कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा बार-बार उठाने के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई और मंच का ज्यादा रचनात्मक इस्तेमाल करने की सलाह दी।
कश्मीर से 370 हटाना और फिर लद्दाख को अलग प्रदेश बनाने का फैसला कितना सही था, इस बात का अंदाजा आपको एससीओ शिखर वार्ता में चीन और पाकिस्तान को रोने से हो जाएगा। जाहिर है कि चीन- पाकिस्तान ने माना है कि भारत के इस फैसले से उनकी संप्रभुता कमजोर हुई है।
कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान द्वारा उठाए गए इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। यूएन ने कहा कि इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।
हाई कोर्ट की इस आर्डर से पहले भी पिछले कहीं वर्षों में कश्मीर में 200 से अधिक ऐसे मंदिरों को रिनोवेट किया जा चुका है जो 1990 के दशक से आतंकवाद के चलते खंड रात बन चुके थे। इसके अलावा सरकार ने कहीं एंक्रोचमेंट और नाजायज कब्जे की प्रॉपर्टी को भी वापस हासिल कर लिया है।
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने फिर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान का आरोप राजनीति से प्रेरित, निराधार और आदतन है। पाकिस्तान में बच्चों पर जो जुर्म हो रहा है, वह उस पर चुप है और दुनिया का ध्यान उस असल मुद्दे से भटकाने के लिए वह कश्मीर का मुद्दा बार-बार उठाता है।
इजरायल से जंग छिड़ने के बाद ईरान ने अपने दुश्मन रहे पाकिस्तान को दोस्त बना लिया है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने 3 दिनों के पाकिस्तान दौरे के बाद दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते किए हैं। माना जा रहा है कि ईरान ने इजरायल से मुकाबले के लिए पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ाई है। जबकि दोनों देश अब तक दुश्मन थे।
जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान परेशान है। मगर कुछ कर नहीं पा रहा है। इससे उसकी छटपटाहट और बढ़ती जा रही है। तमाम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद भी उसे कुछ हासिल नहीं हुए तो कश्मीर का तीर उसे चुभने लगा है। अब राष्ट्रपति जरदारी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया है।
तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप में जब कोई मददगार उसे नजर नहीं आया तो मानवता को सबसे ऊपर रखते हुए भारत ने ही उसके लोगों की जान बचाई। पीएम मोदी ने सबसे पहले तुर्की में आर्मी को मदद के लिए भेजा। मगर अब वही तुर्की पाक को खुश करने के लिए यूएनजीए में कश्मीर मुद्दा फिर से उठा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक बार फिर पाकिस्तान ने जब कश्मीर राग अलापा तो भारत ने उसकी धुलाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने कहा कि वह बार-बार इस अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग करने के लिए यह मुद्दा उठाता है और बेतुके आरोप लगाता है। मगर उसे अपने आंतरिक मामलों पर ध्यान देने से भला होगा।
बेशर्म पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को किसी भी मंच पर उठाने पहुंच जाता है। इस बार वह कश्मीर से जुड़े किशनगंगा और रतले परियोजना को लेकर हेग की मध्यस्थता अदालत पहुंच गया। अदालत को पाकिस्तान की याचिका सुनने में रुचि पैदा हो गई। मगर भारत ने इस कार्यवाही को अवैध बताते हुए इसमें शामिल होने से ही इनकार कर दिया। इससे पाक चकरा गया।
भारत में दो दिन पहले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद पाकिस्तान पहुंचे चीनी विदेश मंत्री ने भारत के खिलाफ ऐसा जहर उगला है कि जिसके बारे में जानकर आपका खून खौल जाएगा। अब तक पाकिस्तान ही विभिन्न बैठकों में कश्मीर का राग अलापता रहता था, लेकिन इस बार चीन ने कश्मीर मुद्दे पर जहर उगला है।
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया, जिसका जवाब देते हुए भारत ने कहा कि बेवजह की बात कर समय बर्बाद ना करें।
अमेरिका ने यह साफ कर दिया है कि कश्मीर मुद्दा अंतरराष्ट्रीय नहीं बल्कि दोनों देशों का मुद्दा है, जिसे दोनों देश कूटनीतिक पहल के साथ सॉल्व कर सकते हैं। अमेरिका के प्रेसीडेंट जो बाइडन प्रशासन ने कहा कि अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच सार्थक और रचनात्मक कूटनीति हो, इसका समर्थन करता है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की फिसली जुबान या क्या हुआ कि उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर बात करते हुए अचानक भारत को दोस्त कहा फिर मुस्कुराते हुए पड़ोसी बताया। देखें वीडियो-
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा कश्मीर मुद्दे पर की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए भारत की संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने मंगलवार को उनके बयान को ‘‘आधारहीन और राजनीति से प्रेरित’’ करार दिया।
इतिहासकारों का एक बड़ा वर्ग Jawaharlal Nehru को नए भारत प्रणेता बताता है। वो कहते हैं कि नेहरू सिर्फ लीडर नहीं, स्टेट्समैन थे। इतिहासकारों का एक काफी मुखर वर्ग ऐसा भी है जो नेहरू की दूरदर्शिता को लेकर सवाल खड़े करता है।
China on Kashmir Issue: लगातार चीन का तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद शी जिनपिंग के तेवर भारत के प्रति और भी अधिक सख्त हो गए हैं। चीन ने कश्मीर मुद्दे को फिर से उछाल दिया है और पाकिस्तान के पक्ष में बयानबाजी करनी शुरू कर दी है। चीन इस बहाने भारत को उकसाने की कोशिश में जुट गया है।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि नेहरू ने उस क्षेत्र के राजा हरि सिंह के कश्मीर के भारत में विलय के प्रस्ताव पर कार्रवाई में देरी, सहित पांच गलतियां की थीं। इन गलतियों का खामियाजा जम्मू एवं कश्मीर के साथ देश को भी उठाना पड़ा और इनके चलते क्षेत्र का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया।
पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ ने कहा कि हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहते हैं, लेकिन दक्षिण एशिया में स्थायी शांति एवं स्थिरता कश्मीर मुद्दे के उचित और स्थायी समाधान पर निर्भर करती है।
Pakistan News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनका देश बातचीत के जरिए भारत के साथ ‘स्थाई शांति’’ चाहता है और कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए युद्ध दोनों देशों के लिए कोई विकल्प नहीं है।
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