पीएम मोदी ने जब गुयाना की धरती पर कदम रखा तो एक नया इतिहास लिखा गया। गुयाना में 56 साल बाद नरेंद्र मोदी के रूप में कोई प्रधानमंत्री जॉर्जटाउन पहुंचा है। पीएम मोदी का वहां जोरदार स्वागत हुआ। वह भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिले।
श्रम मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों, खासकर असंगठित क्षेत्र के काम करने वाले मजदूरों को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (वीडीए) को संशोधित करके न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
अमेजन पहले ही वादा कर चुकी है कि 2025 के अंत तक भारत में 20 लाख लोगों को नौकरी देगी। इस बीच श्रम मंत्रालय के साथ कंपनी का एमओयू पर हस्ताक्षर करना इस दिशा में अहम कदम है।
सरकार देश के असंगठित श्रमिकों के लिए एकमुश्त सॉल्यूशन प्लेटफॉर्म के तौर पर ई-श्रम पोर्टल को स्थापित करना चाहती है। इस साल बजट भाषण में ई-श्रम पोर्टल को दूसरे पोर्टल के साथ व्यापक रूप से एकीकृत कर एकमुश्त समाधान सुविधा के रूप में स्थापित करने की बात कही गई।
आहूजा ने ठेकेदारों द्वारा अपंजीकृत मजदूरों से काम कराने के मामले बढ़ने से पैदा हो रही चुनौतियों से निपटने के तरीके पर बात की। उन्होंने कहा कि चार श्रम संहिताओं के लिए ठेकेदारों को अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इन श्रमिकों को व्यापक लाभ प्रदान करना होगा।
New Labour Code: काम करने वाले कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार (Central Government) के तरफ से जल्द एक अच्छी खबर मिलने वाली है।
मुंबई में एक समारोह में श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड वितरित किये और ईएसआई कोविड राहत योजना में राहत भी जारी की
पोर्टल के शुरू किये जाने के 24 दिनों में एक करोड़ श्रमिकों ने इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
संसद ने बुधवार को तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को मंजूरी दे दी, जिनके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी।
सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में 'औद्योगिक संबंध संहिता, 2019' और उससे संबंधित एक विधेयक पेश किया।
श्रम सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाते हुए श्रम मंत्रालय अगले सप्ताह वेतन संहिता विधेयक के मसौदे को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रख सकता है।
ज्यादातर क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के वेतन में नियमित रूप से वृद्धि तो हो रही है, लेकिन इसके बावजूद कामगारों के एक बड़े वर्ग का मासिक वेतन 10,000 रुपये से भी कम है।
असंगठित क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों को प्रॉविडेंट फंड की सुविधा देने के लिए प्रस्ताव तैयार हो रहा है, श्रम और रोजगार मंत्रालय इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है
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