भारत और चीन की सेनाएं सोमवार को पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोल पॉइंट-15 से पूरी तरह पीछे हट गए हैं। गतिरोध वाले स्थान से सैनिकों को पीछे हटाने की पांच दिन की प्रक्रिया के तहत अग्रिम मोर्चे के अपने सैनिकों को पीछे के स्थानों पर भेज दिया।
SCO Summit Samarkand: भारत और चीन सीमा पर इस दौरान तनातनी के हालात शांतिपूर्ण माहौल में बदलने लगे हैं। दोनों ही देश वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपने-अपने सैनिकों की वापसी कराने लगे हैं। अस्थाई ढांचे भी ढहाए जा रहे हैं।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने आज LAC पर पर्वत प्रहार (PARVAT PRAHAR) अभ्यास देखा और उन्हें ग्राउंड पर कमांडरों द्वारा ऑपरेशन तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई।
Indo-China on LAC: पूर्वी लद्दाख क्षेत्र स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से अचानक चीन अपने सैनिकों को हटाने लगा है। यह देख पूरी दुनिया हैरान है।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने जारी एक प्रेस रिलीज में कहा, ‘‘चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16वें दौर में बनी सहमति के अनुसार, 8 सितंबर 2022 को जियानन डाबन क्षेत्र से चीनी और भारतीय बलों ने समन्वित और नियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है, जो सीमावर्ती इलाकों में शांति के लिए अच्छा है।’’
China News: कुछ नई सैटलाइट तस्वीरें भी सामने आई हैं जिनमें दावा किया गया है कि पैंगोंग त्सो के पास चीन लगातार निर्माण कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि पैंगोंग लेक के पास चीन चौड़ी सड़कें, टावर और ब्रिज बना रहा है।
India America: भारत अमेरिका के साथ चीन सीमा के पास एक संयुक्त सैन्य अभ्यास की तैयारी कर रहा है। ये सैन्य अभ्यास अक्टूबर के मध्य में उत्तराखंड के औली में 10,000 फीट की ऊंचाई पर आयोजित किया जाएगा। जिसमें ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
China News: भारत चीन की सीमा LAC पर भारत और अमेरिका की सेनाएं अक्टूबर में मिलकर सैन्याभ्यास करेंगी। यह युद्धभ्यास अक्टूबर माह में उत्तराखंड के औली में किया जाएगा।
India China: बातचीत के एक दिन बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान में दोहराया कि लंबित मुद्दों के समाधान से इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बहाल करने में मदद मिलेगी और इससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी।
LAC Dispute: चीन की सेना ने गुरुवार को कहा कि भारत के साथ हाल में हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता में चार बिंदुओं पर सहमति बनी है, जिनमें द्विपक्षीय संबंधों की बहाली की गति को बनाए रखने, प्रभावी तरीके से मतभेदों का प्रबंधन और सीमा पर स्थिरता को बनाए रखना शामिल है।
16th Round of India-China Military Talks: भारत और चीन के बीच हुई 16वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों को हल करने को लेकर सहमति नहीं बन सकी।
S. Jaishankar on China: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि चीन की ओर से एलएसी को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की भारत इजाजत नहीं देगा।
India China Border: ऑस्टिन ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह दक्षिण चीन सागर में अपने क्षेत्रीय दावों को लेकर आक्रामक रुख अपना रहा है।
भारतीय सेना के नए चीफ जनरल मनोज पांडेय के लद्दाख दौरे के बाद चीन को पाकिस्तानी आतंकियों से बड़ा दुश्मन मानते हुए भारत ने सेना की 6 डिवीजन को अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर तैनात कर दिया है।
सेना प्रमुख ने कहा कि हमें विश्वास है बातचीत के जरिए हम चल रहे मुद्दों का समाधान खोज लेंगे, लेकिन LAC पर गलत हरकत बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने पिछले दो साल में चीन से लगी सरहद पर अपनी तैनाती को काफी मजबूत बनाया है।
खबर में कहा गया कि यह चीनी मंत्रिमंडल ‘स्टेट काउंसिल’ द्वारा भौगोलिक नामों पर जारी नियमों के अनुसार है।
सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय और चीनी, दोनों सेनाओं की एलएसी पर अपनी-अपनी चौकियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी चीन ने अपनी चौकियां विकसित की है, हमने उस क्षेत्र में मौजूद कुछ पुरानी जर्जर झोपड़ियां देखी थी।’’
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, “भगवान न करे अगर युद्ध छिड़ गया तो सेना इससे कैसे निपटेगी, अगर उसके पास हथियार नहीं हैं। हमें सावधान और सतर्क रहना होगा। हमें तैयार रहना है। हमारे रक्षा मंत्री ने भारतीय सड़क कांग्रेस में भाग लिया था और कहा था कि सेना को आपदा प्रतिरोधी सड़कों की जरूरत है।”
तिब्बत और शिनजियांग सैन्य जिलों से एक पर्याप्त रिजर्व बल पश्चिमी चीन के अंदरुनी हिस्सों में तैनात किया गया था ताकि त्वरित प्रतिक्रिया के लिये तैयार रहा जा सके।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, उत्तरी सीमाओं पर वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, रक्षा मंत्री ने पूर्ण विश्वास व्यक्त किया कि सैनिक मजबूती से खड़े हैं।
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