जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों द्वारा एक शिक्षिका की गोली मारकर हत्या करने के कुछ घंटे बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक संगठन ने धमकी दी थी कि अगर उन्हें 24 घंटे में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया गया तो वे घाटी छोड़ देंगे।
Arvind Kejriwal on Kashmiri Pandit: केजरीवाल ने कहा कि जब कश्मीरी पंडित इसके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करते हैं, तो उनकी आवाज दबा दी जाती है।
पिछले दिनों कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधियों बिजली कनेक्शन की समस्या को साझा करते हुए बताया था कि आईएनए मार्केट में कश्मीरी पंडितों की 100 से अधिक दुकानें है जिन्हें साल-दर-साल विभिन्न निर्माण गतिविधियों के कारण शिफ्ट करना पड़ा।
Jammu Kashmir News: महबूबा ने सवाल किया, "बीजेपी ने क्या किया? वह पिछले चार साल से कश्मीर पर प्रत्यक्ष रूप से शासन कर रही है। मुझे एक काम बताइए जो उन्होंने कश्मीरी पंडितों के लिए किया हो।"
लश्कर-ए-इस्लाम ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने को कहा है। जम्मू-कश्मीर में सरकारी सेवाओं में लगे कश्मीरी पंडित आतंकवादियों के लगातार निशाने पर हैं।
कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करने में प्रशासन की कथित विफलता और हत्या के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को बडगाम के शेखपुरा में लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा लगातार कश्मीर पंडितों की टारगेट किलिंग की जा रही है। आतंकियों द्वारा राहुल भट्ट की टारगेट किलिंग पर बॉलीवुड के जाने-माने फ़िल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की है।
जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले में 35 साल के कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या को लेकर तनाव बढ़ गया है। राहुल बट की हत्या के विरोध में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत नौकरी करने वाले 350 कश्मीरी पंडितों ने एलजी को अपना सामूहिक त्यागपत्र भेजा। #JammuAndKashmir #KashmiriPandit #RahulBhatt
कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में आज जम्मू-कश्मीर में जबरदस्त हंगामा हो रहा है. बडगाम में प्रदर्शन के दौरान बवाल हुआ. मामला बढ़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.#RahulBhatt #KashmiriPandit #IndiaTV
बड़गाम स्थित तहसीलदार के दफ्तर में कुछ दिन पहले कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद आज नाराज सरकारी कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. लोगों ने लेफ्टिनेंट ऑफिस जाने की मान की तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. #JammuKashmir #Kashmir #RahulPandit #KashmirFiles
जम्मू कश्मीर में एक बार फिर कश्मीरी पंडित का खून बहा है.. बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या से हड़कंप है..Rahul Bhat की हत्या पर बडगाम में प्रदर्शन के दौरान हंगामा, बेखौफ आतंकियों ने तहसील ऑफिस में घुसकर राजस्व अफसर राहुल भट्ट की हत्या कर दी.. दो आतंकियों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया.#Budgam #KashmiriPandit #RahulBhat
घाटी में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। बडगाम से लेकर श्रीनगर तक लोग सड़कों पर उतर पड़े हैं और कश्मीरी पंडितों की हत्या पर विरोध जता रहे हैं।
आतंकवादियों ने चदूरा में तहसील कार्यालय में घुसे और अचानक से ही राहुल भट को गोली मार दी। इस घटना को अंजाम देकर आतंकी घटनास्थल से फरार हो गए।
आपको बता दें कि बिट्टा कराटे कश्मीर घाटी में पंडितों के खिलाफ नरसंहार का चेहरा रहा है। उसने एक वीडियो शो में यह कबूल किया कि सतीश टिक्कू उसके हाथ से मारे गए पहले कश्मीरी पंडित थे।
केंद्र सरकार ऐसे लोगों की संपत्ति वापस लौटाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है और अब तक पोर्टल पर आवेदन करने वाले 610 आवेदकों की संपत्ति वापस की गयी है।
ऐसे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए पिछले साल एक पोर्टल की शुरूआत की है जो अत्याचार के कारण घाटी छोड़ने के लिए विवश हुए और जिनकी संपत्ति जबरन ले ली गई।
बाल कृष्ण के पिता पंडित जानकीनाथ भट ने मंगलवार को अपने घर आए पड़ोसियों से बातचीत की। पड़ोसियों ने परिवार से घाटी न छोड़ने की गुहार लगाई। आज बड़ी संख्या में पड़ोसी भट परिवार से मिलने पहुंचे और अपना समर्थन जताया।
बाल कृष्ण को श्रीनगर के आर्मी हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाल कृष्ण के 3 गोलियां लगी हैं और उनकी हालत नाजुक है। बीते साल अक्टूबर से लेकर अब तक ये दूसरी बार हुआ है, जब किसी कश्मीरी पंडित पर आतंकियों ने हमला किया हो।
कश्मीर में 1990 के बाद पहली बार इतनी संख्या में कश्मीरी पंडित नवरेह का पर्व मनाने के लिए कश्मीर पहुंचे हैं। 32 साल बाद आज उस माहौल को देखकर कश्मीरी पंडितों की उम्मीदें जाग उठी है और यह यकीन हुआ है कि वह दिन अब दूर नहीं जब एक बार फिर कश्मीर में हिंदू, मुस्लिम और सिख एक साथ रहकर यहां की परंपरा और भाईचारे को फिर से कायम करने में सफल हो जाएंगे।
क्या कश्मीर फाइल्स पर उंगली उठाकर कुछ लोग अपना एजेंडा सेट करना चाहते हैं? कश्मीर फाइल्स पर सवाल उठ रहा है कि क्या मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने की कोशिश हो रही है?
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