Ganesh Chaturthi 2022: पीठ ने कहा, आप कहीं और पूजा करें और हाई कोर्ट के पास वापस जाएं। पीठ में न्यायमूर्ति एएस ओका और एमएम सुंदरेश भी शामिल थे।
Karnataka News: कर्नाटक हाई कोर्ट में दी गई याचिका में कहा गया था कि ''अजान देना मुसलमानों की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है, हालांकि अजान की आवाज अन्य धर्मों को मानने वालों को परेशान करती है।''
Karnataka HighCourt Comment: कर्नाटक हाईकोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के कामकाज की कड़ी आलोचना करते हुए पूछा कि क्या यह ‘‘उगाही केंद्र ’’ बन गया है। अदालत ने बुधवार को ACB के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को एक ‘दागी अधिकारी’ बताया और कहा कि यदि उन्हें बचाया जा रहा है तो वह उन्हें तलब करेगी।
आरोपी को हथकड़ी पहनाई गई थी और उसकी परेड कराई गई थी, साथ ही एक सार्वजनिक बस में पुलिस थाने ले जाया गया था।
Karnataka News: पीठ ने कहा कि आरोपी की दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के लिए अभियोजन की ओर से कोई ठोस साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया।
लड़की ने कोर्ट के सामने कहा कि वह 28 अप्रैल 2003 को पैदा हुई थी और उम्र के हिसाब से बालिग है। वह निखिल से प्यार करती है और अपनी मर्जी से उसके साथ गई थी। दोनों ने 13 मई को एक मंदिर में शादी की और तब से दोनों साथ-साथ रह रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश एन.वी.रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की एक पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत के अनुरोध को खारिज कर दिया। कामत ने कहा था कि परीक्षाएं चल रही हैं, इसलिए मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।
कर्नाटक हाईकोर्ट के वकील उमापति को सोशल मीडिया पर एक वीडिया मिला है। जिसमें एक व्यक्ति कहता सुनाई दे रहा है कि- हम जानते हैं कि चीफ जस्टिस मॉर्निंग वॉक के लिए कहां जाते हैं।
कर्नाटक उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की विशेष पीठ ने कक्षाओं में हिजाब की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए रेखांकित किया था कि हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी। अब इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर होली के बाद सुनवाई होगी।
कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में कल चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट में छात्रा निबा नाज़ ने वकील अनस तनवीर के माध्यम से याचिका दाखिल की थी।
आज कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब के फैसले को बदलने से इनकार कर दिया। यानी स्कूलों में कॉलेजों में इंस्टीट्यूशंस में धार्मिक पोशाक पहनने की आजादी नहीं होगी। आपको तय किए गए यूनिफॉर्म कोड का पालन करना होगा। सबसे खास बात हाईकोर्ट की टिप्पणी रही। हाईकोर्ट ने 2 बड़ी बातें कहीं। सबसे पहला हाईकोर्ट ने ये साफ कर दिया कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। दूसरा अगर स्कूल और कॉलेज ने ड्रेस तय किए हैं तो सभी बच्चे, छात्र वही पहनेंगे। तय यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते।
पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले की सराहना की है। इंडिया टीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में प्रसाद ने कहा कि अदालत का यह फैसला लंबे समय तक एक ऐसे फैसले के रूप में याद रखा जाएगा, जिसने भारत की बेटियों को सशक्त बनाया।
हिजाब विवाद पर आज कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। और हिजाब पर बैन जारी रहेगा।
कोर्ट ने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं।
स्कूल-कॉलेज में हिजाब पर रोक को लेकर महबूबा मुफ्ती का भी रिएक्शन आया है। महबूबा मुफ्ती ने फैसले को निराशाजनक बताया और कहा कि महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। महबूबा ने कहा कि ये धर्म का नहीं, आजादी का मामला है।
आज कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब पर बड़ा फैसला दिया है। इसे लेकर ओवैसी ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में फैसले को नामंजूरी दी और कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ को इस फैसले को चुनौती देनी चाहिए।
ओवैसी ने ट्वीट किया- मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं, फैसले से असहमत होना मेरा हक है। मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
ये पूरा विवाद 1 जनवरी से शुरू हुआ था जब उडुपी कॉलेज की 6 छात्राओं ने प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनका कहना था कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें हिजाब में एंट्री देने से मना कर दिया था।
आज कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। इसे लेकर कर्नाटक के शिक्षामंत्री बीसी नागेश ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की।
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