करतारपुर कॉरिडोर को आज से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। कोरोना महामारी से पैदा हुए हालात के कारण पिछले साल 16 मार्च को करतारपुर कॉरीडोर बंद करने का फैसला किया गया था। अब बीस महीने के बाद सिखों के इस सबसे पवित्र स्थान तक पहुंचने का रास्ता खोल दिया गया है।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुलने से सिख सुमदाय में उत्साह का माहौल है। इस कॉरिडोर के खोले जाने से भारतीय सिख बिना वीजा के गुरुद्वारे में मत्था टेक सकेंगे।
करीब 20 महीने के बाद श्रद्धालुओं करतारपुर कॉरिडोर फिर से खुल रहा है और गुरुवार को करतारपुर गुरुद्वारे में मथा टेकने के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना होगा। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में उनकी पूरी कैबिनेट शामिल होगी और करतारपुर गुरुद्वारे में जाकर मत्था टेकेगी।
ऐसा माना जाता है कि सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में ही देह का त्याग किया था। उसी जगह पर गुरुद्वारा बनाया गया है और 1947 में भारत तथा पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे में वह भाग पाकिस्तान में चला गया था।
पंजाब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया कि गुरुपर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर को पुन: खोला जाए। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी श्रद्धालुओं के वास्ते करतारपुर गलियारे को खोलने की मांग कर चुके हैं।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने नौ नवंबर 2019 को गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया था। लेकिन गलियारा खुलने के कुछ ही महीनों बाद कोरोना वायरस महामारी के कारण तीर्थयात्रियों की आवाजाही मार्च 2020 से निलंबित कर दी गई।
सिर्फ वही सिख श्रद्धालु करतारपुर जा पाएंगे जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा ली है। कोविड महामारी की वजह से मार्च 2020 में करतारपुर साहिब के लिए तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई थी
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से पाकिस्तान के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताए हुए कहा गया है कि पाकिस्तान के चेहरे से वह नकाब उतर गया है जिसके जरिए वह अपने यहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की बात कहता है
पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आने को राजी नहीं है। अब पाकिस्तान ने करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर नई चाल चली है।
पाकिस्तान ने सोमवार को तीन महीने से अधिक समय बाद करतारपुर गलियारे को फिर से खोल दिया। इस गलियारे को कोविड-19 महामारी के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।
भारत ने करतारपुर गलियारे को फिर से शुरू करने की पाकिस्तान के प्रस्ताव की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कॉरिडोर खोलने के लिए 2 दिन का नोटिस द्विपक्षीय समझौते के खिलाफ है।
कोरोना वायरस के चलते बंद किए गए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को पाकिस्तान ने भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए फिर से खोलने का फैसला किया है।
कोरोना वायरस के कारण बंद किए गए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने के लिए पाकिस्तान तैयार हो गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इसकी जानकारी दी है।
माना जा रहा है कि इसके निर्माण में घटिया मटीरियल का इस्तेमाल किया गया था जिसके चलते ये मामूली आंधी भी नहीं झेल पाए।
कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की धार्मिक यात्रा और उसके लिए पंजीकरण को रविवार आधी रात से निलंबित कर दिया जाएगा।
कोरोनो वायरस के कारण करतारपुर साहिब की यात्रा पर रोक
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीबीपी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने PTI से कहा कि पाकिस्तान सरकार ने गुरु गोबिन्द सिंह जयंती समारोह पर तीन से पांच जनवरी तक पाकिस्तानी गैर सिखों को करतारपुर साहिब में प्रवेश न देने का निर्णय किया है।
पंजाब के धर्मनिष्ठ लोगों के लिए साल 2019 यादगार रहेगा। सिखों ने जहां गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाई वहीं पाकिस्तान ने करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सिख श्रद्धालुओं को अभूतपूर्व पहुंच उपलब्ध कराई।
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि करतारपुर साहिब से वापस लौटने वाले श्रद्धालुओं के प्रसाद को सुरक्षा जांच के तहत खोजी कुत्तों से सुंघवाया जाता है और इस पर रोक लगनी चाहिए।
भारत की एक सिख महिला पाकिस्तान के करतारपुर दौरे के समय बिना वीजा के एक पाकिस्तानी व्यक्ति से मिलने फैसलाबाद पहुंच गई, जिससे उसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई थी।
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