भारतीयों पर टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ने के बाद ताइवान के श्रम मंत्रालय ने भी ह्सु के कमेंट्स को लेकर माफी मांगी और कहा कि मंत्री की टिप्पणी का अभिप्राय भेदभाव से नहीं था। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी मंगलवार को एक बयान में भारतीय श्रमिकों की भर्ती के संबंध में ताइवान की सरकारी एजेंसियों की टिप्पणी के लिए माफी मांगी।
श्रम मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, ‘‘भविष्य निधि में नियोक्ताओं के कुल 12 प्रतिशत योगदान में से ही 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त अंशदान लेने का फैसला किया गया है।’’
देश के गांवों में विभिन्न प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं की आपूर्ति के लिए पहुंच का बिंदु साझा सेवा केंद्र हैं।
पोर्टल पर पंजीकरण कराने वालों में सबसे ज्यादा संख्या कृषि और निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों की है। पंजीकृत श्रमिकों में 50.02 प्रतिशत महिलायें हैं।
श्रम मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर 2.5 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। ई-श्रम पोर्टल का उद्घाटन 26 अगस्त 2021 को किया गया था।
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने के मकसद से सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कानूनों में जरूरी संशोधन करती है।
उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड ने नियमों का मसौदा पहले ही जारी कर दिया है।
आधार के अभाव में किसी भी मज़दूर को सरकारी लाभ से वंचित नहीं रखा जाएगा।
मंत्रालय ने पिछले साल मानसून सत्र में संसद की मंजूरी के बाद संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया जानने के लिये मजदूरी को छोड़कर संहिताओं के तहत नियमों को पिछले साल नवंबर में जारी किया था
सर्वे मार्च 2020 से शुरू किया जाएगा और इनके नतीजे अक्टूबर 2021 तक उपलब्ध होंगे। श्रम मंत्री ने कहा कि इन श्रमिकों के बारे में साक्ष्य-आधारित नीति बनाने के लिए संगठित और असंगठित क्षेत्र में रोजगार के प्रामाणिक आंकड़े बेहद जरूरी हैं।
संसद के हाल में समाप्त सत्र के दौरान तीन श्रम संहिता विधेयकों औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्य स्थिति संहिता को पारित किया गया। वेतन संहिता विधेयक संसद में पिछले साल पारित हुआ था।
नियमों के मुताबिक नौकरी जाने पर श्रमिक पा सकेंगे 3 महीने तक आधा वेतन
कर्मचारी भविष्य निधि सदस्य अब अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते में जमा राशि के 75 प्रतिशत तक अथवा 3 माह के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर राशि, जो भी कम हो, निकाल सकते हैं।
वित्त मंत्री ने हाल ही मे किया था राहत का ऐलान
2019-20 के लिए अब 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाएगा। इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ जमा पर ब्याज की दर 8.65 प्रतिशत थी।
सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में 'औद्योगिक संबंध संहिता, 2019' और उससे संबंधित एक विधेयक पेश किया।
संगठित क्षेत्र के श्रमिक वर्ग के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार 'एक राष्ट्र, एक वेतन दिवस' लागू करने पर विचार कर रही है।
वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के बाद भी ईपीएफओ के पास 3,150 करोड़ रुपए का सरप्लस शेष बचेगा।
गुरुग्राम के वाहन कारखानों में काम करने वाले हजारों श्रमिक हर साल विभिन्न तरह की दुर्घटना का शिकार होते हैं। यह दावा एक कर्मचारी कल्याण समूह ने किया है। इस संबंध में उसने एक रपट जारी की है। द सेफ इन इंडिया फाउंडेशन (एसआईआई) ने रविवार को 'क्रश्ड' रपट जारी की।
रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने आज अपने सदस्यों को पीएफ खाते से 75 प्रतिशत राशि निकालने का विकल्प उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
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