आज सिखों के पहले गुरु, गुरु नामक देव जी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें...
पाकिस्तान में सिख साम्राज्य के पहले शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को पुनर्स्थापित किया गया है। प्रतिमा को करतारपुर साहिब में स्थापित किया गया है। प्रतिमा को कट्टरपंथियों ने तीन बार क्षतिग्रस्त किया था।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने कहा कि हमें अपने पड़ोसी देशों से लड़ाई नहीं लड़नी चाहिए। उन्होंने करतारपुर गए भारतीय सिखों से मुलाकात के दौरान यह बात कही। मरियम ने कहा कि पड़ोसियों के हमें दिल खोलना चाहिए।
पाकिस्तान में पाप हुआ...जिसका खुलासा आज हो गया..सिखों का अपमान किया गया ..सिखों के धर्मस्थान के पास मांसाहारी खाना परोसा गया...पूरी खबर की डिटेल आपको बताते हैं. देखिए इस रिपोर्ट में.
Pakistan Kartarpur Sahib : जहां सिख टेकते हैं मत्था...वहां क्यों मांस-मदिरा ?
पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में सिख समुदाय की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। गुरुद्वारे की दर्शनी ड्योढ़ी से महज 20 फीट की दूरी पर शराब और नॉनवेज पार्टी की गई है।
पंजाब में भारी बारिश के चलते 1457 गांव बाढ़ की चपेट में आए गए हैं। राज्य में कुल 27,221 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान 75 साल पहले एकदूसरे से बिछड़े एक व्यक्ति और उसकी बहन ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे पर फिर से मिल गए
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस मामले से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को तलब कर गुरुद्वारा दरबार साहिब में हुई घटना को लेकर भारत ने अपनी गहरी चिंता से उन्हें अवगत कराया।
समारोह में ‘नगर कीर्तन’ जुलूस और ‘पालकी’ जुलूस भी शामिल था जो जन्मस्थान से निकाला गया और ननकाना साहिब में 8 गुरुद्वारों में उसे ले जाया गया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर गलियारे को फिर से खोलने को अच्छा घटनाक्रम करार दिया। करीब 2,500 से अधिक भारतीय पैदल वाघा सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंचे।
करतारपुर कॉरिडोर को आज से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। कोरोना महामारी से पैदा हुए हालात के कारण पिछले साल 16 मार्च को करतारपुर कॉरीडोर बंद करने का फैसला किया गया था। अब बीस महीने के बाद सिखों के इस सबसे पवित्र स्थान तक पहुंचने का रास्ता खोल दिया गया है।
करीब 20 महीने के बाद श्रद्धालुओं करतारपुर कॉरिडोर फिर से खुल रहा है और गुरुवार को करतारपुर गुरुद्वारे में मथा टेकने के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना होगा। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में उनकी पूरी कैबिनेट शामिल होगी और करतारपुर गुरुद्वारे में जाकर मत्था टेकेगी।
ऐसा माना जाता है कि सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में ही देह का त्याग किया था। उसी जगह पर गुरुद्वारा बनाया गया है और 1947 में भारत तथा पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे में वह भाग पाकिस्तान में चला गया था।
सिर्फ वही सिख श्रद्धालु करतारपुर जा पाएंगे जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा ली है। कोविड महामारी की वजह से मार्च 2020 में करतारपुर साहिब के लिए तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई थी
भारत ने करतारपुर गलियारे को फिर से शुरू करने की पाकिस्तान के प्रस्ताव की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कॉरिडोर खोलने के लिए 2 दिन का नोटिस द्विपक्षीय समझौते के खिलाफ है।
कोरोना वायरस के चलते बंद किए गए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को पाकिस्तान ने भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए फिर से खोलने का फैसला किया है।
माना जा रहा है कि इसके निर्माण में घटिया मटीरियल का इस्तेमाल किया गया था जिसके चलते ये मामूली आंधी भी नहीं झेल पाए।
कोरोनो वायरस के कारण करतारपुर साहिब की यात्रा पर रोक
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीबीपी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने PTI से कहा कि पाकिस्तान सरकार ने गुरु गोबिन्द सिंह जयंती समारोह पर तीन से पांच जनवरी तक पाकिस्तानी गैर सिखों को करतारपुर साहिब में प्रवेश न देने का निर्णय किया है।
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