उद्देश्य से चलाई गई।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर फायरिंग की खबर है।
भारत की घेराबंदी के बीच चीन फंसकर रह गया है। अब दुनिया भी इस बात को मानने लगी है कि LAC पर भारत ने मजबूती से कदम उठाए हैं और चीन को पीछे धकेल दिया है।
वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, BRO सर्दियों से पहले सड़क को साफ करने के लिए भारी मशीनरी भी तैनात कर रहा है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख में LAC पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में भारतीय सेना के जवान ऊंचे और दुर्गम इलाकों में तैनात हैं।
पूर्वी लद्दाख में बढ़ते तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार शाम मास्को में अपने चीनी समकक्ष वेई फेंगहे से मुलाकात की। फेंगहे ने उनसे मिलने के लिए वक्त मांगा था।
सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जे के लिए, चीन द्वारा नए सिरे से किए गए विफल प्रयासों के बाद क्षेत्र में बढ़े तनाव के बीच शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात ‘तनावपूर्ण’ हैं और भारतीय सैनिक हरसंभव आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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