हरिद्वार में चल रहे कुंभ के दौरान ऋषिकेश के होटल ताज में 76 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन ने होटल को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया है।
हरिद्वार में 1 अप्रैल से आम लोगों के लिए कुंभ की औपचारिक शुरूआत होने जा रही है। इसके चलते उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश हरिद्वार में कुंभ के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।
हरिद्वार कुंभ के संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी गयी है। 12 वर्ष में एक बार होने वाले इस धार्मिक आयोजन की अवधि कोरोना वायरस के मद्देनजर पहली बार घटा कर एक माह कर दी गई है।
महाशिवरात्रि के मौके पर महाकुंभ के पहले शाही स्नान में लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई। आईजी कुंभ मेला संजुय गुंज्याल ने बताया कि अबतक 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अब 'हर की पौड़ी' को खाली कराया जा रहा है क्योंकि अखाड़े शाही स्नान के लिए आने की तैयारी कर रहे हैं।इससे पहले बुधवार को सीएम पद संभालते हुए मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को पहले शाही स्नान में श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करने के निर्देश दिए।
महाशिवरात्रि के मौके पर महाकुंभ के पहले शाही स्नान में लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई।
हरिद्वार कुंभ में महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होने वाले पहले शाही स्नान तथा उसके बाद होने वाले हर स्नान के बाद ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच करानी होगी।
देवभूमि हरिद्वार में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं...संतों, महंतों और महामंडेश्वरों का हरिद्वार आने का सिलसिला लगातार जारी है...कोरोना संकट के बाद ये पहला कुंभ है...ऐसे में सरकार से लेकर श्रद्धालु तक हाईअलर्ट हैं...
हरिद्वार कुंभ में महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होने वाले पहले शाही स्नान तथा उसके बाद होने वाले हर स्नान के बाद ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 की जांच करानी होगी।
उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को हरिद्वार जिले के अंतर्गत आने वाले सभी शहरी स्थानीय निकायों को "बूचड़खाना मुक्त" घोषित कर दिया, साथ ही बूचड़खानों को संचालित करने के लिए जारी की गई मंजूरी भी रद्द कर दिया है।
हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर केवल 28 दिन का होगा। उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है। कुंभ मेला एक अप्रैल से 28 तक आयोजित किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार के मुताबिक कुंभ में कोरोना संक्रमण रोकथाम के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। कुंभ मेले की अधिसूचना जारी होने साथ ही एसओपी प्रभावी मानी जाएगी।
कुंभ में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हरिद्वार आगमन की तिथि से केवल 72 घंटे पूर्व तक की आरटीपीसीआर की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा।
यमुना के गंभीर जल प्रदूषण को रेखांकित करते हुए, देश के तीन प्रमुख हिंदू संतों ने शनिवार को संकल्प लिया कि वे वर्तमान में चल रहे वृंदावन कुंभ के दौरान बाकी 'शाही स्नान’ में तब तक भाग नहीं लेंगे, जब तक कि नदी का पानी साफ नहीं हो जाता।
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला इस बार केवल 28 दिन का होगा। उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है।
कोविड-19 को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले की अवधि 4 महीने से घटाकर 1 महीने कर दिया है। अब कुंभ मेला की अवधि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक रहेगी और तीन शाही स्नान साधु संत करेंगे। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने यह जानकारी दी।
माघ पूर्णिमा पर 27 फरवरी से कुंभ मेले की शुरुआत हो रही है। इस बार कुंभ महापर्व को लेकर 11 साल में खास संयोग बन रहा है। इस संयोग की वजह से इस बार का महाकुंभ ज्यादा चर्चा में है। जानें इसके बारे में...
इस बार महाकुंभ मेला हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है। यहां जानिए मुख्य स्नान की तिथियां। इन तिथियों पर स्नान से मिलेगा महा-पुण्य। साथ ही जानिए शाही अखाड़ों के स्नान की तिथियां।
कुम्भ-2021 के लिये उत्तराखंड आने वाले सभी यात्रीगण कृपया ध्यान दें। उत्तर रेलवे ने कुंभ 2021 में उत्तराखंड आने वाले सभी यात्रियों द्वारा पालन की जाने वाली मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लेकर शुक्रवार को जानकारी दी है।
हरिद्वार में 27 फरवरी से आयोजित होने जा रहे कुंभ मेले में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों, अतिसंवेदनशील व बीमार व्यक्तियों को मेले में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
महाकुंभ मेले के आयोजन की संभावित तिथियां 27 फरवरी से 30 अप्रैल तक हैं। इस दौरान बड़े स्नान पर्वों जैसे 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा, 11 मार्च को महाशिवरात्रि, 21 अपैल रामनवमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
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