26 जुलाई को 1999 में कारगिल युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया था। युद्ध में बलिदान देने वाले देश के वीर सपूतों की याद में हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। करीब दो महीने से अधिक वक्त तक चले कारगिल युद्ध में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 1,300 से अधिक घायल हुए थे।
22वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर, भारतीय सशस्त्र बलों की जीत के उपलक्ष्य में और हमारे शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई के कोलाबा में शहीद स्मारक पर एक पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया था।
Captain Vijayant Thapar दो राजपूताना राइफल्स के जांबाज़ अफसर थे। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने तोलोलिंग के बंकर पर कब्ज़ा कर उन्होंने भारत को पहली जीत दिलवाई थी। जानिए उनकी वीरता की कहानी।
जाट रेजिमेंट के 17 वें बटालियन के कैप्टेन अनुज नैयर करगिल युद्ध के दौरान 6 जून 1999 को पॉइंट 4875 को बचाते हुए शहीद हुए थे। जानिए उनकी शहादत की पूरी कहानी।
पाकिस्तान की हरकतों से दिलीप बेहद नाराज़ थे, लेकिन 1999 में जब पाकिस्तान ने कारगिल में भारत पर हमला किया तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था।
नवाज शरीफ ने कहा है कि 1999 का करगिल युद्ध पाकिस्तानी सेना ने नहीं, बल्कि कुछ जनरलों ने शुरू किया था।
जिस समय भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध चल रहा था उस समय अख्तर के सा इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट टीम नॉटिंघमशायर ने उनके साथ 175,000-पाउंड ( लगभग 1 करोड़ 71 लाख ) की डील करनी चाही थी।
युद्ध केवल सीमाओं पर ही नहीं, देश में भी कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा जाता है: पीएम नरेंद्र मोदी
इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान विशाल बत्रा ने कारगिल विजय दिवस पर भाई कैप्टन विक्रम बत्रा को किया याद
विजय दिवस पर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि वे भारत पर हमला करने के बारे में सोचेंगे, तो देश जवाबी कार्रवाई करने से नहीं डरेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में सबसे पहले करगिल विजय दिवस का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज 26 जुलाई है, आज का दिन बहुत खास है। आज ‘कारगिल विजय दिवस’ है।
26 जुलाई को 'ऑपरेशन विजय' के सफल समापन को चिह्नित करने के लिए हर साल 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है जिसने नियंत्रण रेखा के साथ 3 महीने के युद्ध को समाप्त कर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, MoS रक्षा श्रीपाद नाइक और तीन सेवा प्रमुख कारगिल युद्ध में भारत की जीत की 21 वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की |
26 जुलाई, 1999 को, भारतीय सेना ने कारगिल की बर्फीली ऊंचाइयों पर लगभग तीन महीने की लंबी लड़ाई के बाद एक जीत की घोषणा करते हुए 'ऑपरेशन विजय' की सफल परिणति की घोषणा की थी।
आज हम इसी कारगिल युद्ध की पूरी कहानी बता रहे हैं, हर दिन, हर रात हमारे वीर सैनिकों ने कैसे एक एक पहाड़ी से नापाक पाकिस्तानियों को खदेड़ कर तिरंगा फहराया था।
21 Years of Kargil War: हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में जन्मे कैप्टन विक्रम बत्रा ने 1996 में भारतीय सेना की संयुक्त रक्षा परीक्षा पास की और सेना में कमिशन लेकर लेफ्टिनेंट बने।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से भारतीय सेना में भर्ती हुए राइफलमैन (अब सूबेदार) संजय कुमार के शौर्य की गाथा पढ़कर आप भी रोमांचित हो उठेंगे।
कारगिल विजय दिवस के 26 जुलाई को 21 साल पूरे हो गए है। इस 1999 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेनिकों ने अपने पराक्रम की उस अमर कहानी को लिखा जिसपर हर भारतीय गर्व महसूस करता है।
पाकिस्तान के खिलाफ हुआ 1999 कारगिल युद्ध भारत की विजय गाथा बताता है। इंडिया टीवी की खास रिपोर्ट में देखिये आखिर भारतीय सैनिको ने कैसे जीता था कारगिल का युद्ध।
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