यूपी के बिजनौर जिले में तीन कांवड़ियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कांवड़िया हरिद्वार से जल लेकर आ रहे थे, इसी दौरान उनके साथ मारपीट की गई। मारपीट करने वाले आरोपी दूसरे समुदाय के हैं।
यूपी बदल रहा है... और बदल रहा है नाम... अब यूपी में अकबर नहीं सौमित्र चलेगा... चाहे मित्र नाराज़ हों या विपक्ष बवाल करे... योगी अपनी बिछाई बिसात पर अपनी चालें चल रहे हैं... सौमित्र वन लहलहाएगा... तो लक्ष्मण जी की भी याद दिलाएगा... तो कांवड़ रूट पर नाम मोटे अक्षरों में लिख दिए गए हैं...
मध्य प्रदेश की इंदौर-2 सीट के विधायक रमेश मेन्दोला ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर यूपी की तर्ज पर दुकानों पर उनके मालिकों का नाम लिखे जाने को लेकर आदेश जारी करने की मांग की है।
जुलाई 22 को सावन महीने की शुरुआत होने जा रही है। इस बीच जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्री कांवड़ लेकर चलेंगे। ऐसे में यूपी में दुकानदारों को दुकानों के बार नेमप्लेट लगाने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बयान जारी किया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरे प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल एवं ढाबा मालिकों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है जिसका कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने समर्थन किया है।
यूपी में नाम तो बताना पड़ेगा. अगर नाम सलमान है और ढाबे का नाम भगवान ढाबा है तो ये नहीं चलेगा. अगर नाम वसीम है और फूड प्वाइंट का नाम गणपति फूड ज्वाइंट है तो ये भी नहीं चलेगा.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज ये दिखा दिया कि वो कदम पीछे खींचने पर नहीं बल्कि मुकाबला करने में यकीन करते हैं..मुज़फ्फरनगर में कांवड़ रूट पर दुकानों में नेमप्लेट लगाने को लेकर सियासी बवाल मचा है..राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विपक्ष ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
यूपी में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानों में नेम प्लेट लगाए जाने के आदेश पर विपक्षी नेताओं ने सीएम योगी को घेरना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर सीधे तौर पर निशाना साधा है।
यूपी में दुकानों पर पहचान बताना क्यों जरूरी ? क्या पहचान बताने के नाम पर भेदभाव किया जा रहा ? क्या यूपी में मजहब बताने को लेकर राजनीति हो रही है ?
मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली दुकान और रेस्टोरेंट के मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने का आदेश जारी किया है। विपक्षी पार्टियां यूपी सरकार के जिस फैसले का विरोध कर रही है, उसे लेकर सोशल मीडिया पर विश्लेषक से लेकर यूजर्स सरकार का समर्थन कर विपक्ष को निशाने पर ले रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में होटल-ढाबे पर नाम लिखने के आदेश को लेकर बवाल हो रहा है, लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अनुसार ऐसा करना जरूरी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा वाले रूट पर सभी दुकानों, ठेलों पर अपना नाम लिखा जाए। इससे कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं।
मोहसिन रजा ने कहा कि आस्था की दृष्टि से किसी को कोई परेशानी नहीं हो तो किसी को अपनी पहचान छिपाने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार सुरक्षा भी दे रही है और व्यवस्था भी दे रही है
कांवड़ यात्रा के दौरान 22 जुलाई से 4 अगस्त तक मालवाहक वाहनों को डायवर्ट किया गया है। यातायात विभाग के मुताबिक डायवर्जन के दौरान इमरजेंसी वाहनों को सकुशल जाने दिया जाएगा। यातायात विभाग ने लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
लोकसभा के लिए तीसरी बार चुने गए चिराग पासवान ने खुद को 21वीं सदी का एक शिक्षित युवा बताया, जिसकी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ है। पासवान ने अपने गृह राज्य बिहार के पिछड़ेपन के लिए इन कारकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया।
सहारनपुर के DIG अजय कुमार साहनी ने कहा कि कई बार दुकानदार दूसरे नामों से अपनी दुकान, ढाबे और होटल चलाते हैं, और बाद में जब असलियत का पता चलता है तो विवाद हो जाता है।
Sawan Kanwar Yatra 2024: डाक कांवड़ यात्रा क्या है और इससे जुड़े नियमों के बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे।
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर एक विवाद चल रहा है, इसी पर मुख्तार अब्बास नकवी ने एक बयान दिया था, आज उस बयान से नकवी पीछे हट गए हैं।
यूपी में कांवड़ यात्रा के रूट्स पर पड़ने वाले दुकानदारों, होटल मालिकों और ढाबा मालिकों सभी लोगों को नेमप्लेट लगाने का आदेश दे दिया गया है। अब फल वाले हों या ढाबे वाले सभी को साफ शब्दों में अपने दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाना होगा।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवर यात्रा के रूट पर लगी दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश पर काफी हंगामा हो रहा है। हालांकि, सीएम योगी की सरकार ने अब इस आदेश को पूरे यूपी के लिए लागू कर दिया है।
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