कारगिल विजय के 25 साल पूरे हो गए हैं। इस युद्ध के नायक विक्रम बत्रा का आज जन्मदिन है। विक्रम बत्रा कारगिल युद्ध दौरान कैप्टन थे और उन्होंने इस युद्ध में पाकिस्तान के होश उड़ा दिए थे।
पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने करगिल में पाक सेना के जवानों की मौत की बात स्वीकार की है और कहा है कि हां, करगिल युद्ध में हमारी सेना की सीधी भूमिका थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी आज कारगिल में शहीद स्मारक पर जाकर कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी....सरहद पर खड़े होकर पाकिस्तान को कड़े लहजे में....साफ साफ लब्जों में मैसेज दिया कि अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा...अगर पाकिस्तान ने घुसपैठ और आतंकवाद की हरकरतें बंद नहीं की...तो पाकिस्तान को सबक सिखाया
Kargil Vijay Diwas Vikram Batra Video: कारगिल विजय दिवस के दिन एक बार फिर से कैप्टन विक्रम बत्रा का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में कैप्टन विक्रम बत्रा को मीडिया को बाइट देते हुए देखा जा सकता है।
26 जुलाई ही वह दिन था जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा कब्जाई गई चौकियों पर तिरंगा फहराया था। इस युद्ध में भारत के 527 बहादुर सैनिकों ने शहादत दी। जब कारगिल युद्ध हुआ था, उस समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। युद्ध जीतने के बाद उन्होंने 'ऑपरेशन विजय' के सफल होने का ऐलान किया था।
आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक प्यारा सा वीडियो वायरल हो रहा है जिसे देखने के बाद आप भी गौरवान्वित महसूस करेंगे। आइए आपको बताते हैं कि वीडियो में क्या नजर आ रहा है।
जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या अन्य किसी अहम पद पर नहीं थे तब भी कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने भारी गोलीबारी के बीच इस क्षेत्र का दौरा किया था। आइए जानते हैं इस किस्से के बारे में विस्तार से।
कारगिल पर विजय को आज 25 साल पूरे हो गए हैं। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना के जवानों ने कारगिल पर विजय हासिल की थी। इस दौरान कई जवान शहीद भी हो गए थे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज इन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
भारत कारगिल विजय की रजत जयंती मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस के मौके पर लद्दाख पहुंचे थे। यहां से उन्होंने भारत के दुश्मनों को सीधी चेतावनी दे दी है। आइए जानते हैं कि पीएम मोदी ने क्या कहा।
भारत आज शुक्रवार, 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मना रहा है। पूरा देश भारत के वीर शहीद जवानों को याद कर रहा है। आइए जानते हैं कारगिल युद्ध से जुड़ा एक अनोखा किस्सा।
26 जुलाई को 25वां कारगिल विजय दिवस है। पीएम मोदी आज लद्दाख के करगिल वॉर मेमोरियल पहुंचे हैं। पीएम मोदी ने यहां कारगिल की जंग में अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
कारगिल की लड़ाई के हीरो कर्नल बलवान सिंह ने कारगिल की लड़ाई के दिलचस्प किस्सों को शेयर किया। उन्होंने बताया कि तोलोलिंग पर मिली जीत के बाद कारगिल की लड़ाई कितनी अहम थी। उन्होंने बताया कि तोलोलिंग की लड़ाई 24 दिन तक लड़ी।
साल 1999 में कारगिल में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना और घुसपैठियों को धूल चटाई थी। इस शौर्य के 25 साल पूरे होने वाले हैं। पीएम मोदी भी इस बार कारगिल विजय दिवस में शामिल होंगे।
करगिल युद्ध के 25 साल हो गए। जुलाई 1999 में दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में लड़ी गई इस लड़ाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। इसी लड़ाई में भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर भी चलाया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल की लड़ाई साल 1999 में लड़ी गई। भारत को इस युद्ध में जीत मिली और पाकिस्तान को हार। इस लड़ाई को जीतने में निर्णायक भूमिका निभाई कैप्टन विक्रम बत्रा ने। चलिए बताते हैं विक्रम बत्रा के पराक्रम की कहानी।
कारगिल युद्ध के हीरो रहे परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की मां कमलकांत बत्रा का निधन हो गया। वह 77 साल की थीं। उन्हें हार्ट अटैक आया था।
कारगिल युद्ध को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि पाकिस्तानी फौज कारगिल पर हमला करे। मगर इस प्लान का विरोध करने के कारण उन्हें पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने पद से हटा दिया था।
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली द्वारा सूबेदार मेजर त्सेवांग मुरोप के निधन पर शोक व्यक्त किया है। बता दें कि राशिम बाली ने सूबेदार मेजर के घर जाकर परिजनों का सांत्वना देने का भी काम किया।
Kargil Vijay Diwas: क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ हुए करगिल युद्ध में इजराइल ने भी भारत की खूब मदद की थी। इस मदद ने भारतीय लड़ाकों को दुश्मन के खिलाफ मजबूत बना दिया था और पाकिस्तानी सैनिकों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई थी।
26 जुलाई को 1999 में कारगिल युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया था। युद्ध में बलिदान देने वाले देश के वीर सपूतों की याद में हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। करीब दो महीने से अधिक वक्त तक चले कारगिल युद्ध में 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 1,300 से अधिक घायल हुए थे।
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