रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर जाने वाले हैं। यहां वह अपने समकक्ष किम जोंग उन से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस यात्रा में दोनों देशों के बीच कोई सैन्य समझौता भी हो सकता है।
उत्तर कोरिया ने एक बार फिर मिसाइल दागकर अपने आक्रामक इरादे जाहिर किए हैं। उत्तर कोरिया ने पूर्वी तट की ओर बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। घबराए दक्षिण कोरिया ने मिसाइल दागे जाने का बड़ा दावा किया है।
किम की बहन ने पुतिन को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह गिफ्ट दोनों शीर्ष नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाता है। आधिकारिक केसीएनए समाचार एजेंसी ने कहा कि रूसी निर्मित कार 18 फरवरी को किम के शीर्ष सहयोगियों को सौंपी गई थी।
किम जोंग उन की राजनीतिक और सैन्य महत्वाकांक्षाओं पर इसलिए बल मिलता है क्योंकि उत्तर कोरिया ने हाल के समय के दौरान के अत्याधुनिक और लंबी दूरी की मिसाइल परीक्षण किया है।
उत्तर कोरिया में नए साल के मौके पर 31 दिसंबर की देर रात एक पार्टी का आयोजन किया गया था। इस पार्टी में उत्तर कोरिया का तानाशाह अपने बेटी के संग नजर आया है।
किम जोंग ने रविवार को सेना के कमांडिंग अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के खातिर सबसे कीमती हथियार यानी परमाणु बमों को हमले के लिए तैयार रखना जरूरी है।
यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच पुतिन का किम से मिलना किसी सैन्य डील की ओर इशारा कर रहा है। ऐसे में अमेरिका ने चिंता जाहिर करते हुए दोनों देशों पर और प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।
अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ जारी टकराव के बीच रूस और उत्तर कोरिया के नेताओं की मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। पुतिन ने किम जोंग का गर्मजोशी से स्वागत किया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर अपने कारनामों और बयानों से सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार उन्होंने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का नाम ही गलत पोस्ट कर उन्हें बधाई दे दी।
किम जोंग उन की एक 10 साल की बेटी भी है और उसका नाम किम जो एई है। तानाशाह की बेटी के बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं। खबर में पढ़िए हर एक डिटेल।
दक्षिण कोरिया के ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेएससी) ने कहा कि उसने उत्तर ह्वांगहे प्रांत के चुनघवा काउंटी क्षेत्र से सुबह 7.47 बजे से 8 बजे के बीच प्रक्षेपण का पता लगाया। समुद्र में गिरने से पहले मिसाइलों ने करीब 370 किलोमीटर की दूरी तय की।
उत्तर कोरिया में करीब 8 लाख मजदूरों व छात्रों ने सेना में भर्ती होने का फैसला किया है। एक तरफ जहां दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रही है। वहीं दूसरी तरफ उत्तरी कोरिया से आई यह खबर चौंकाने वाली है।
दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच उत्तर कोरिया के बॉर्डर पर चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर किम जोंग उन बेहद खफा हैं। इस दौरान संयुक्त अभ्यास की समय सीमा बढ़ाने जाने से किम जोंग उन समेत उनकी बहन ने भी अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर उग्र कार्रवाई की धमकी भी दे डाली है।
साल 2022 में उत्तर कोरिया ने 70 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। पिछले हफ्ते, उत्तर कोरिया ने अब तक के सबसे भारी परमाणु बल के साथ अमेरिका का मुकाबला करने की धमकी दी थी।
उत्तर कोरिया की मीडिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो री को आखिरी बार अप्रैल 2020 में उत्तर कोरियाई मीडिया में देखा गया था। रिपोर्ट्स का दावा है कि हो को महीनों पहले उनके पद से हटा दिया गया था।
America on the Target of North Korea, missile Test:दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका उत्तर कोरिया के निशाने पर है। खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइलों से उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग अमेरिका पर कभी भी हमला कर सकते हैं। यह खुफिया जानकारी जापान और दक्षिण कोरिया ने अमेरिका को दी है। इससे जो बाइडन के खेमे में हलचल मच गई है।
US On N. Korea nuclear test:अमेरिका की बार-बार चेतावनी के बाद किम जोंग की सनक उतरने का नाम नहीं ले रही। सनकी तानाशाह ने तमाम अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच धड़ाधड़ मिसाइल परीक्षण के सिलसिले को जारी रखा है। अब किम जोंग ने परमाणु परीक्षण करने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे अमेरिका में हलचल मची है।
US against Russia & China on North Korea missile test:तमाम प्रतिबंधों के बावजूद लगातार उत्तर कोरिया के एक के बाद एक बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण कर रहा है। इससे अमेरिका में खलबली मची है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किमजोंग को रोकने की अमेरिका की हर कोशिश नाकाम होती दिख रही है।
North Korea-Kim Jong un: उत्तर कोरिया एक के बाद एक मिसाइल परीक्षण कर रहा है। जिसके चलते ऐसा कहा जा रहा है कि वह परमाणु हमला भी कर सकता है।
North Korea: उत्तर कोरिया पिछले कई दिनों से कई बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च कर चुका है। यही वजह है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश कहे जाने वाले अमेरिका की भी चिंता बढ़ चुकी है। साथ ही जापान, दक्षिण कोरिया और उनके सहयोगी देश भी चिंतित हैं।
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