वाराणसी नगर निगम कार्यकारिणी ने कांवड़ यात्रा को लेकर पूरे सावन माह मीट की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है। यह आदेश कांवड़ यात्रा रूट में पड़नेवाली मीट की दुकानों पर लागू होगा।
22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी.... यानी 29 दिन कांवड़िए अपने आराध्य को पूजेंगे..... उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, बिहार और झारखंड में तैयारियां अपने चरम पर है..... यूपी पुलिस और प्रशासन ने कांवड़ियों के लिए रूट तय कर दिया है...
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर खाने की दुकानों में नाम लिखने के आदेश पर लगातार बवाल हो रहा है। सभी पार्टियों की मीटिंग के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूपी सरकार छुआछूत को बढ़ावा दे रही है। यह आर्टिकल 17 का उल्लंघन है।
यूपी की योगी सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। NGO एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुताबिक, योगी सरकार ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि सामाजिक सौहार्द न बिगड़े और आस्था में डूबे लोगों को अपनी इच्छानुसार पवित्र सामग्री मिल सके।
गाजियाबाद में सभी भारी वाहन चौधरी चरण सिंह मार्ग का प्रयोग कर यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 9 का प्रयोग करते हुए अपने गंतव्य को जायेंगे।
यूपी में कांवड़ यात्रा नेमप्लेट का विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। अब आचार्य प्रमोद कृष्णम भी इस विवाद में कूद पड़े हैं और उन्होंने विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जानिए क्या कहा है कृष्णम ने?
उत्तर प्रदेश में इस वक्त नाम और पहचान पर जबरदस्त सियासी संग्राम छिड़ा है...भोले के भक्तों को लेकर जो फैसला योगी सरकार ने किया...उस पर विपक्ष सवाल उठा रहा है...निशाना साध रहा है...राजनीति कर रहा है...विपक्ष को इसमें हिंदू मुस्लिम वाला एंगल नजर आ रहा है....कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी...
मौलाना मदनी ने कहा कि यह पहली बार है कि इस प्रकार का आदेश जारी करके एक विशेष समुदाय को अलग-थलग करने के साथ साथ नागरिकों के बीच भेदभाव और नफ़रत फैलाने का जानबूझकर प्रयास किया गया है।
कांवड़ यात्रा नेमप्लेट मामले पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का बयान सामने आया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा जारी विवादास्पद निर्देश में ‘कुछ भी गलत नहीं’ है।
यूपी के बिजनौर जिले में तीन कांवड़ियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कांवड़िया हरिद्वार से जल लेकर आ रहे थे, इसी दौरान उनके साथ मारपीट की गई। मारपीट करने वाले आरोपी दूसरे समुदाय के हैं।
यूपी बदल रहा है... और बदल रहा है नाम... अब यूपी में अकबर नहीं सौमित्र चलेगा... चाहे मित्र नाराज़ हों या विपक्ष बवाल करे... योगी अपनी बिछाई बिसात पर अपनी चालें चल रहे हैं... सौमित्र वन लहलहाएगा... तो लक्ष्मण जी की भी याद दिलाएगा... तो कांवड़ रूट पर नाम मोटे अक्षरों में लिख दिए गए हैं...
मध्य प्रदेश की इंदौर-2 सीट के विधायक रमेश मेन्दोला ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर यूपी की तर्ज पर दुकानों पर उनके मालिकों का नाम लिखे जाने को लेकर आदेश जारी करने की मांग की है।
जुलाई 22 को सावन महीने की शुरुआत होने जा रही है। इस बीच जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्री कांवड़ लेकर चलेंगे। ऐसे में यूपी में दुकानदारों को दुकानों के बार नेमप्लेट लगाने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बयान जारी किया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरे प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल एवं ढाबा मालिकों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है जिसका कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने समर्थन किया है।
यूपी में नाम तो बताना पड़ेगा. अगर नाम सलमान है और ढाबे का नाम भगवान ढाबा है तो ये नहीं चलेगा. अगर नाम वसीम है और फूड प्वाइंट का नाम गणपति फूड ज्वाइंट है तो ये भी नहीं चलेगा.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज ये दिखा दिया कि वो कदम पीछे खींचने पर नहीं बल्कि मुकाबला करने में यकीन करते हैं..मुज़फ्फरनगर में कांवड़ रूट पर दुकानों में नेमप्लेट लगाने को लेकर सियासी बवाल मचा है..राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विपक्ष ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
यूपी में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानों में नेम प्लेट लगाए जाने के आदेश पर विपक्षी नेताओं ने सीएम योगी को घेरना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर सीधे तौर पर निशाना साधा है।
यूपी में दुकानों पर पहचान बताना क्यों जरूरी ? क्या पहचान बताने के नाम पर भेदभाव किया जा रहा ? क्या यूपी में मजहब बताने को लेकर राजनीति हो रही है ?
मुजफ्फरनगर पुलिस ने कावड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली दुकान और रेस्टोरेंट के मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाने का आदेश जारी किया है। विपक्षी पार्टियां यूपी सरकार के जिस फैसले का विरोध कर रही है, उसे लेकर सोशल मीडिया पर विश्लेषक से लेकर यूजर्स सरकार का समर्थन कर विपक्ष को निशाने पर ले रहे हैं।
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