कानपुर के निकट इटावा हाइवे पर पिछले 24 घंटे के भीतर दो एन्काउंटर हुए हैं। दोनों एन्काउंटर में ढेरों इत्तेफाक हैं, जो शक भी पैदा कर रहे हैं।
गुरुवार को, जब पुलिस अमर दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने की सूचना उसके परिवार को देने के लिए बिकरू गांव पहुंची तब उन्हें वहां पता चला कि अमर का पिता संजीव दुबे जीवित है।
10 जुलाई की सुबह पुलिस द्वारा जवाबी कार्रवाई में गैंगस्टर विकास दुबे की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए मारे गए सिपाही जितेंद्र सिंह (छापेमारी की कार्रवाई के दौरान गैंगस्टर द्वारा मारे गए) के माता-पिता ने राहत की सांस ली।
कानपुर के कुख्यात अपराधी और बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
गैंगस्टर विकास दुबे ने कार पलटने के बाद भागने का प्रयास किया। पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण करने की कोशिश की, जिसके दौरान उसने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की और पुलिस द्वारा जवाबी गोलीबारी में मारा गया।
कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के एन्काउंट के बाद शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के भाई का बयान सामने आया है।
कानपुर आईजी ने कहा कि आज हुए हादसे में 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे मारा गया है |
गैंगस्टर विकास दुबे ने कार पलटने के बाद भागने का प्रयास किया। इस दौरान उसने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की
गैंगस्टर विकास दुबे ने कार पलटने के बाद भागने का प्रयास किया। इस दौरान उसने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की। पुलिस द्वारा जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया और बाद में उसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि गाड़ी के पलटने पर विकास दुबे ने अपने साथ बैठे पुलिस कर्मियों से राइफल छीनी और उन पर गोली चला दी जिसमें 2पुलिस कर्मी घायल हो गए।
यूपी के आला अधिकारियों ने वही घटनाक्रम बयान दिया है जो अक्सर सभी एन्काउंटर के बाद सुनने को आता है।
कानपुर आईजी ने कहा कि आज हुए हादसे में 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे मारा गया है |
कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर कांग्रेस नेता और और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर यूपी पुलिस और योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है।
उन्होंने लिखा कि तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कहा है कि जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन-किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा।
गैंगस्टर विकास दुबे ने कार पलटने के बाद भागने का प्रयास किया। पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण कराने की कोशिश की, इस दौरान उसने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की। पुलिस द्वारा जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया और बाद में उसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने एनकाउंटर की पुष्टि करते हुए कहा कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिसवालों का हथियार छीनकर भाग निकला। उसे सरेंडर करने का मौका दिया गया था, लेकिन विकास दुबे ने फायरिं शुरू कर दी
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि पहले गोलीबारी किसने की। विकास के सीने और कमर में दो गोलियां लगने की खबर है। विकास दुबे को कानपुर के हैलेट अस्पताल ले जाया गया। वीडियो में विकास दुबे मृत दिख रहा था।
बताया जा रहा है कि वाहन पलटने के बाद विकास पुलिस कर्मियों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई जिसमें विकास दुबे की मौत हो गई।
मध्यप्रदेश से कानपुर लौटते समय अपराधी को लेकर जा रही यूपी एसटीएफ की गाड़ी पलटने के बाद एनकाउंटर में यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे मारा गया
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