गुजरात में आज पतंग का व्यवस्साय अपनी ऊंचाइयों पर है। गुजरात का ये पतंग व्यवसाय आज इस राज्य की पहचान बनकर उभरा है। इस पतंग व्यवसाय को यहां तक लाने के पीछे दशकों की मेहनत रही है, जो आज रंग दिखा रही है।
पूरे देश में चाइनीज मांझे पर बैन है लेकिन आज भी चाइनीज मांझे की खुलेआम बिक्री हो रही जिसकी वजह से लोगों की जान जा रही है। देश के कई हिस्सों में मकर संक्रांति के मौके पर बड़े पैमाने पर पतंग उड़ाई जाती है और एक बार फिर ये कई लोगों के लिए जानलेवा बन गई।
गुजरात में उत्तरायण महोत्सवों के दौरान पतंग की डोर से गला कट जाने के कारण एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गई।
समूचे देश में खास तौर पर उत्तर भारत में आज़ादी का जश्न मनाने के लिए लोग सुबह से ही 15 अगस्त को अपने घरों की छतों पर पहुंच जाते हैं और दिन ढलने तक पतंगबाज़ी में मशगूल रहते हैं।
जरा सोचिये कि रंग बिरंगी चौकोर पतंगे हवा में उड़ान भरते हुए एक कर प्रणाली का संदेश दें तो कैसा लगेगा। जी हां, जम्मू-कश्मीर में जीएसटी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाली पतंगों की मांग इस त्यौहारी मौसम में खूब हो रही है।
NGT ने अपने आदेश में नायलॉन और किसी भी अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझा पर प्रतिबंध लगा दिया है जिनका विघटन जैविक तरीके से संभव नहीं है
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