लोकसभा चुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर बिहार के बेगूसराय से ताल ठोकने वाले कन्हैया कुमार को पार्टी ने अहम जिम्मेदारी दी है।
चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को इलाज मुहैया कर रहे यहां स्थित श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को घुसने की इजाजत नहीं दी गई
Begusarai Lok Sabha Chunav Result 2019: मौजूदा लोक सभा चुनाव में बेगूसराय बिहार की सबसे चर्चित सीट रही है। जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार को हरा कर गिरिराज सिंह जीत गए है।
बेगूसराय में इसबार त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां भाजपा से गिरिराज सिंह चुनाव, सीपीआई के कन्हैया कुमार और राजद के तनवीर हसन चुनाव मैदान में हैं।
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एवं बिहार के बेगूसराय लोकसभा सीट से सीपीआई प्रत्याशी कन्हैया कुमार कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के लिए भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार करेंगे।
तो क्या इसी कसौटी पर कन्हैया और उनके कार्यकर्ताओं के कारनामे को नहीं कसा जाना चाहिए? या फिर तब काले झण्डे का समर्थन करने वाले अब इसलिए ख़ामोश हैं कि इस बार मामला कन्हैया का है। क्या लोकतांत्रिक प्रक्रिया व्यक्ति और पार्टी देखकर लागू होगी?
कन्हैया कुमार ने लोकसभा चुनाव के लिए क्राउड फंडिंग से सबसे ज्यादा 70 लाख रुपये की रकम जुटाई है, जबकि दूसरे स्थान पर पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी आतिशी हैं
कुछ लोगों का मानना है कि कन्हैया का यह बढ़ता ग्राफ सत्तारूढ़ भाजपा से कहीं ज्यादा राजद के लिये खतरा बन रहा है।
शिक्षाविद से नेता बने योगेंद्र यादव ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावी रैलियों में बालाकोट हवाई हमलों का बार-बार उल्लेख किए जाने की निंदा की है।
बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार समेत 12 लोगों पर नामजद मामला दर्ज किया गया है।
बिहार की बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ रहे कन्हैया कुमार के लिए प्रचार करने के वास्ते सीताराम येचुरी, डी राजा और सुधारकर रेड्डी जैसे वाम दलों के शीर्ष नेता के साथ-साथ बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर अगले हफ्ते लोकसभा क्षेत्र जाएंगे।
दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ से राजनीति की पारी शुरू करने वाले कन्हैया कुमार के पास न कोई घर है और न ही कोई गाड़ी है।
न्हैया के बेगूसराय लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के समय स्वरा उनके साथ रहना चाहती हैं।
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और वामपंथी दलों के साझा उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने मंगलवार को बेगूसराय लोकसभा सीट से नामांकन का पर्चा दाखिल किया।
दिल्ली पुलिस ने अदालत से पहले कहा था कि इस मामले में कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी मिलनी बाकी है और इसे मिलने में दो से तीन महीने का समय लग सकता है।
बिहार में राजद और भाकपा के बीच लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की बेगूसराय से उम्मीदवारी रोड़ा बनी है क्योंकि लालू यादव के नेतृत्व वाले राजद को कन्हैया से जुड़े कई विवादों के चलते उनके चुनाव जीतने की क्षमता पर संदेह था।
लोकसभा चुनाव से पहले चारों तरफ कई तरह की चुनावी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सामाजिक मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखने वाली स्वरा भास्कर एक बार फिर से कन्हैया कुमार की वजह से सुर्खियों में है।
दिल्ली की एक अदालत ने 2016 के जेएनयू राजद्रोह मामले पर सुनवाई करते हुए शनिवार को कहा कि मंजूरी के संबंध में शहर की पुलिस की भूमिका समाप्त हो गई और वह इसके बारे में अब दिल्ली सरकार से पूछेगी।
सूत्रों का कहना है कि भाकपा के इस निर्णय के बाद बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणात्मक संघर्ष देखने को मिलेगा। यहां से राजग की घटक भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने में 3 साल लग गए और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली पुलिस ने बिना दिल्ली सरकार की इजाजत के चार्जशीट दाखिल कर दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के इस कदम से कई सवाल उठते हैं
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