मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दोषियों की फांसी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अपनी पहली टिप्पणी में शिवराज सिंह ने कहा कि चारों नरपिशाचों को उनके कुकृत्य के लिए सजा मिल गई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आज मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ शक्ति परीक्षण यानी फ्लोर टेस्ट से पहले कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं, यह चर्चा सियासी गलियारों में है।
मध्य प्रदेश के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सूबे में सियासी हलचाल जारी है। मध्य प्रदेश के स्पीकर एनपी प्रजापति ने 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो विधायकों (एक कांग्रेस एवं एक भाजपा) का निधन हो जाने से वर्तमान में दो सीटें खाली हैं और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किये गये हैं। इस प्रकार अब सदन में कुल 222 सदस्य रह गये हैं।
उच्चतम न्यायालय द्वारा मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष एन पी प्रजापति को शक्ति परीक्षण के लिये शुक्रवार को सदन का विशेष सत्र बुलाये जाने और यह प्रक्रिया शाम पांच बजे तक पूरी करने के निर्देश दिये जाने के बाद प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार का भविष्य अब कांग्रेस के 16 बागी विधायकों पर टिका है।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण फ्लोर टेस्ट करवाना जरूरी हो गया है। पीठ ने कर्नाटक डीजीपी को भी 16 बागी विधायकों को सुरक्षा देने के आदेश दिए, जो हो सकता है कि फ्लोर टेस्ट में भाग लें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बागी विधायक विधानसभा में आना चाहते हैं तो कर्नाटक के DGP और मध्य प्रदेश के DGP दोनों उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं। फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकार्डिंग की जाए।
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मध्य प्रदेश में जारी घोर राजनीतिक संकट के बीच राज्य की कमलनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। आज हुई केबिनेट मीटिंग में सरकार ने राज्य में तीन नए जिलों को मंजूरी प्रदान कर दी है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आज पार्टी के बागी विधायकों से मिलने बैंगलुरू पहुंचे जहां पुलिस द्वारा एहतियातन हिरासत में लेने के बाद भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है। दिग्विजय ने यहां एक रिसॉर्ट में ठहरे कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया था।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर भले ही संकट के बादल मंडरा रहे हैं, मगर कांग्रेस ने अब तक हार नहीं मानी है और वह मैदान छोड़ने को तैयार नहीं है।
भाजपा के बाद अब मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने याचिका में बीजेपी पर अपने 16 विधायकों को किडनैप करने और उन्हें बंधक बनाने का आरोप लगाया।
मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों ने मंगलवार को दावा किया कि पार्टी के 20 और विधायक उनके साथ आने को तैयार हैं और आने वाले दिनों में वे भाजपा में शामिल होने के बारे में सोच रहे हैं।
मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस अपने-अपने पासे फेंकने में लगे हैं।
गवर्नर के पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री ने जो पत्र लिखा है उसमें कहा है कि संसदीय मर्यादाओं के उलंघन की उनकी कोई मंशा नहीं थी, लेकिन फिर भी गवर्नर को अगर ऐसा लगता है तो उसके लिए वे (मुख्यमंत्री) खेद जताते हैं।
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मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को कमलनाथ सरकार से कहा कि वह मंगलवार को सदन में बहुमत साबित करे।
मध्य प्रदेश की सियासत विधायकों के अंकगणित पर आकर ठहर गई है, जिसने यह गणित अपने पक्ष में कर लिया सत्ता उसके हाथ में होगी और जो चूक गया, सत्ता उससे दूर ही रहेगी।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मंगलवार को कमलनाथ सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए नए सिरे से निर्देश दिया है।
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