अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है, विवादित सीमा पर भारत-चीन दोनों देशों की ओर से सेना का विस्तार दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे अमेरिकी लोगों और हितों को सीधा खतरा हो सकता है।
अमेरिकी के पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस ने दावा किया है कि पुतिन के यूक्रेन युद्ध से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार चीन की घुसपैठ को बढ़ावा मिल सकता है। पूर्व अधिकारी ने चिंता व्यक्त करते कहा कि चीन यूक्रेन युद्ध पर कड़ी नजर रख रहा है।
गलवान घाटी के पास तैनात भारतीय सेना के फॉर्मेशन ने घोड़ों और खच्चरों पर क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया. इतना ही नहीं भारतीय सेना जमी हुई पैंगोंग झील के ऊपर हाफ मैराथन जैसी गतिविधियां भी करती नज़र आई.
भारत-चीन की सीमा पर हालात लगातार नाजुक बने हैं। इस दौरान जी-20 सम्मेलन में शरीक होने के लिए चीन के विदेश मंत्री किन कांग भारत आए हुए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनसे जी-20 से इतर मुलाकात और बातचीत भी हुई। इसके बावजूद सीमा पर बने मौजूदा हालात का कोई हल निकलने की गुंजाइश नहीं दिखी।
जी-20 सम्मेलन में भारत-चीन के बीच बनी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मौजूदा हालत का मुद्दा गर्माया रहा। भारत ने चीन के विदेश मंत्री किन कांग से सीमा के हालात और उसकी वजहों को लेकर न सिर्फ बात की, बल्कि कड़ी आपत्तियां भी दर्ज करवाई।
जून 2020 में गलवान घाटी हिंसा और फिर नवंबर 2022 में तवांग में भारतीय सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद चीन के विदेश मंत्री अपनी पहली यात्रा पर भारत आ रहे हैं। विदेश मंत्री किन गांग इस सप्ताह भारत की पहुंचेंगे। इसके बाद वह 2 मार्च को जी-20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा भी लेंगे।
वर्ष 2020 में गलवान घाटी की हिंसा के बाद से भारत और चीन में तनाव चरम पर है। रही सही कसर चीन ने तवांग में नवंबर 2022 में घुसपैठ का प्रयास फिर से करके पूरा कर दिया था। लिहाजा अब दोनों देशों में दुश्मनी का स्तर हाईटेंशन पर चल रहा है।
अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक लगने वाली भारत-चीन की सीमा पर अब शी जिनपिंग की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) कदम तक नहीं रख सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ा जवाब देने के लिए भारत के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा फैसला लिया है। इस निर्णय के बारे में सुनते ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खेमे में खलबली है।
चीन से लगी सीमा पर ड्रैगन की घेराबंदी करने के लिए भारत ने पिछले 8 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर का इतना बड़ा जाल बिछा दिया कि जिसे देखकर चीन भी दंग रह गया है। सीमा पर भारतीय सेना की सतर्कता और तैयारियों को देखकर घुसपैठ करने की चीन की हिम्मतें भी जवाब देने लगी हैं।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिक गश्त पर हैं। अन्य जगहों पर तकनीकि के माध्यम से दुश्मनों पर नजर रखी जा रही है। भारतीय सेना चीन किसी भी आक्रामक कार्रवाई का उपयुक्त जवाब देने को तैयार है। भारतीय थलसेना ने मंगलवार को कहा कि वह लद्दाख सेक्टर में चीन की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब देगी।
भारत-चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है। उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग चीन मुद्दे पर गलत जानकारी दे रहे हैं। ड्रैगन ने भारत की जमीन पर 1962 में कब्जा किया था।
भारत-चीन सीमा पर चीन की हरकतों को देखने के बाद अमेरिका भी खुलकर भारत के समर्थन में आ गया है। चीन वर्षों से भारत में घुसपैठ और अतिक्रमण जैसा एकतरफा प्रयास करता आ रहा है। अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख क्षेत्र से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ड्रैगन की जबरदस्ती को देखते हुए अमेरिका भारत के साथ खड़ा हो गया है।
Asaduddin Owaisi ने एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. Owaisi ने इस बार लद्दाख में LAC को लेकर मीडिया में छपी रिपोर्ट का हवाला दिया है. Owaisi ने कहा है कि वो जो बात पिछले तीन सालों से कह रहे थे वो पुख्ता हुई. #asaduddinowaisi
चीन से सीमा विवाद के बीच आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे का बड़ा बयान आया है। आर्मी चीफ ने कहा कि सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
BRO ने 2022 में 2897 करोड़ रुपये की लागत वाले 103 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तैयार किए, जबकि 2021 में कुल 2229 करोड़ रुपये के खर्चे पर 102 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स बनाए गए थे।
India Vs China @ LAC: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को भारत लगातार अभेद्य किला बनाने में जुटा है। पिछले तीन वर्षों में भारत ने एलएसी पर सड़कों के निर्माण से लेकर, सैन्य ठिकानों, बंकरों, रैंप, एयरक्राफ्ट लैंडिंग साइट्स, हाई स्पीड नेटवर्किंग से लेकर अन्य बुनियादी जरूरतों का जबरदस्त विकास किया है।
India's Planning on LAC of Arunachal:अरुणाचल प्रदेश के तवांग और लद्दाख के गलवान घाटी के हिंसक संघर्ष से सबक लेते हुए भारत ने अब चीन को चित्त करने का प्लान तैयार लिया है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत ने चीन को कड़ा जवाब देने के लिए ईंट का जवाब पत्थर से देने जा रहा है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भड़काऊ बयान के लिए शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत के खिलाफ ऐक्शन लेने की चेतावनी दी है।
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन द्वारा घुसपैठ की हालिया कोशिशों और शी जिनपिंग से G20 शिखर सम्मेलन के दौरान हाथ मिलाने को लेकर भी निशाना साधा।
India Vs China: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की वैसे तो कई वजहें हैं, लेकिन भाजपा के ही एक सांसद ने दोनों देशों के बीच नित होने वाले विवाद की नई वजह बताई है। लद्दाख से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने सोमवार को कहा कि भारत-चीन के बीच सीमांकन नहीं हुआ है।
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