विकास दुबे के रिश्तेदारों में बहनोई शव लेने के लिए पहुंचे थे, लेकिन इस दौरान उन्होंने किसी से भी कुछ बात करने से इनकार कर दिया।
एक अपराधी हमेशा प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था की खामियों का गलत इस्तेमाल करने की कोशिश करता है। विकास दुबे की मौत के साथ उत्तर प्रदेश में अपराध के इतिहास का एक और शर्मनाक अध्याय समाप्त हुआ।
कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार होने के बाद विकास दुबे को कानपुर लेकर आ रही यूपी एसटीएफ का वाहन कानपुर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसी वाहन में विकास दुबे भी सवार था।
कानपुर स्थित विकास दुबे के गांव बिकरू में जैसे ही एनकाउंटर में उसके मारे जाने की खबर पहुंची, कई लोगों के चेहरे खिल उठे। इन लोगों ने विकास दुबे के मारे जाने की खुशी में मिठाइयां बांटी।
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर और गाडी पलटने को लेकर बड़ा बयान सामने आया है।
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गैंगस्टर विकास दुबे के शव की पोस्टमार्टम प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे पहले उसका कोविड-19 टेस्ट किया गया जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
गैंगस्टर विकास दुबे ने कार पलटने के बाद भागने का प्रयास किया। इस दौरान उसने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की। पुलिस द्वारा जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया और बाद में उसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि ऋचा को पुलिसकर्मियों ने नहीं बताया कि विकास एनकांउटर में मारा गया है। ऋचा को पुलिसकर्मियों के बर्ताव से शक हुआ जिसके बाद उसे अहसास हो गया कि विकास का एनकांउटर हो गया है।
प्रशांत कुमार ने बताया कि शुक्रवार सुबह विकास दुबे के साथ कानपुर के भौती में हुई मुठभेड़ में सिविल पुलिस के 4 कर्मी घायल हुए हैं, जिसमें 3 सब इंस्पेक्टर हैं, एक कांस्टेबल है और 2 एसटीएफ कमांडो को गंभीर चोटें आई हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे खतरनाक गैंगस्टर और कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। विकास के एनकाउंटर के बाद उसकी मां का बड़ा बयान सामने आया है।
भगवान महाकाल ने विकास दुबे का संहार कर दिया है, जिस राक्षस ने ईमानदार पुलिस अफसर देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्याएं की थी।
गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस की जवाबी फायरिंग में मारा गया जबकि वह भागने की कोशिश कर रहा था। 3 घायल पुलिस कर्मियों की हालत स्थिर है।
विकास दुबे ने 2-3 जुलाई की रात को 8 पुलिसकर्मियों की जो हत्या की वह उसके अपराध के घड़े में अंतिम बूंद साबित हुआ और आज घड़ा फूट गया।
गैंगस्टर विकास दुबे ने कार पलटने के बाद भागने का प्रयास किया। इस दौरान उसने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी की। पुलिस द्वारा जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया और बाद में उसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
3 घायल पुलिस कर्मियों की हालत स्थिर है; उनमें से दो को गोलियां छू कर निकल गई । विकास दुबे के सीने पर 3 और हाथ में एक गोली लगी: डॉ। आरबी कमल, प्रिंसिपल, एलएलआर अस्पताल, कानपुर
कानपुर के निकट इटावा हाइवे पर पिछले 24 घंटे के भीतर दो एन्काउंटर हुए हैं। दोनों एन्काउंटर में ढेरों इत्तेफाक हैं, जो शक भी पैदा कर रहे हैं।
गुरुवार को, जब पुलिस अमर दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने की सूचना उसके परिवार को देने के लिए बिकरू गांव पहुंची तब उन्हें वहां पता चला कि अमर का पिता संजीव दुबे जीवित है।
10 जुलाई की सुबह पुलिस द्वारा जवाबी कार्रवाई में गैंगस्टर विकास दुबे की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए मारे गए सिपाही जितेंद्र सिंह (छापेमारी की कार्रवाई के दौरान गैंगस्टर द्वारा मारे गए) के माता-पिता ने राहत की सांस ली।
कानपुर के कुख्यात अपराधी और बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
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