इस महापंचायत का एजेडा MSP गारंटी कानून, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और किसानों की समस्याओं के साथ महंगाई के मुद्दे भी होंगे। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से रात भर ट्रेन और बसों के जरिए किसान लखनऊ पहुंचते रहे।
केंद्र सरकार द्वारा विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा किए जाने पर कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला व प्रवक्ता जगत सिंह रेढू ने कहा कि किसान-मजदूर की जीत हुई है और अंहकारी प्रधानमंत्री को किसानों के सामने झुकना पड़ा व मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि शहीद किसानों की शहादत ने हरियाणा सरकार व (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केन्द्र की) मोदी सरकार को झुकाया है।
कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ तीन प्रमुख प्रदर्शनस्थलों में एक गाजीपुर बार्डर पर प्रदर्शनकारी कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद उत्साह से भरे नजर आ रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि गांव में उन्हें यह स्थल बहुत याद आएगा।
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानून किसानों के भले के लिए लेकर आई थी लेकिन वो कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए और अब सरकार कृषि कानूनों को वापस ले रही है।
पीएम मोदी ने आज घोषणा की कि वो तीनों कृषि कानून वापस ले रहे हैं, जिसके बाद सेलेब्स रिएक्शन दे रहे हैं। जानिए किसने क्या कहा?
दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर किसान लंबे समय से धरना दिए हुए बैठे हैं, आंदोलन पिछले साल शुरू हुआ था और लगभग एक साल पूरा होने को है।
भाकियू किसानों से अपील करते हुए कहा कि, जल्द गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और आंदोलन को मजबूत करें। प्रत्येक दिन आंदोलन के खिलाफ साजिश हो रही है, हर साजिश के खिलाफ हमें तैयार रहना है।
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि इस घटना के दोनों पक्षों (निहंग ग्रुप और मृत व्यक्ति) का संयुक्त किसान मोर्चा के साथ कोई संबंध नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा मामले की पूरी जांच में पुलिस का सहयोग करेंगे।
सिंघु बॉर्डर से लगातार वीडियो सामने आ रहे हैं। एक वीडियो में प्रदर्शनकारी कह रहे हैं कि जिस शख्स की हत्या की गई वो गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी करके भाग रहा था और निहंग सिखों ने उसे मार दिया।
प्रियंका गांधी इस समय यूपी पुलिस की हिरासत में हैं। राहुल गांधी ने प्रियंका को हिरासत में रखे जाने पर कहा है कि वो डरती नहीं हैं, हार नहीं मानेंगी। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "जिसे हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी! सत्याग्रह रुकेगा नहीं।"
10 महीने से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कई ऐसे प्रयास हुए हैं जो सीधे सरकार के साथ टकराव को बढ़ावा देते नजर आए हैं, पहले किसान संगठनों ने विरोध के नाम पर दिल्ली के बॉर्डर सील कर दिए जिससे दिल्ली और एनसीआर में रह रहे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा की सरकार किसानों को नजरअंदाज कर रही, सरकार को अपनी जिद छोड़ कर किसानों से खुले मन से बात करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा की इस मामले में अब तक सरकार का रवैया निराशाजनक और अलोकतांत्रिक रहा है।
मीडिया से बातचीत में अनिल चौधरी ने कहा, "मैं उनकी स्थिति समझ सकता हूं। यह किसानों का मसला है, कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी। अगर किसान हमें यहां से जाने को कहेंगे तो हम वापस चले जाएंगे। हम यहां किसानों के लिए आए हैं, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।"
देश के कई हिस्सों में किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का असर का असर दिखाई दे रहा है। देश के कई हिस्सों में किसानों ने यातायात को अवरुद्ध करने के लिए सड़कों पर कब्जा कर लिया है, वहीं कुछ प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर भी कब्जा जमाए बैठे हुए हैं।
हरियाणा के करनाल में किसानों और सरकार के बीच चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बाद सहति बन गई है।
28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठी चार्ज के बाद, एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन का आज चौथा दिन है। किसानों और अफसरों के बीच आज तीसरे दौर की बातचीत सुबह 9 बजे शुरू होगी, देखे विस्तृत रिपोर्ट
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जिस तरह किसान बैठे हुए है, उसी तरह किसानों ने करनाल के लघु सचिवालय के बाहर अपना डेरा जमा लिया है।
हरियाणा के करनाल में किसान मिनी सचिवालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। किसान पिछले महीने हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग की थी और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी थी। करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा के निलंबन की अवधि बुधवार आधी रात तक बढ़ा दी गई है।
अबकी बार किसकी सरकार में आज देखिए क्यों किसानों का नया कुरुक्षेत्र बन गया हरियाणा का करनाल! उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक आखिर किसानों की मांग क्या थी जिसके लिए आज करनाल में पुलिस और किसान एक दूसरे के आमने सामने या गये थे । पुलिस ने इस दौरान पानी की बौछार का प्रयोग किया, लेकिन फिर भी किसान आगे बढ़ गए।
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