रांची के पास स्थित खीराबेडा गांव के रहने वाले बेदिया के साथ 12 और लोग आजीविका के लिए एक नवंबर को उत्तरकाशी गए थे। सौभाग्य से इनमें से केवल तीन लोग सुरंग में थे। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 15 झारखंड के विभिन्न जिलों के थे।
तीनों घायल मजदूरों की पहचान अनमोल, हीरालाल और पिंटो कुमार के रूप में हुई है। ये तीनों बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले हैं।
तीनों मजदूर ओडिशा से बेंगलुरु नौकरी करने के लिए गए थे। ये 12 लोगों के उस ग्रुप का हिस्सा थे, जो दो महीने पहले बालूगांव के एक बिचौलिए की मदद से बेंगलुरु गए थे। इसके बाद उन्हें एक कंपनी में काम मिल गया लेकिन मालिक ने उन्हें सैलरी देने से मना कर दिया।
कोरोना और महंगाई की दोहरी मार झेल रहे श्रमिक वर्ग को दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर राहत देने की कोशिश की है।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ चुकी है ऐसे में दूसरा लॉकडाउन अगर लगाया जाता है तो इससे न केवल इंडस्ट्री को बल्कि अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचेगा।
कृषि मजदूरों के लिए महंगाई दर बढ़कर 2.67 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो कि जनवरी के महीने में 2.17 प्रतिशत पर थी। वहीं ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई दर बढ़कर 2.76 प्रतिशत हो गई है , जो कि इससे पिछले महीने में 2.35 प्रतिशत पर थी।
मध्य प्रदेश के गुना जिले में गरीब आदिवासियों को बंधुआ मजदूर बनाया गया और उनके साथ अमानवीय कृत्य किया गया। काम करने में आनाकानी करने पर गर्म तेल में हाथ तक जलाए गए।
पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में अपने पैतृक गांव पहुंचे 13 प्रवासी कामगारों को स्थानीय लोगों ने क्वारंटीन सेंटर में प्रवेश नहीं करने दिया। इसके चलते अब ये श्रमिक जंगल में टेंट बनाकर रह रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से बिहार लौटे मजदूर अब काम करने के लिए बाहर नहीं जाना चाहते।
दिल्ली से गुरुग्राम जा रहे लोगों को पालम विहार के पास दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पार करने से पुलिस ने जब रोका तो भीड़ ने पथराव कर दिया। पथराव करने वालो में श्रमिक थे।
औरैया की मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, '24 लोग मृत लाए गए थे, 22 लोग भर्ती हैं। जिन 15 लोगों की हालत गंभीर हैं, उन्हें सैफई PGI रेफर किया गया है।
लॉकडाउन के चलते ट्रेन या कोई और साधन नहीं मिलने के कारण उन्होंने महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश में अपने घर आने के लिए पैदल यात्रा शुरू की थी, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था वे अपने घर तो पहुंचे लेकिन जिंदा नहीं बल्कि विशेष रेलगाड़ी में एक शव के रूप में।
जयपुर के खातीपुरा रेलवे स्टेशन के पास बने ब्रिज के नीच की 3 परिवार के अलग-अलग लोगों ने थक हार कर कुछ घंटो के लिए अपना बसेरा बसाया है। दरअसल ये लोग जोधपुर से 4 दिन पहले पैदल रवाना हुए।
अरुणाचल प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान एक स्कूल द्वारा आश्रय दिए जाने पर आभार व्यक्त करने के लिए प्रवासी मजदूरों के एक समूह ने उसकी इमारत का रंग रोगन किया और इसके लिए कोई मेहनताना नहीं लिया।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने श्रमिक दिवस के मौके पर शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन के कारण मजदूरों की रोजी-रोटी पर गहरा संकट छाया हुआ है।
कोरोना वायरस के चलते दिल्ली सरकार ने मकान मालिकों को एक महीने के लिए किराए की मांग नहीं करने के लिए सख्त आदेश दिए
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण परेशान मजदूरों की परेशानी कम करने तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर बिहार सरकार ने पहल शुरू कर दी है।
गुजरात के सूरत में शुक्रवार देर रात दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों ने जमकर हंगामा किया। ये हंगामा शहर के दो इलाकों में किया गया। इन लोगों का कहना था कि लॉकडाउन की वजह से गुजारा मुश्किल हो गया है, इसलिए या तो काम शुरू करवाया जाए या इन्हें इनके घर जाने दिया जाए।
दिल्ली, नोएडा, गाजियबाद और गुरुग्राम से हजारों की तादाद में मजदूर कानपुर पहुंच चुके हैं, जो कभी भी बुंदेलखंड़ की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में संक्रमण बढ़ने के खतरे को नकारा नहीं जा सकता।
दिल्ली पुलिस ने रविवार को प्रवासी कामगारों को आनंद विहार बस अड्डे नहीं पहुंचने दिया। पुलिस ने बस अड्डे से पहले ही बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक दिया और किसी को भी आगे नहीं बढ़ने दिया।
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