किसान संगठनों के संयुक्त किसान मंच ने रविवार को बताया कि ‘किसान महापंचायत’ कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी को लेकर दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है।
किसानों का कहना है कि किसान आंदोलन के समय सरकार ने जो वादे किए थे वो अभी तक पूरे नहीं किए हैं। सरकार अपने वादों को भूल गई है। ऐसे में सरकार को उन वादों को याद दिलाने के लिए दिल्ली में महापंचायत की जाएगी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "हमारे ऊपर कोरोना की गाइडलाइंस लागू नहीं होती। पहले भी आंदोलन हुआ और आगे भी होगा।"
Uttar Pradesh: भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसान यूनियन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ट्रैक्टर-ट्राली पर यात्रा करने से रोकने का पुरजोर विरोध करेगी।
Delhi Traffic Update: जंतर मंतर पर आयोजित होने जा रही किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसानों के जुटने की संभावना है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है जिसमें बताया गया है कि लगभग 4-5 हजार किसानों के जुटने की आशंका है।
Delhi News: किसानों के कुछ समूहों ने दिल्ली में आने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जंतर-मंतर पर जा रहे भाकियू नेता राकेश टिकैत और उनके समर्थकों को भी गाजीपुर बार्डर पार करते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार उन 789 किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद देने की प्रक्रिया पूरी कर चुकी है, जिनकी मौत कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के दौरान हो गयी थी।
SKM Meeting In Ghaziabad: किसानों से जुड़े मुद्दे को लेकर एसकेएम फिर से आंदोलन करने की तैयारी में है। इसे लेकर योजना पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्च ने कल यानी 3 जुलाई को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बैठक बुलाई है।
Samyukt Kisan Morcha: एसकेएम ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने ट्विटर पर केंद्र पर सवाल उठाने के लिए इन अकाउंट को बंद करने के लिए दबाव डाला है।
Agnipath Sceme: संगठन द्वारा 30 जून को अग्निपथ योजना के विरोध में देशभर के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आह्वान किया कि, हमें अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी होगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने दीप सिद्धू के निधन पर दुख जताया है।
दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने और अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक लंबा आंदोलन चलाया था।
UP election में Rakesh Tikait ने India TV के Chunav Manch 2022 में कहा कि फसल सरकार खरीदती है, चुनाव आयोग नहीं खरीदता। किसान के मुद्दों पर टिकैत बोले-1968 को आधार वर्ष मानकर फसलों के भाव तय कर दो। हमारा यही कहना है कि फसलों के वाजिब दाम सरकार दे दे। टिकैत ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को सरकार लागू कर दे, तो आज भी भाव गेहूं का 3 हजार रुपए क्विंटल हो जाएगा।
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले के बाद आंदोलन बंद होने के बाद, एसकेएम ने घोषणा की थी कि अगर सरकार उनकी अन्य मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है,
राकेश टिकैत ने कहा कि हर वर्ष 26 जनवरी को किसानों का ‘ट्रैक्टर मार्च’ निकाला जाएगा। टिकैत ने चरखी दादरी में कहा कि खाप समाज का आईना हैं और इनका गौरवशाली इतिहास रहा है।
किसान आंदोलन के कारण जिन ट्रेनों को रद्द किया गया था, आंदोलन खत्म होने के बाद रद्द की गई सभी ट्रेनों को बहाल किया जा रहा है। ऐसी 18 से अधिक ट्रेनें हैं। बता दें कि किसान आंदोलन की वजह से उत्तर रेलवे का यातायात कई दिनों तक बुरी तरह प्रभावित रहा था।
तीनों कानूनों के खिलाफ यूं तो आंदोलन की शुरुआत 2020 में हो गई थी। वर्ष 2021 से पहले ही किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाल चुके थे। सरकार की ओर से भी बातचीत की पहल चल रही थी।
हालांकि, किसान नेताओं का कहना है कि 15 जनवरी को वो फिर से केंद्र द्वारा दिए गए आश्वासन की समीक्षा करेंगे। यदि केंद्र वादे पर खड़ा नहीं उतरती है तो फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा।
किसानों के परिवारों ने ट्रैक्टरों में आ रहे किसानों को माला पहनाकर; लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयां खिलाकर उनका स्वागत किया। किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले गांववासी और अन्य लोग उनका स्वागत करने के लिए राजमार्गों के किनारे एकत्रित हुए और उन्होंने किसानों पर फूल बरसाए।
किसानों की मांग थी कि आंदोलन के दौरान देशभर में दर्ज हुए मुकदमे को वापस लिया जाए। एमएसपी पर कानूनी गारंटी दी जाए। केंद्र की सहमति के बाद 15 जनवरी को किसानों की फिर समीक्षा बैठक होगी।
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