SBI ने यह भी कहा है कि समर्थन मूल्य को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना करने पर महंगाई बढ़ने की आशंका ज्यादा नहीं है
खरीफ सीजन में मुख्य तौर पर धान, मक्का, कपास, सोयाबीन, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, रागी, तुअर, उड़द और मूंग की खेती होती है। इन सभी फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ सकता है
देश के कुछ भागों में प्याज की खुदरा कीमतें 50 से 60 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई हैं। इस बीच सरकार का कहना है कि ऐसा मांग-आपूर्ति में तात्कालिक अंतर के कारण है
देश में महंगाई के फिर से बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि खाद्यान्न उत्पादन चालू खरीफ सत्र में 35 लाख टन घटकर 13.5 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
प्याज की कीमतें आज महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में दो गुना से ज्यादा बढ़कर 26 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई हैं। यह एशिया की सबसे बड़ी प्याज की थोक मंडी है
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सत्र में अभी तक धान की बुवाई का रकबा 4.5 प्रतिशत बढ़कर 126 लाख हेक्टेयर हो गया है।
चालू वित्त वर्ष में खरीफ सत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि पिछले साल से अधिक है, लेकिन इसके बावजूद यह काफी कम है।
सरकार ने इस बार खरीफ सीजन के लिए धान का MSP 80 रुपए प्रति क्विंटल और दलहन के एमएसपी में 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।
प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने मानसून को लेकर अपना पहला अनुमान जारी कर दिया है। इसके मुताबिक 2014-15 की तरह इस साल भी देश में सामान्य से कम बारिश होगी।
देश में चालू 2016-17 के खरीफ मौसम में अनाज उत्पादन नौ फीसदी बढ़कर 13.503 करोड़ टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
खरीफ बुवाई का काम समाप्त होने के करीब है। दलहन की ऊंची कीमतों के चलते इस बार दलहन बुवाई का रकबा करीब 33 प्रतिशत बढ़कर 142.02 लाख हेक्टेयर हो गया।
अच्छे मानसून की उम्मीद में मौजूदा सत्र में खरीफ फसलों की बुआई का रकबा 26 अगस्त की स्थिति के मुताबिक 1019.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र हो चुका है।
अच्छी बरसात और अधिक बाजार कीमतों के कारण चालू खरीफ सत्र में अभी तक बुवाई के रकबे में 35 फीसदी की वृद्धि हुई है और यह बढ़कर 136.04 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कैबिनेट ने 2016-17 के खरीफ मौसम के लिए दालों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 425 रुपए बढ़ाकर 5,000-5,225 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने को मंजूरी दे दी है।
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