कांग्रेस ने लद्दाख के गतिरोध वाले इलाकों में चीनी सैनिकों की गतिविधियां बढ़ने से जुड़ी खबरों की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को सरकार पर सेना का मनोबल गिराने का आरोप लगाया और सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक के दौरान एवं देश के समक्ष सही तथ्य नहीं रखे?
एलएसी पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी से देश की एक-एक इंच ज़मीन की हिफाजत कर रही है और जब तक चीन का आखिरी सैनिक, आखिरी पोस्ट, आखिरी तंबू, आखिरी हथियार बहुत पीछे नहीं चला जाता तब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लेह पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात की। आर्मी चीफ ने उन घायल सैनिकों से भी मुलाकात की जो LAC पर चीन के साथ हुई झड़प में घायल हो गए थे।
कमांडर्स लेवल की बातचीत के बाद चीन झुक गया है। कल की बातचीत में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी है और जिन प्वाइंट को लेकर टेंशन है, उनसे दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी।
अमेरिका के एक शीर्ष भारतीय-अमेरिकी सासंद ने भारत की सीमा पर चीन की हालिया अक्रामक गतिविधियों की निंदा करते हुए चीन से अपील की कि वह तनाव बढ़ाने वाली ‘धृष्टता की राह’ को छोड़ कूटनीति को अपनाए।
भारत ने पहले ही 15 जून के बाद चीन के साथ सीमा पर आगे के स्थानों के लिए फाइटर जेट्स जुटा लिए हैं और हजारों अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं।
लद्दाख में LAC पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। 15 जून की रात गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद तनाव और भी बढ़ा हुआ है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत से लगती सीमा पर तनाव ‘‘भड़काने’’ और रणनीतिक दक्षिण चीन सागर में सैन्य तैनाती को लेकर चीनी सेना की आलोचना की है और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को ‘‘शरारती’’ तत्व करार दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह कहने के बाद कि भारतीय जमीन पर कोई विदेशी घुसपैठ नहीं है, चीन ने एक बार फिर केंद्र शासित लद्दाख के गलवान घटी पर अपना दावा किया है।
भारत के साथ एलएसी पर तनाव बढ़ाने के लिए अमेरिका ने चीन को बेहद सख्त चेतावनी दी है। अमेरिका ने कहा है की चीन ने भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है और अगर उसका यही रुख रहा तो हमें उसके बारे में दूसरी तरह से सोचना होगा।
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों की खूनी मुठभेड़ के बाद से अभी तक भी वहां के हालातों में सुधार नहीं आया है। अब लद्दाख में भारतीय सेनाएं अलर्ट पर हैं।
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों की खूनी मुठभेड़ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चर्चा करने के लिए आज सर्वदलीय डिजिटल बैठक बुलाई है। यह बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है, जब विपक्षी दल लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प की विस्तृत जानकारी मांग रहे हैं।
भाजपा नेता आरोप लगाया कि 2017 में डोकलाम गतिरोध के समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने चीनी राजदूत के साथ रात्रिभोज किया था और पहले कांग्रेस ने इससे इनकार किया और बाद में इसे स्वीकारा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगी। उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के साथ व्यापार को लेकर बड़े ऐलान कर सकती हैं।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई।
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में ऊंचाई वाले इलाके में एक संकीर्ण पहाड़ी रास्ते पर चीनी सेना द्वारा निगरानी चौकी स्थापित किए जाने की वजह से भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुयी।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात हुई खूनी झड़प के बाद एक बाद फिर दोनों देशों के बीच भारी तनाव का माहौल है। बढ़ते तनाव के बीच एलएसी पर हाई अलर्ट है। सेना को भी पूरी तरह तैयार कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अब कुछ कड़े कदम उठाने का समय आ गया है। हमारी ओर से कमजोरी का प्रत्येक संकेत चीनी हरकतों को और ज्यादा बढ़ावा देता है।
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