इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक फरीदाबाद के होटल में अपने आप को अंकुर बताने वाला शख्स दोपहर लगभग 12.30 बजे आया था और उसकी तस्वीर वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने आज कहा कि मीडिया में वायरल इस चिट्ठी के मामले की जांच आईजी लेवल के अधिकारी को सौंपी गई है। जांच में सबकुछ खुलकर सामने आ जाएगा।
मार्च में जहां यूपी पुलिस की हिस्ट्रीशीटर की लिस्ट में विकास दुबे का कहीं अता पता नहीं था, वह अब इनाम के मामले में टॉप 3 में शामिल हो गया है।
दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि विकास दुबे ने घटना के एक दिन पहले शाम को चार बजे चौबेपुर थाने में फोन करके धमकी दी थी
सीओ ने चार महीने पहले कानपुर एसएसपी को यह पत्र लिखा था। इस पत्र के माध्यम से, सीओ ने एसएसपी को सूचित करने की मांग की कि गैंगस्टर विकास दुबे का यूपी पुलिस में लिंक था 'और उनके संबंध में एसएचओ का आचरण बेहद संदिग्ध था।
शक के दायरे में आए चौबेपुर थाने के सभी कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है। अब यहां पर कानपुर पुलिस लाइंस से 10 कॉन्सटेबल को चौबेपुर थाने में ट्रांसफर किया गया है।
कानपुर गोलीबारी के केंद्र में भूमि विवाद और विकास दुबे के खिलाफ शिकायत है, जो उनके बहनोई राहुल तिवारी द्वारा दायर की गई थी।
सूत्र के मुताबिक, दुबे की आखिरी लोकेशन औरैया में मिली थी और यह संदेह है कि वह मध्य प्रदेश या राजस्थान, उत्तर प्रदेश की सीमा पार कर गया होगा |
पुलिस लगभग तीन दर्जन पुलिस कर्मियों से पूछताछ कर रही है। मामले की जांच कर रही टीम को पता चला है कि बिकरु गाव में विकास के घर कई पुलिस वालों का आना-जाना था।
कानपुर पुलिस हत्याकांड को लेकर तत्कालीन एसएसपी कानपुर अनंत तिवारी की भूमिका के जांच के आदेश दिए गए हैं। एडीजी कानपुर जोन जय नारायण सिंह अनंत तिवारी की भूमिका की जांच करेंगे।
कानपुर में आठ पुलिसवालों की शहादत पर एक और खुलासा हुआ है। शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र की एक चिट्ठी सामने आई है। सीओ ने मार्च में ही चिट्ठी लिखकर विकास दुबे का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया था।
शिवसेना ने सोमवार को कहा कि कानपुर मुठभेड़ ने ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ उत्तर प्रदेश सरकार की पोल खोल दी है और इस घटना से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में गुंडई खत्म करने के दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं।
हालांकि इनाम में बड़ोतरी के बावजूद अभी तक विकास दुबे का कोई भी सुराग नहीं है और उत्तर प्रदेश के 40 थानों की पुलिस उसे ढूंढ रही है।
कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में चौबेपुर थाने के 3 और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। SSP ने 2 दारोगा और एक सिपाही को निलंबित कर दिया है।
चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में माफिया सरगना विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर छत पर खड़े बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं।
कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी बड़ी हीं निर्दयता से हत्या किया गया।
कानपुर एनकाउंटर मामले पर जानकारी देते हुए कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि पुलिस वालों की जांच चल रही है अभी तीन और पुलिस वाले शक के दायरे में हैं।
कानपुर पुलिस टीम पर हमले के मामले में कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि विकास दुबे को पुलिस मूवमेंट की जानकारी कैसे मिली, इस पर स्थानीय पुलिस स्टेशन के सभी कर्मी हमारी जांच के दायरे में है।
घटना के दिन विकास दुबे के साथ लगभग 60-70 लोग असलहों से लैस होकर मौके पर तैनात थे। इन लोगों ने न सिर्फ पुलिसवालों पर अंधाधुंध फायरिंग की, बल्कि उनकी बेरहमी से पिटाई भी की थी।
सिर्फ विकास दुबे ही नही बल्कि लखनऊ मे स्थित उसके भाई दीप प्रकाश दुबे के घर की भी जांच की जा रही है और प्राधिकरण उसके भी दस्तावेज अपने साथ लेकर चला गया है।
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