कोरोना वायरस से लोगों की जान बचाने वाले कोरोना वारियर्स में एक तरफ चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी हैं तो दूसरी तरफ देशभर में लागू लॉकडाउन को मुस्तैदी से पालन कराकर लोगों को संक्रमण से बचाने वाले कोरोना वारियर्स पुलिस के जवान मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की लगातार बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने तीन दिन तक पूरे शहर को लॉकडाउन करने का निर्णय लिया है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस से संक्रमित एक पत्रकार पर FIR दर्ज की गई है। यह पत्रकार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की बीते 20 मार्च को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी शामिल हुए थे।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर कमलनाथ आइसोलेशन में नहीं है। इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने आज शाम साढ़े सात बजे भोपाल में कमलनाथ से मुलाकात की। उन्होंने इस मुलकात की तस्वीर भी जारी की है।
कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र दिया था और त्यागपत्र देने से पहले उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें भोपाल के सभी नामी पत्रकार मौजूद थे।
भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी आलाकमान ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का फैसला लेगी और बाद में विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी।
मध्य प्रदेश की सियासत में आज नया अध्याय लिखा गया। सूबे के सीएम कमलनाथ ने आज फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया। शनिवार शाम भाजपा के दिग्गज नेता और सूबे के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनसे शिष्टाचार भेंट की।
मध्यप्रदेश में करीब एक पखवाड़े चले सियासी उठापटक के बाद मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ के इस्तीफे के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि वहां लोकतंत्र की हत्या हुई है...
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ के त्यागपत्र की घोषणा के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले गवर्नर लालजी टंडन को दिए अपने त्यागपत्र में कमलनाथ ने नए बनने वाले मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दी हैं और साथ में यह भी कहा है कि नए बनने मुख्यमंत्री को मध्य प्रदेश के विकास के लिए उनका सहयोग मिलता रहेगा।
2018 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच खींचतान बनी हुई थी, उस समय चुनाव के नतीजों के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कमलनाथ भारी पड़े थे
2 विधायकों की मौत और 22 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद 230 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या घटकर 206 रह गई है।
करीब दो हफ्ते लंबी राजनीतिक खीचतान के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ को आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की परीक्षा से गुजरना होगा, लेकिन ऐसी संभावना जताई जा रही है कि उससे पहले मुख्यमंत्री कोई बढ़ी घोषणा कर सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति द्वार 6 मंत्रियों के बाद 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद कमलनाथ सरकार नंबर गेम में पिछड़ती हुई नजर आ रही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज अपने आवास पर एक प्रेस वार्ता बुलाई हुई है और उस प्रेस वार्ता में वे कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
कमलनाथ के इस्तीफे के साथ ही मध्य प्रदेश में सिर्फ 15 महीने बाद बीजेपी की सरकार आने का रास्ता साफ हो गया।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दोषियों की फांसी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अपनी पहली टिप्पणी में शिवराज सिंह ने कहा कि चारों नरपिशाचों को उनके कुकृत्य के लिए सजा मिल गई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आज मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ शक्ति परीक्षण यानी फ्लोर टेस्ट से पहले कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं, यह चर्चा सियासी गलियारों में है।
मध्य प्रदेश के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सूबे में सियासी हलचाल जारी है। मध्य प्रदेश के स्पीकर एनपी प्रजापति ने 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं।
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