Mahakumbh: महाकुंभ में पहला अमृत स्नान यानी शाही स्नान आज हो रहा है, इस दौरान सबसे पहले नागा साधुओं को स्नान करने को मौका दिया जाता है। आइए जानते हैं इसका कारण....
प्रयागराज में महाकुंभ के अमृत स्नान की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा सभी अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए टाइम टेबल को जारी कर दिया गया है। बता दें कि सबसे पहला स्नान करने का मौका नियमानुसार श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी को मिला है।
कुछ दिन पहले मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरवेली ने कहा था कि जिस जमीन पर महाकुंभ मेला क्षेत्र बनाया गया है, उसका कुछ हिस्सा वक्फ बोर्ड का है। इस पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कुंभ की जमीन किसी के अब्बा की नहीं बल्कि हमारे बब्बा की है।
Mahakumbh 2025 Amrit Snan Date: महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर किया जाएगा। कुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व होता है। तो जानिए अन्य अमृत स्नान की तिथि और नियम के बारे में।
Maha Kumbh 2025: सोशल मीडिया पर इस वक्त महाकुंभ में आई एक साध्वी का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है। कई लोग उनके संन्यासी जीवन की तारीफ कर रहे तो कई लोग उन्हें पाखंडी बता रहे हैं।
महाकुंभ में हर दिन 2 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 2025 के महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक लोग आएंगे। आइए जानते हैं कि इसके बाद अब अगला महाकुंभ कब और कहां लगेगा?
Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। इस अवसर पर PM मोदी ने खास संदेश दिया है और खुशी भी जताई है।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेले में रविवार को समाजवादी पार्टी ने अपने संस्थापक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित की है। अब इस कदम पर विवाद शुरू हो गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन इसलिए भी खास है, क्योंकि इसका शुभ मुहूर्त 144 वर्षों के बाद आया है।
Mahakumbh: महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है, कुंभ में लोगों का तांता लगा हुआ है, पर नागा साधुओं का हुजूम अलग ही अपना रंग जमाए हुए हैं, लोगों को आज भी इनके कई रहस्य नहीं पता हैं।
बस कुछ ही घंटों की प्रतीक्षा शेष है और उसके बाद पूरी दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन आरंभ हो रहा है.. मैं खुद इस वक्त पवित्र पुण्यभूमि प्रयागराज में हूं... जहां 144 वर्षों के बाद ऐसे महाकुंभ का संयोग आया है... दुनिया के बड़े बडे़ देश यकीन नहीं कर पा रहे हैं
Mahakumbh 2025: पौष पूर्णिमा को महाकुंभ का पहला स्नान किया जाएगा। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम में डुबकी लगाने के लिए कुंभ मेला में जुटेगी। तो आइए जानते हैं महाकुंभ स्नान के नियम के बारे में।
Mahakumbh 2025: उत्तर मध्य रेलवे ने महाकुंभ के पहले दिन चार से पांच लाख लोगों को शहर से बाहर निकालने की तैयारी कर ली है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को शहर तक लाने के लिए भी ट्रेनें शुरू हो चुकी हैं।
Mahakumbh 2025: अस्थायी अस्पताल की सेवा अभी शुरू हुई है। धीरे-धीरे इसमें मिलने वाली सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। यूपी सरकार और रायबरेली एम्स ने मिलकर यह अस्थायी अस्पताल बनाया है और इसका संचालन कर रहे हैं।
Mahakumbh 2025: 13 जनवरी से प्रयागराज में लगना वाला महाकुंभ बेहद ही खास है। क्योंकि इस बार महाकुंभ पर कई योग का शुभ संयोग बन रहा है, जिसका सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेगा।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज पहुंचे 'पर्यावरण बाबा' ने कहा कि सनातन धर्म यह सिखाता है कि हर व्यक्ति को 2 पेड़ लगाने चाहिए, जिसमें एक पेड़ अंतिम संस्कार के लिए और दूसरा पीपल का पेड़ ऑक्सीजन के लिए होना चाहिए।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में पूरे 12 वर्षों बाद महाकुंभ लग रहा है, जिसका शुभारंभ 13 जनवरी से होगा। ऐसे में यहां जान लीजिए कि महाकुंभ मनाने के पीछे की पौराणिक कथा और महत्व क्या है।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान साधु संतों का मेला लगता है। यहां देश-दुनिया के कोने-कोने से साधु पहुंचते हैं। कुंभ मेला क्षेत्र में साधु संतों के साथ अघोरी भी पहुंच चुके हैं और मेले की रौनक बढ़ गई है।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के दौरान शाही स्नान के दिन स्नान करने का विशेष महत्व है। शाही स्नान के दिन कुंभ मेला में लाखों-करोड़ों की संख्या में तीर्थयात्री जुटते हैं। तो आइए जानते हैं कि महाकुंभ में शाही स्नान का इतना महत्व क्यों है।
Mahakumbh 2025: सभी तीर्थों में प्रयागराज को सबसे बड़ा तीर्थ माना गया है, ऐसे में 12 वर्ष बाद प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, यहां दूर-दूर से लोग महाकुंभ स्नान करने आएंगे।
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