सरकार के पास प्याज का 4.5 लाख टन का बफर स्टॉक है, जिसमें से अबतक 1.5 लाख टन की बिक्री की जा चुकी है। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि बफर स्टॉक प्याज को पहली बार रेलवे के माध्यम से प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है और इससे सप्लाई बढ़ाने में मदद मिल रही है।
इस साल मॉनसून ने खूब बारिश की है। इस साल 8 फीसदी तक अधिक देखने को मिली है। इसका फायदा खरीफ फसल की खेती करने वाले किसानों को होगा। इस कारण भविष्य में अनाज के दामों पर बढ़ने वाले दामों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
नवंबर के आसपास काटी जाने वाली खरीफ चावल की फसल भारत के कुल चावल उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत है। कुल चावल का रकबा 1.64 मिलियन हेक्टेयर बढ़कर 41 मिलियन हेक्टेयर हो गया है।
कृषि क्षेत्र में आगे और बढ़त देखने को मिल सकती है। इसकी वजह आम बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने और लचीलापन लाने के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित करना है।
दलहन और तिलहन की खेती का रकबा बढ़ने से दालों व तेल की कीमत कम करने में मदद मिलेगी। इससे आम लोगों को भी राहत होगी। आपको बता दें कि देश में दाल और तेल की मांग को पूरा करने के लिए अभी महंगे आयात का भी सहारा लेना पड़ता है।
शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कृषि भवन में 8 राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की है। इस बैठक में भारत को दाल के मामले में आत्मनिर्भर बनाने पर चर्चा हुई है।
बुधवार को मोदी कैबिनेट ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक के बाद एक कई बड़े ऐलान किए हैं। पीएम मोदी की सरकार ने देश के किसानों को भी बड़ी खुशखबरी दी है।
ख़रीफ फसलों का कुल रकबा मामूली रूप से बढ़कर 979.88 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 972.58 लाख हेक्टेयर था।
Kharif Crops: रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 में मक्का उत्पादन सालाना आधार पर 1 फीसदी बढ़कर 21।95 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय इस साल खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन 15 करोड़ टन से अधिक होने की उम्मीद कर रहा है, जो फसल वर्ष 2020-21 के इसी सत्र में हासिल किए गए 14 करोड़ 95 लाख टन से अधिक है।
खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने मंजूरी दे दी है।
सरकार ने प्याज की नियमित रूप से बड़े पैमाने पर खेती नहीं करने वाले राज्यों से ही प्याज का उत्पादन बढ़ाने को कहा है।
2020-21 खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 1,445.2 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि गन्ने और कपास जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
1.7 लाख किसानों से एमएसपी मूल्य पर कुल 20,37,634 टन धान की खरीद की गई है, पूरी खऱीद 3,847.05 करोड़ रुपये में की गई है। चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने धान का एमएसपी (सामान्य ग्रेड) के लिए 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि ए-ग्रेड किस्म के लिए 1,888 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय गया है।
कृषि सचिव ने कहा कि एमएसपी पर खरीद पहले भी की जा रही थी, अब भी की जा रही है और इसे भविष्य में भी किया जाएगा। किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
केयर रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2020-21 के लिए प्रमुख खरीफ फसलों के पहले अग्रिम अनुमान में 14.452 करोड़ टन खाद्न्नय उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया है
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को 2020- 21 की प्रमुख खरीफ फसलों का पहला अग्रिम उत्पादन का अनुमान जारी किया।
कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि खरीफ फसलों की बुवाई के काम पर महामारी का कोई असर नहीं पड़ा है और गर्मियों की फसलों की रिकॉर्ड क्षेत्र में फसल लगाई गई है।
अच्छी बारिश तथा बीज, कीटनाशक, उर्वरक, मशीनरी और ऋण जैसे जरूरी सामान का समय से पहले इंतजाम रखने के कारण महामारी की स्थिति के बावजूद भी खेती के रकबे के दायरे में वृद्धि संभव हुई है।
खरीफ सत्र 2020 में बुवाई का रकबा दो से तीन प्रतिशत बढ़कर 10.9 करोड़ हेक्टेयर होने से कृषि उत्पादन में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त उत्पादकता भी दो से तीन प्रतिशत बढ़ने से, बम्पर खरीफ उत्पादन होने के आसार
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