जम्मू-कश्मीर में 'कश्मीरी पंड़ितों' की एक बार फिर घर वापसी हो रही है। माना जा रहा है कि घाटी में कोई अंतर नहीं है कि लोग 90 के दशक को भूल जाएंगे। घाटी में कश्मीरियत फिर से जिंदा हो जाएगी।
श्रीनगर में दशहरा उत्सव में शामिल होने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अब कश्मीरी पंडितों की घर वापसी का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए कि पंडित अपने घर लौट आएं।
राहुल गांधी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बारे में कुछ यूजर्स ने दावा किया है कि वीडियो में दिख रही महिला कश्मीरी पंडित है जो राहुल गांधी को घेरकर उनसे सवाल पूछ रही है कि वह कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी का विरोध क्यों करते हैं।
15,500 से अधिक कश्मीरी प्रवासी मतदाता दूसरे चरण के चुनाव के लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में बनाए गए 24 विशेष मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। जम्मू में 14,700 से अधिक कश्मीरी पंडित मतदाता पंजीकृत हैं, जो यहां 19 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
पहले चरण के चुनाव में 35,500 प्रवासी कश्मीरी मतदाता जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में स्थापित 24 विशेष मतदान केंद्रों पर वोट डालने के पात्र हैं। जम्मू में 34,852 प्रवासी कश्मीरी मतदाता क्षेत्र के 19 विशेष मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए रजिस्टर्ड हैं।
बीते दिन कश्मीरी पंडितों के घर अराजतक तत्वों ने जला दिए जिस पर अब लोग सवाल उठाने लगे हैं कि क्या कश्मीर में फिर से 90 के दशक के हालात बनाने की कोशिश हो रही है?
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने कश्मीरी पंडितों से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा है कि कश्मीरी पंडितों को वापस कश्मीर आ जाना चाहिए।
माता भवानी के जन्मदिन की पूजा में हिस्सा लेने के लिए देश के कोने-कोने से कश्मीरी पंडित इकट्ठा हुए। नाच-गाने के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय मुसलमानों ने कश्मीरी पंडितों का दिल खोलकर स्वागत किया।
जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा इलाकों में आतंकी हमलों से लोग डरे हुए हैं। आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई लगातार जारी है। इस बीच हजारों की संख्या में कश्मीरी पंडित कश्मीर के लिए जाने वाले हैं।
बारामूला लोकसभा क्षेत्र में 20 मई को होने वाले मतदान के लिए कुल 25,821विस्थापित कश्मीरी मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 12,747 पुरुष मतदाता और 13,074 महिला मतदाता हैं।
चुनाव आयोग ने 25 हजार मतदाताओं के लिए खास व्यवस्था की है। इनके लिए कुल 26 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 21 जम्मू में, चार दिल्ली में और एक मतदान केंद्र उधमपुर में है।
घाटी में अब रौनक लौट रही है। यहां 35 साल बाद एक मंदिर के दोबारा खुलने पर क्या मुस्लिम, क्या कश्मीरी पंडित सबके चेहरे पर मुस्कान थी। एक कश्मीरी पंडित महिला का कहना है कि यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे सीएए के मुद्दे पर कहा कि CAA सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाया कि भाजपा धर्मों के बीच भेदभाव पैदा करना चाहती है।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कश्मीरी पंडितों द्वारा आयोजित महानवमी के कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने पूजा अर्चना की और सभा को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि घाटी में आतंकवाद अपनी आखिरी सांसे ले रहा है।
रिटायर्ड न्यायाधीश नीलकंठ गंजू मामले की जांच की फाइल एक बार फिर खोली जा रही है। इस फैसले का कश्मीरी पंडितों ने स्वागत किया है और राज्य की जांच एजेंसी ने लोगों से अपील कर मदद मांगी है।
ख्वाज़ाबाग में 40.22 करोड़ रुपये की लागत से नई विस्थापित कॉलोनी बनाई जा रही है। करीब 160 फ्लैट महीने के अंत तक उद्घाटन के लिए तैयार हो जाएंगे। कुल 320 फ्लैट बनाए जाने हैं। बाकी के फ्लैट का निर्माण दो-तीन महीने के भीतर पूरा हो जाएगा।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पन्नों की एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में राहुल गांधी ने कश्मीरी पंडितों की समस्याओं के बारे में बताया है. उन्होंने लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में टारगेट कीलिंग के बीच कश्मीरी पंडितों को घाटी में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
20 जनवरी की रात को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और ये वही दौर था जब पड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का पलायन कश्मीर से हुआ, जो अगले कुछ सालों तक चलता रहा। 19 जनवरी 1990 को कश्मीरी पंडितों ने वहां से पलायन करना शुरू कर दिया और भारत के अलग-अलग हिस्सों में अपनी सहूलियत के हिसाब से चले गए।
लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार यह कहती थी कि आर्टिकल 370 खत्म होगा, तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन इसे खत्म हुए कितने साल हो गए, क्या आतंकवाद खत्म हुआ?
Rehabilitation plan ready for Kashmiri Pandits: जिस आतंक के डर से कश्मीरी पंडितों का अपना घर उजड़ गया, जिस आतंक की दहशत से कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा और जिस आतंक की गुजरी यादों का खौफ आज भी कश्मीरी पंडितों का खून खौला देता है, अब दशकों से कश्मीर में चले आ रहे उस आतंक और आतंकियों का अंत होने वाला है।
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