आहूजा ने ठेकेदारों द्वारा अपंजीकृत मजदूरों से काम कराने के मामले बढ़ने से पैदा हो रही चुनौतियों से निपटने के तरीके पर बात की। उन्होंने कहा कि चार श्रम संहिताओं के लिए ठेकेदारों को अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इन श्रमिकों को व्यापक लाभ प्रदान करना होगा।
New Labour Code: काम करने वाले कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार (Central Government) के तरफ से जल्द एक अच्छी खबर मिलने वाली है।
New Labour Codes : यदि एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू हो जाता है तो इसका असर नौकरी पेशा लोगों की साप्ताहिक छुट्टियों और से लेकर उनकी सैलरी तक पर पड़ेगा।
इससे पहले पहले नए लेबर कोड को अप्रैल 2022 से लागू करने की बात कही जा रही थी, लेकिन इन्हें लागू नहीं किया जा सका।
श्रम मंत्रालय की औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशा संहिता को एक अप्रैल, 2021 से लागू करने की योजना थी।
उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड ने नियमों का मसौदा पहले ही जारी कर दिया है।
अगर श्रम संहिताएं एक अप्रैल से अमल में आती तो कर्मचारियों के खाते में आने वाला वेतन जरूर कम होता लेकिन सेवानिवृत्ति मद यानी भविष्य निधि में उनका ज्यादा पैसा जमा होता।
सरकार नए कानूनों में ओवरटाइम के लिए मौजूदा समय सीमा को बदल सकती है। नए श्रम कानूना के तहत निर्धारित समय से 15 मिनट ज्यादा काम करने पर भी कर्मचारी ओवरटाइम के लिए पात्र माने जाएंगे।
भारत सरकार जल्द ही कंपनियों को चार-दिवसीय कार्य सप्ताह के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दे सकती है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय नए श्रम कोड पर काम कर रहा है, जो तीन दिन के सप्ताहांत के लिए रास्ता बनाएगा, लेकिन काम के घंटे को 48 घंटे पर रखेगा, जिसका अर्थ है कि कर्मचारी लंबे शिफ़्ट के अधीन हो सकते हैं।
श्रम मंत्रालय ने चारों संहिताओं को अप्रैल से लागू करने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए कुल 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार वृहद संहिताओं में समाहित किया है और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया के आखिरी चरण में है।
ओएसएच संहिता के मसौदा नियम में सामान्य तौर पर अर्जित अवकाश की सीमा 240 दिन, पत्रकारों के लिए 90 दिन और बिक्री प्रतिनिधियों के लिए 120 दिन की सीमा का प्रस्ताव किया गया है।
मंत्रालय ने पिछले साल मानसून सत्र में संसद की मंजूरी के बाद संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया जानने के लिये मजदूरी को छोड़कर संहिताओं के तहत नियमों को पिछले साल नवंबर में जारी किया था
संसद के हाल में समाप्त सत्र के दौरान तीन श्रम संहिता विधेयकों औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्य स्थिति संहिता को पारित किया गया। वेतन संहिता विधेयक संसद में पिछले साल पारित हुआ था।
समिति के मुताबिक कोरोना संकट जैसी आपदा में इंडस्ट्री पर दबाव डाला नहीं जा सकता
सरकार ने वेतन संहिता 2019 को अधिसूचित कर दिया है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर 50 करोड़ श्रमिकों को अनिवार्य रूप से न्यूनतम वेतन मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। राष्ट्रपति ने आठ अगस्त को इसे मंजूरी दे दी थी। इसके बाद सरकार ने इस संहिता को अधिसूचित कर दिया।
श्रम मंत्री ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ कर्मचारी ESIC और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जैसे सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आएंगे।
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