मंदिर में 200 लोगों का पुजारी का परिवार है। इसके अलावा 200 लोग पंडे के परिवारों के हैं। इसका पूरा खर्च यहीं से चलता है। पहले रविवार और भैरव अष्टमी में भीड़ होती थी। लेकिन अब अनुमान के हिसाब से 10 हजार की भीड़ रोज आती है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। भारत सरकार भी इसे लेकर विशेष आयोजन करवा रही है, अब इसी क्रम में योगी सरकार और मंदिर प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है।
मंदिर परिसर सभी तरफ से दिखाई देगा और ट्रैफिक जाम से मुक्त होगा, जो अभी देखा जा सकता है। यह नागरिकों के अनुकूल होगा, जिसमें शौचालय और पीने के पानी की सुविधा होगी।
Kashi Vishwanath Mandir: काशी विश्वनाथ मंदिर में आरतियों के टिकट रेट में बढ़ोतरी कर दी गई है। बढ़ी हुई दरें 1 मार्च 2023 से लागू होंगी। बाबा विश्वाथ के दर्शन के लिए वाराणसी जाने से पहले यहां पूरी जानकारी जरूर लें।
रोपवे के तैयार हो जाने से इसकी दूरी घटकर 3.8 किमी हो जाएगी और आपके समय की भी काफी बचत होगी। बता दें कि इस प्रोजेक्ट में तेजी आए इस कारण यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए 6 विभागों को 31 करोड़ रुपये अलॉट कर दिए गए हैं।
Gyanvapi Case: ऐसी मान्यता है कि औरंगजेब ने ही मंदिर के एक हिस्सा को तुड़वाकर उसकी जगह मस्जिद का निर्माण करवाया था। जबकि कुछ इतिहासकारों का कहना है कि 14वीं सदी के शर्की सुल्तान ने मंदिर को ध्वस्त कराकर मस्जिद बनवाई। मान्यताएं ये भी हैं कि अकबर ने ही विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को बनावाया था।
Kashi Vishwanath Temple: अगर आप सावन के महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको अपनी जेब थोड़ी ढीली करनी पड़ सकती है, क्योंकि मंदिर ने विशेष पूजा के लिए नई रेट लिस्ट जारी कर दी है।
Karnataka: कर्नाटक की सरकार ने वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर तीर्थ यात्रा को लेकर अपनी मंजूरी दे दी है। इसमें तीर्थ यात्रा करने के इच्छुक 30,000 तीर्थयात्रियों में से प्रत्येक को 5,000 रुपये की नकद सहायता की पेशकश की जाएगी।
काशी विश्वनाथ को तोड़ने की पहली कोशिश में औरंगजेब सफल नहीं हो पाया था। अपनी मुगल सेना के साथ उसने पहली बार साल 1664 में मंदिर पर हमला किया था। लेकिन नागा साधुओं ने मंदिर का बचाव किया और औरंगजेब की सेना को बुरी तरह हराया।
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सूत्रों के मुताबिक, मस्जिद के तहखाने के अंदर सफाईकर्मी गए थे। वहां गौरी श्रृंगार मंदिर की जैसी तस्वीरें हैं, वह वैसा ही मिला है।
कुछ खबरों में कहा गया है कि मंदिर के गर्भ गृह में लगाया जाने वाला सोना, दक्षिण भारत के एक श्रद्धालु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन के वजन के बराबर दान दिया है। प्रशासन की ओर से यह खुलासा भी नहीं किया गया कि कितना सोना उन्हें दान में मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम में काम कर रहे लोगों के लिए जूट से बने 100 जोड़ी जूते भेजे हैं। उन्हें यह पता चला था कि धाम में ज्यादातर लोग नंगे पैर काम करते हैं क्योंकि मंदिर परिसर में चमड़े या रबड़ के जूते पहनने की मनाही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर जो पहले मात्र 3000 वर्ग फुट का था, वह बढ़कर अब करीब पांच लाख वर्ग फुट हो गया है। अब 50 से 70 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में आ सकते हैं।
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