सिब्बल ने कहा था कि गांधी परिवार को हट जाना चाहिए और किसी अन्य नेता को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों में कांग्रेस की हार हुई इसके बाद आनन—फानन में जी-23 ग्रुप के नेताओं ने मीटिंग की और हार पर असंतोष जाहिर किया। पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सवाल उठाए। जानिए क्या है जी-23 ग्रुप की अहमियत, क्यों कर रहा है गांधी परिवार का विरोध।
कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के नेताओं को अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन नेताओं पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगा डाला। वहीं जी 23 के इन नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी बात कह डाली।
खड़गे ने कहा, ‘‘उन्हें 100 बैठकें करने दीजिए। सोनिया गांधी जी को कोई कमजोर नहीं कर सकता। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह उनके साथ है। ये लोग बैठकें करते रहेंगे और भाषण देते रहेंगे।’’
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कपिल सिब्बल के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार को पार्टी का नेतृत्व अब किसी और को सौंप देना चाहिए।
अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘अगर कांग्रेस को एकजुट रखना है, तो वह गांधी परिवार के नेतृत्व में ही एकजुट रह सकती है। उनके प्रति यह विश्वास, यह क्रेडिबिलिटी (साख) बनी हुई है, इसलिए आज हर कांग्रेसजन उनके साथ है।’’
हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की। इसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने ये मामले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मेंशन किया और साथ ही इससे जुड़े विवाद का भी जिक्र कोर्ट में किया।
वीर दास ने सोमवार को यूट्यूब पर ‘आई कम फ्रॉम टू इंडियाज’ शीर्षक से एक वीडियो अपलोड किया था। यह वीडियो वॉशिंगटन डीसी के जॉन एफ कैनेडी सेंटर में उनकी हालिया प्रस्तुति का हिस्सा था।
सिब्बल ने बुधवार को लखीमपुर खीरी मामले का हवाला देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाना चाहिए।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में चुप रहना कोई विकल्प नहीं है क्योंकि इसका मतलब होगा कि आप भी उसके 'अत्याचारों' में सहभागी हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने सिब्बल के आवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन को लेकर अपनी राय जाहिर की।
सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए।
सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे।
वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा, करोड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता इस तरह की हरकतों के कारण पीड़ा महसूस कर रहे हैं।
कांग्रेस के दिग्गत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के उस बयान से कांग्रेस पार्टी के कई नेता खफा हो गए हैं जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं के ग्रुप के बारे में कहा था कि वह 'जी हुजूर 23' ग्रुप नहीं हैं।
दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि एक सीमावर्ती राज्य (पंजाब) जहां कांग्रेस पार्टी के साथ ऐसा हो रहा है, इसका क्या मतलब है? इससे ISI और पाकिस्तान को फायदा है। कांग्रेस को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एकजुट रहें। अगर किसी को दिक्कत है तो वो पार्टी के वरिष्ठ नेता से चर्चा करें।
कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे एक वरिष्ठ सहयोगी ने cwc की मीटिंग के लिए कांग्रेस अध्यक्षा को लिखा था ताकि जो हम पब्लिक में नहीं कह सकते वो उनके सामने कह सकें। कम से कम cwc में इस बात पर चर्चा तो हो कि क्यों इस तरह की स्थिति बन चुकी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सुष्मिता देव के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े करते हुए सोमवार को कहा कि पार्टी आंखें मूंदकर आगे बढ़ती है।
राहुल गांधी दो दिवसीय यात्रा पर कश्मीर में है। उनकी गैर मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ट नेता कपिल सिब्बल द्वारा राजधानी नई दिल्ली में एक डिनर पार्टी का आयोजन किया गया। सूत्रों का दावा है कि इस मीटिंग में कुल 15 पार्टियों के 45 नेता मौजूद थे।
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