बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम में लगातार तापमान में गिरावट देखी जा रही है, जिससे यहां पर ठंड काफी बढ़ गई है, जिसका असर बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। केदारनाथ धाम में अभी तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
जिला प्रशासन ने ताजा हालातों और हिमपात को देखते हुए केदारनाथ यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी की है। गौरतलब है कि हर साल केदारनाथ यात्रा पर लाखों श्रद्धालु आते हैं।
Super 100: देखिए 100 बड़ी ख़बरें फटाफट अंदाज में सुबह 6:20 मिनट पर खुले केदारनाथ धाम के कपाट,बाबा केदार के मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया गया केरल दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी आज वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.
केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया था।
चारधाम यात्रा में मौसम से यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े, इसके लिए पुलिस ने कमर कस ली है। वहीं, मौसम विभाग ने भी यात्रियों को मौसम के बेहतर होने के बाद ही यात्रा में आने को कहा है।
भारी बर्फबारी के बीच कल पूरे विधि-विधान के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने वाले हैं। इस अवसर पर अंतिम तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर को सजाने में 20 क्विंटल फूलों का इस्तेमाल हुआ है।
केदारनाथ में रविवार दोपहर हेलिकॉप्टर के पंखे की चपेट में आने से एक अधिकारी की मौत हो गई है। ये अधिकारी हेलिकॉप्टर चलाने वाली कंपनी से ही संबंधित थे।
गढ़वाल हिमालय की उंची पहाड़ियों खासतौर पर केदारनाथ में पिछले कुछ दिनों से मौसम खराब रहने और बर्फवारी होने के कारण वहां के लिए श्रद्धालुओं के पंजीकरण का काम रविवार को रोक दिया गया।
Kedarnath Yatra 2023 Date: जल्द ही केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने वाली है। ऐसे में यात्रा और मंदिर से जुड़ी कई बातें श्रद्धालुओं को जानना बेहद जरूरी है। तो यहां जानिए केदारनाथ धाम से जुड़ी जरूरी जानकारी।
उत्तराखंड में कोरोना केसों में लगातार इजाफा हो रहा है। चिंता की बात है कि सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण देहरादून में बढ़ा है। संक्रमण दर 10 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है।
Char Dham Yatra 2023: बीकेटीसी ने बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर में स्पेशल दर्शन की कीमत तय कर दी है। अब भक्तों को भगवान बद्री और केदार के दर्शन के लिए इतना भुगतान करना होगा।
चार धाम यात्रा 2023: इस बार बिना QR Code के चार धाम यात्रा के लिए नहीं मिलेगी एंट्री। आपको इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जानिए रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस।
दोनों धामों के लिए श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन मंगलवार को शुरू हुआ और पहले दो दिनों में अब तक 61,250 लोग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
यात्रा की तैयारियों को देखने के लिए हुई एक बैठक में केदारनाथ मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य त्वरित गति से करने और पैदल मार्ग की जल्द मरम्मत शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल से खुल जाएंगे और भक्त भगवान का दर्शन कर सकेंगे। आज विधिवत इसका ऐलान किया गया। बद्रीनाथ धाम मंदिर के कपाट 27 अप्रैल से खुल जाएंगे।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुल रहे हैं। गंगोत्री प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है। गंगोत्री नगर से 19 किमी दूर गोमुख है, जो गंगोत्री हिमानी का अन्तिम छोर है और गंगा नदी का उद्गम स्थान है।
त्तराखंड स्थित चार धाम में से एक केदारनाथ मंदिर में भारी बर्फबारी हुई है। जहां बाबा केदार की नगरी सफेद चादर से ढ़की हुई नजर आ रही है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में दो साधुओं को देखा जा सकता है। यह वीडियो केदारनाथ का है।
आपदा की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। यहां कभी भूकंप से तबाही मचती है, तो कभी जलप्रलय से इस बार भगवान बदरीनाथ धाम के प्रवेशद्वार जोशीमठ से आपदा की आहट आ रही है। यहां घरों पर दरारें पड़ गई हैं, जमीन के नीचे पानी की हलचल साफ सुनाई दे रही है।
करीब दो साल कोरोना की पाबंदियों के बाद जब तीर्थस्थलों के कपाट खुले तो भक्तों की भड़ी उमड़ पड़ी। इस साल वैष्णों देवी से लेकर केदारनाथ धाम समेत वृंदावन और कई शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा
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