दुनिया के लिये नायक रहे और परिवार के लिए ‘शरारती’ कैप्टन सौरभ 1999 के करगिल युद्ध के दौरान शुरुआत में शहीद हुए सैनिकों में एक थे। वह भारतीय थल सेना के उन छह कर्मियों में एक थे, जिनका क्षत विक्षत शव पाकिस्तान द्वारा सौंपा गया था।
राजनाथ सिंह बतौर रक्षामंत्री आज अपने दूसरे जम्मू कश्मीर दौरे पर हैं। इस मौके पर रक्षामंत्री कारगिल जाएंगे। जहां भारत के सैन्य अभियान ‘‘आपरेशन विजय’’ की 20 वीं वर्षगांठ पर द्रास में करगिल युद्ध स्मारक में शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित करेंगे।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान 1999 की करगिल जैसी घुसपैठ को दोहराने की हिम्मत नहीं करेगा क्योंकि वह इसके ‘‘परिणाम देख चुका’’ है और सशस्त्र सेनाएं सीमाई इलाकों में कड़ी निगाह बनाए हुए हैं।
टिपनीस ने ‘ए प्राइम मिनिस्टर टू रेमेम्बर-मेमोरीज़ ऑफ ए मिलीट्री चीफ’ नामक पुस्तक के विमोचन के मौके पर अपने संबोधन में 1999 के कारगिल संघर्ष के दौरान वाजपेयी के साथ उनकी और तत्कालीन सेना प्रमुख वेद मलिक की हुई बैठक का हवाला देते हुए यह बात कही। यह पुस्तक पूर्व नौसेना प्रमुख सुशील कुमार ने लिखी है।
करगिल विजय दिवस की अगले महीने 20 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए थल सेना की दिल्ली से जम्मू कश्मीर के द्रास तक कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। इस साल के समारोह 25 से 27 जुलाई तक, तीन दिनों तक चलेंगे।
शिविर में जाने से पहले सनाउल्लाह ने वहां इंतजार कर रहे पत्रकारों को बताया कि वह भारतीय नागरिक हैं और उनके पास नागरिकता से संबंधित सारे कागजात हैं।
देश इस साल कारगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। इसी मौके पर भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने मिग 21 में बैठकर उड़ान भर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
करगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने गुरुवार को दावा किया कि टाइगर हिल पर फिर से कब्जा कर लेने के दूसरे दिन ही सेना का मनोबल बढ़ाने के लिये नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे थे।
भारत के खिलाफ 1999 के करगिल युद्ध की योजना बनाने वाले कुछ पाकिस्तानी जनरलों ने तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ की सराहना करते हुए कहा है कि वह इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए अपने पूर्वाधिकारियों की तुलना में कहीं अधिक साहसी थे।
करगिल सेक्टर में 1999 में भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच लड़ाई शुरू होने से कुछ सप्ताह पहले जनरल परवेज मुशर्रफ ने एक हेलिकॉप्टर से नियंत्रण रेखा पार की थी और भारतीय भूभाग में करीब 11 किमी अंदर एक स्थान पर रात भी बिताई थी।
जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पडोसी पकिस्तान से अच्छे सम्बन्ध बनाने के विचार से फरवरी 1999 में बस द्वारा नई दिल्ली से लाहोर तक की एतिहासिक यात्रा की तो उन्हें इसका तनिक भी आभास नहीं था कि करगिल युद्ध की नीव उसी समय पड़ गई थी।
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना के एक जगुआर ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के ऊपर उड़ान भरी। इसका उद्देश्य पाकिस्तानी सेना के एक ठिकाने पर लेजर गाइडेड सिस्टम से बमबारी करने लिए टारगेट को सेट करना था। इसके पीछे आ रहे दूसरे जगुआर को बमबारी करनी थी।
मुंबई के आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में रक्षा मंत्रालय की तरफ से नियुक्त उच्चस्तरीय समिति ने अपनी जांच में सेना के 2 पूर्व प्रमुखों, जनरल एन. सी. विज और जनरल दीपक कपूर तथा कई अन्य रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर्स की संलिप्तता पाई है।
कैप्टन विक्रम बत्रा वह नाम है जो 7 जुलाई 1999 को हिंदुस्तान के शहीदों की सूची में अमर हो गया। इस बहादुर सैनिक अफसर ने जान की बाजी लगाकर वह कर दिखाया जो केवल एक 'परमवीर' ही कर सकता है।
3 जुलाई 1999, यानी आज से 18 साल पहले भारतीय सेना के एक युवा अधिकारी ने बहादुरी की वह इबारत लिखी थी, जिसे याद करके आज भी हर भारतीय का सीना फख्र से चौड़ा हो जाता है।
लाहौर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल युद्ध के दौरान पाक पीएम नवाज शरीफ ने फोन पर बात की। उस समय वाजपेयी बहुत ज्यादा गुस्सा थे और उन्होंने फोन पर ही नवाज
नई दिल्ली: कारगिल की लड़ाई अपने आप में कई राज छुपाए हुए है। उस समय क्या हुआ था ये कोई नहीं जानता। हर कोई अलग-अलग अंदाजा लगाता है। हम आज आपको बताने जा रहे हैं
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