मुंबई की सरजमीं से अंडरवर्ल्ड (Underworld) की दुनिया में अब तक ऐसे कई डॉन हुए हैं, जिनके खूनी किस्से सुनकर कांप जाते हैं लोग. भारत की आजादी के बाद मुंबई में अपराधियों ने आतंक मचा दिया था. 70 के दशक में करीम लाला, वरदराजन मुदलियार और हाजी मस्तान नाम के तीन अपराधियों का मुंबई अंडरवर्ल्ड पर सिक्का चलता
पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में गैंगस्टर करीम लाला के बारे में लिखा था कि वह एक वक्त पठान समुदाय से जुड़े एक संगठन का प्रमुख था और वह सीमांत गांधी कहे जाने वाले खान अब्दुल गफ्फार खान से प्रेरित था।
करीम लाल का जन्म अफगानिस्तान में हुआ था। वो पश्तून था और महज 21 साल की उम्र में काम की तलाश में भारत आ गया था। 1930 में मुंबई (बंबई) पहुंचकर करीम लाल ने शुरुआत छोटे-मोटे काम धंधों से की, लेकिन यह उसे ज्यादा दिन नहीं पसंद आया।
शिवसेना नेता संजय राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला की मुलाकात को लेकर जो बयान दिया था उसे मुंबई के एक और डॉन हाजी मस्तान के गोदी पुत्र सुंदर शेखर ने सही बताया है
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला की मुलाकात को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने जो बयान दिया था उस बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें चेतावनी देते हुए नसीहत दी है
गुरुवार को इंडिया टीवी ने जब संजय राउत से पूछा कि क्या करीम लाला को शिवसेना अपराधी मानती है तो इस सवाल पर संजय राउत भड़क गए
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