अधिकारियों ने हालांकि कहा कि सोमवार को लगातार 29वें दिन आम जनजीवन प्रभावित रहा। दुकानें बंद रहीं और सड़कों से सार्वजनिक वाहन नदारद रहे।
इस तरह के प्लैटफॉर्म्स जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा एजेंसिंयों और अधिकारियों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में हालात सुधरने के मद्देनजर अधिकतर स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवा आरंभ कर दी गई है लेकिन यहां वाणिज्यिक केंद्र लाल चौक और प्रेस एन्क्लेव में यह सेवा बाधित है।
घाटी के कई हिस्सों में टेलीफोन सेवाएं हालांकि बहाल कर दी गई हैं लेकिन मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से ही निलंबित हैं।
जम्मू-कश्मीर में हालात को तेजी से बदलने के लिए सरकार एक साथ कई मोर्चों पर काम कर रही है। सरकार की कोशिशों का असर भी नजर आ रहा है।
कश्मीर में हालात धीरे धीरे पूरी तरह सामान्य होते जा रहे हैं। इसका सबूत आज श्रीनगर का दिल कहे जाने वाले लाल चौक में देखने को मिला। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आज श्रीनगर का मशहूर लाल चौक पूरी तरह खुल गया है।
राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा था कि मैं राहुल गांधी को एक विमान भेजता हूं, वे यहां आएं और खुद हालात को देखें।
जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद अब जीवन पटरी पर लौटने लगा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की इस मुद्दे को हल करने में कोई भूमिका अदा करने की मंशा है, इस पर प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम तनाव बढ़ने को लेकर बहुत चिंतित हैं।"
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल कश्मीर के लिए रवाना हो गए हैं। वह व्यक्तिगत तौर पर वहां पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। उनके वहां पहुंचने से पहले दस हजार सुरक्षा जवानों को और वहां भेजा गया है।
घाटी में आम लोग निहित स्वार्थों के द्वारा फैलाई जा रही अफवाह और दहशत से घबराए हुए हैं। उन्हें सेना और राज्य पुलिस पर भरोसा करना चाहिए।
मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी कहा कि केंद्रीय बलों की 100 कंपनियों (10,000 सैनिकों) को एक हफ्ते पहले यहां तैनात करने का आदेश दिया गया था और वे अपने-अपने गंतव्यों पर पहुंचने की प्रक्रिया में हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस तरह अचानक 250 कंपनियों को देर शाम तैनात किये जाने का कोई कारण नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों को केन्द्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया गया है। स्थानीय पुलिस की महज प्रतीकात्मक उपस्थिति है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के घाटी के सीक्रेट मिशन पर आने के तत्काल बाद उठाई है। इस फैसले ने कश्मीर घाटी में राजनीतिक दलों व अलगाववादियों में हलचल तेज कर दी है।
गृह मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस साल जनवरी से लेकर 16 जून तक कुल 113 आतंकियों को मार गिराया गया। साल 2018 में 257, साल 2017 में 213 और साल 2016 में 150 आतंकी मारे गए। इस आकंड़े को जोड़ दिया जाए तो 2016 से अबतक सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में कुल 733 आतंकियों का सफाया किया।
कश्मीर घाटी में तीन लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में कश्मीरी पंडितों के कुल 13,537 वोट पड़े। इनमें से 11,648 वोट अकेले भाजपा को मिले। कश्मीरी पंडितों के इस समर्थन से भाजपा खासी उत्साहित है।
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कश्मीर में चुनाव प्रचार आरंभ करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने रविवार को कई रैलियां कीं। इसी बीच पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) नामक दल का ऐलान कर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की।
खबर है कि कश्मीर घाटी में 170 आतंकी हैं जबकि 40 आतंकी पीओके कैंप्स में हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास आतंकी कैंप्स का पूरा मैप है।
सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक के नेतृत्व वाले अलगाववादियों के संगठन ज्वांइट रेसिस्टेंस लीडरशीप (जेआरएल) ने अनुच्छेद पर लोगों के समर्थन के लिए दो दिवसीय बंद का आह्वान किया है।
पहलगाम का तापमान शून्य से 0.6 डिग्री कम और गुलमर्ग का शून्य से 4 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया। बनिहाल सेक्टर में ताजा बर्फबारी और रामसो-रामबन में भूस्खलनों के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी बंद रहा।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़